ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है) DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है)

1.
ऐ ज़िंदगी...
तेरी नाराजगी से क्या होगा,
मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!

2.
मुझे परवाह नहीं कि
लोग क्या कहते हैं,
मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैं
लोगो से नही...!!

3.
चर्चाये खास हो तो किस्से भी ज़रूर होते है
उंगलिया भी उन्ही पर उठती है जो मसहूर होते है...

4.
वो कोई और चिराग होते हैं जो हवाओं से बुझ जाते हैं,
हमने तो जलने का हुनर भी तूफ़ानों से सीखा है

5.
कभी कुछ ऐसी स्थिति बन जाती है
इंसान जिंदा तो नजर आता है पर वह अंदर से मर चुका होता है

6.
कभी - कभी आप चाह कर भी अपनी दिल की बाते लिख नही पाते और न किसी से कह पाते है

7.
चले जाएगे चुप - चाप एक दिन तेरी दुनिया से,
प्यार की कदर करना किसे कहते है...?
ये तुजे वक़्त सीखा देगा...

8.
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आँसू बहाऊँ मैं उसके लिए,
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा नहीं...!!

9.
दिल में हौसलों का तेज तूफान लिए फिरते हैं,
आसमान से ऊंची हम अपनी उड़ान लिए फिरते हैं,
वक्त क्या आजमाएगा हमारे जोश और जुनून को,
हम तो हथेली पर अपनी जान लिए फिरते हैं...!!

10.
मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है,
आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है,

भूली यादों को जगा देते क्यूं हो
मेरे ज़ख्मों को हवा देते क्यूं हो

मेरे ख़्वाबों में आकर चले जाते हो
मेरी रातों को सज़ा देते क्यूं हो

तुम भी रोते हो मेरे लिए छुपकर
अपनी आंखों से बता देते क्यूं हो

याद है तुम्हें बस एक ग़लती मेरी
और बातों को भुला देते क्यूं हो

मेरे मरने की करके आरज़ू आदिल
मुझे जीने की दुआ देते क्यूं हो

11.
सबसे बेहतरीन नजर वो है
जो अपनी कमियों को देख सके
क्योंकि
नींद तो रोज खुलती है
पर आँखे कभी - कभी

12.
ये तितलियां क्यों उड़ने लगी है !!
मेरे अहसासो को छूने लगी है !!

13.
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी ज़वानी,
मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी...!!

14.
पानी मे तस्वीर कहाँ बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहाँ बनती है,
कोई भी रिश्ता हो ज़िन्दगी में सच्चे दिल से निभाओ,
क्योंकि ये ज़िन्दगी वापस किसे मिलती है।

15.
ज़रा सी बात देर तक रूलाती रही,
खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही...
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही...

16.
भूलना सीख जाओ साहेब,
एक दिन दुनिया भी वही करेगी ।।

17.
कुछ पन्ने चीख़ते चिल्लाते हुए भी मिलेंगे
किताब - ए - क़ासिद को कभी ग़ौर से पढ़ कर देखिये

18.
मुस्कुरा के महफ़िल में, दर्द को दबाया है हमने,
झूठ तो नही बोला मगर सच, छुपाया है हमने...!

19.
अपने हिस्से की गवाही भी नहीं दे सकते
हम वो मुजरिम हैं सफ़ाई भी नहीं दे सकते...

20.
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो दिल के पास नहीं होता,
बर्बाद हो गये हम उसके प्यार में,
ओर वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता...।

21.
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो,
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो,
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का,
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो...!