रिश्ता तो हमारा था DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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रिश्ता तो हमारा था

1.
प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है

उसके माथे को चूम लेने का!

उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का।

उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का।

दरअसल प्रेम में पड़े इंसान को डरना ही नहीं चाहिए!

किसी से भी नही!

समय से भी नहीं क्योंकि प्रेम हमें सिखाता है,

ऐसे हक़ के पलों में समय को रोक देने की कला ।

2.
गलती तेरी थी या मेरी क्या फर्क पड़ता है

रिश्ता तो हमारा था

3.
सम्बन्ध भले "वैध" "अवैध" हो सकते है

मगर "प्रेम" नही ...

4.
मन चाही चाहत की भी क्या कोई सरहद होती हैं...

किसी ने कहा हैं हद से गुजरना ही सच्ची मोहब्बत होती है...!!
5.
शिकायत और दुआ मे जब एक ही शख़्स हो,

समझ लो इश्क़ करने की अदा आ गयी तुम्हे...

6.
लम्हे - लम्हे में बसी है तुम्हारी यादों की महक...

ये बात और है कि नज़रों से दूर बसे हो तुम.…!!

7.
प्रेम यह तो नहीं कि मैं जैसे चाहूँ तुम वैसे ही हो जाओ

प्रेम तो यह है कि मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँ चाहे तुम जैसे भी हो जाओ...

8.
तो फिर कहो कि तुम्हें इश्क है हमसे

हम तुम्हें निहारेंगे नजर थकने तक...

9.
चाय हाथ मे यादें साथ में,

सोचते - सोचते चाय ठंढी हो जातीं है

10.
गुज़र जाती है यूँ ही उम्र सारी

किसी को ढूंढते हैं हम किसी में

11.
खूबसूरत होना ज़रूरी नही है,

किसी के लिए ज़रूरी होना खूबसूरत है ...

12.
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर

की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं...!!

13.
स्त्री की भावनाएं
महल जैसी होती हैं
जिसमें
या तो कोई
आ नहीं सकता
और
यदि आ जाए तो
फिर
जीवन भर
जा नहीं सकता...ll

14.
स्त्री सबसे ज्यादा खूबसूरत होती है

जब वह प्रेम में होती है।

15.
मेहताब की झलक लिख दूँ...
या लिख दूँ प्रेम की रातें...

गुमशुदा सी यादें लिख दूँ...
या लिख दूँ नैनों के बहीखातें...

नज़्म-नज़्म सी गजलें लिख दूँ...
या लिख दूँ काव्य की बातें...

मयख़ाने सी मदहोशी लिख दूँ...
या लिख दूँ तेरे नूर की चाहतें...!!

16.
इश्क़ वो है... जब मैं शाम को मिलने का वादा करूँ,

और वो दिन भर... सूरज के होने का अफ़सोस करे...!

17.
सीमित शब्द हों,
और असीमित अर्थ हों,
लेकिन इतना ही हों
कि शब्दों से किसी को कष्ट न हो।

18.
मत छीन खु़द को मुझसे,
मेरे पास तेरे सिवा है ही क्या।

19.
तुम
वो खूबसूरत
"मोड़" हो,
जहां
हमेशा के लिए,
"ठहरने" को
जी चाहता है...!!

20.
आज उसने बड़ी गजब उपमा दी
मेरी इस सजीव मोहब्बत की l

उसने कहा मैंने तेरी मोहब्बत को
अपने सीने में छिपा रखा है,
काले धन की तरह l

किसी को खबर लगते ही
हंगामा हो जाएगा l

फिर तो कभी ईडी कभी
सीबीआई का समन आएगा l

21.
अब अदरक इलायची की जरुरत कहां है मुझे !!

एक तेरा नाम लेते है और ये चाय महक जाती है !!

22.
इश्क़ सहूलियतों का खेल नहीं
दीवानगी की रवायत है

23.
मैं उसे याद नहीं करती,
गलत इल्जाम है
उसे भूली ही कब थी...

24.
नब्ज़ क्या ख़ाक बोलेगी हक़ीम सहाब
जो दिल पे गुज़र रहीं है वो दिल ही जानता है...

25.
क़िस्मत वालों को मिलती है ऐसी मोहब्बत...
जो बक्त भी दे प्यार भी दे और ख़्याल भी रखे...!!