कोई लौट के आया है DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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कोई लौट के आया है

1.
दिल का क्या है कहीं भी लग जाए
तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए

2.
ना देख मैरी आंखों की गहराइयां
ख़ामोश लबों पे हैं मैरे तन्हाइयां

3.
रोता रहा फूल... तन्हाई में रात भर,
और लोग ओस कहकर उसे... वहाँ से गुजरते रहे

4.
तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती है पर
जवाब के लिए ज़िद नहीं करती

5.
इस बेईमानी के दौर में,
ईमानदार को बेवकूफ कहा जाता हैं...

6.
दुख दे सकते हो, बोझ लाद सकते हो...
लेकिन मेरे जीने के जज्बे को नहीं छीन सकते...

7.
मंजिल क्या... रास्ता क्या...
हौंसला हो तो फिर फांसला क्या...

8.
खामोशी को समझना सीखो क्योंकि टूटे हुए,
लोग शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते,

9.
भूल जाने की हक तुझे था,
याद रखने का हक़ तो मेरा है।।

10.
मेरे पास ऐसा कोई नहीं है,
जिसे कह सकूं मुझे भी दर्द होता है,

11.
ये भ्रम था की सारा बाग़ अपना है
पर तूफान के बाद पता चला...
की सूखे पत्तों पे भी हक…
बेरहम हवाओ का था

12.
स्त्री का पहला प्रेम उसका सम्मान होता है...!
और उसके प्रति किसी पुरुष की आँखों मे आँसू उसकी सबसे बड़ी संपत्ति...

13.
"मेरी ही कहानी में तूने मार दिया मुझको"
"तू साथ तो है मेरे मगर अब याद नहीं मुझको"

14.
मुझे नफरत पसंद है
लेकिन दिखावे का अपनापन नही

15.
“उसे कह दो कि आ जाए सारी रंजिशें भुला कर...
मेरे गांव में आज बारिश का मौसम हैं...!"

16.
*प्यार वो नहीं जो*
*दुनिया को दिखाया जाए,*

*बल्कि वो हैं जो*
*दिल से निभाया जाए...*

17.
जो जहर पिलाने के काबिल ना थे
उनको अमृत पिलाया मै ने।

18.
किस्मत खराब नहीं थी
बस उम्मीद गलत लोगों से की !!

19.
कहने वालों ने तो,
मुझे बहुत कुछ कहा है,
समझने वाले मुझे,
आज भी अपना कहते हैं...

20.
जिंदगी गुजर गई...
ज़िंदगी समझने में...

21.
रखते थे जो कभी,
पहनावे का शौंक...
आखिरी वक्त कह भी नही पाए,
ये कफन ठीक नही...

22.
ज़िंदगी एक रात थी...
हम तो जागते रहे...
किस्मत को नींद आ गई...

23.
बड़ी मुद्दातों बाद ख्वाहिश जगी है,
कि लिबास उतार दें उदासी का...

24.
ख्वाहिशें रेत जैसी होती हैं...
बस फिसलती जाती हैं...

25.
यूं तो पत्थर बहुत से देखे
पर तुम सा कोई नजर नहीं आया...!!

26.
हमें कोई ना पहचान पाया करीब से,
कुछ अंधे थे... कुछ अंधेरों में थे।

27.
लोग सोचते हैं मजबूत व्यक्ति टूटता क्यों नहीं हैं,
लेकिन सच यह है टूट - टूट कर ही वह मजबूत बना है,

28.
पहले लोग दरवाजा खटखटाते थे, और भाग जाते थे,
अब मैसेज सेंड करके डिलीट कर देते हैं, हरकत वही सोच नई

29.
बस इसी बात का मुझे सबर हैं,
कि ऊपरवाले को सब खबर है,

30.
हम जो सोचते हैं वो जिंदगी नहीं होती है,
हमारे साथ जो होता है वो जिंदगी होती है,

31.
सुख - दुख कहना हो तो भगवान से कह दो,
लोगों से अपने दर्द नहीं संभालते,
आपके क्या खाक संभालेंगे,

32.
जिनसे हम आशा करते हैं,
वही हमारी जिंदगी का तमाशा करते हैं,

33.
उम्मीदों के टूटने पर आवाज भले ना हो,
पर दर्द बहुत होता है

34.
इक वक़्त ऐसा भी गुज़रा हमपर...
कि बस हमें गुज़रना ही बाक़ी था...

35.
वक्त - वक्त की बात है
कल तक जो रंग थे...
अब वो दाग हो गए ।।

36.
लिबास कितना भी क़िमती हो,
घटिया किरदार को छुपा नही सकता...