चेहरा खिलता है (मोहब्बत में) DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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चेहरा खिलता है (मोहब्बत में)

1.
मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या...

गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...

2.
तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर,

वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर...

3.
माथा तो लाओ चूम लूं, सौग़ात दूं तुम्हें...

तुमने जो मोहब्बत में ज़िंदगी मेरी हराम की

4.
एतबार की बात करते हो साहिब...?
तो सुनो... उन्होंने दिन को रात कहा... और हम सो गए...

5.
इतना आसान नहीं है मोहब्बत कर के जी पाना,

हमारी अलग बात है हमने मौत से किश्तें बाँध रखीं हैं,

6.
कैसे सीने से लगाऊ किसी और के हो,

मेरे होते तो बता ता की मोहब्बत क्या है!!

7.
ये इंतजार जो तुम हमें किश्तों में दे रहे हो...

सोचो वो आलम जब हम तुम्हे ब्याज के साथ लौटायेंगे...!

8.
*थी बहुत सी "राहे" तुम तक पहुँचने को मगर ...

*मुझे रास्ता बस ... तेरे "इंतजार" का अच्छा लगा ...*

9.
फिजा मे हरियाली तुमसे है...

या तुम बदल गये हे मौसम को देखकर...

10.
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें...!!

ऐ दिल कुछ तो बता दे ये माजरा क्या है...!!

11.
रुका हुआ है अज़ब धूप - छाँव का मौसम...!!

गुजर रहा है कोई दिल से बादलों की तरह...!!

12.
नजर जिसकी तरफ करके निगाहें फेर लेते हो...!!

कयामत तक उस दिल की परेशानी नहीं जाती...!!

13.
"उसकी नज़रों में
बसंत जैसी बहार...

हथेलियों में गर्मी
जैसी ऋतु ग्रीष्म...

मन में सकूँ
सर्द मौसम जैसा...

कैसे न कहूँ
तुम मेरे मुकम्मल 'मौसम' हो...!"
14.
वो मेरे हर सवाल का जबाव लेके आया था

वो खुद खामोश था मगर गुलाब लेके आया था...

15.
एक बात हैं जो कई दिनों से तुमको कहनी है

किसी रोज़ ख्वाबो में आओ तुम्हारी तस्वीर लेनी है...

16.
तेरे सिवा भी कहीं थी पनाह भूल गए

निकल के हम तेरी महफ़िल से राह भूल गए...

17.
एक पहुँचे हुए पीर ने कहा था…!!

जिस मोहब्बत का जवाब ना आए उसे इश्क़ कहते है…

18.
शोक से तोड़ो दिल मेरा
मुझे क्या हैरान करोगे...!!

तुम ही उसमें रहते हो
अपना ही घर विरान करोगे...!!

19.
कर - कर मैं हारी...
हर जतन...
तेरी तड़प...
तेरी ही लगन...
भूली - भूली ...
खोयी खोयी ...
भटकी फिरूँ...
तेरी चाह में...
तक - तक...
आंख मुरझाई...
पथराई तेरी आह में...

20.
ये वक़्त बेवक़्त मेरे...
ख्यालों में आने की...
आदत छोड़ दो तुम...
कसूर तुम्हारा होता है...
और लोग मुझे...
आवारा समझते हैं...!!

21.
पूरी दुकान मुह मांगी,
क़ीमत पर बिक जाएगी...!

जिस दिन दर्द ए दिल की,
दवा बाज़ार में आ जाएगी...!

22.
आ गया है फर्क तुम्हारी नज़रों में यकीनन,

अब एक खास अंदाज़ से नज़र - अंदाज़ करते हो।

23.
तेरा ख़्याल ही वजह है, जो हम तेरा जिक्र नहीं करते...!!

हम निभाने में दिलचस्पी रखते हैं, इश्तहारी फ़िक्र नहीं करते...!!

24.
तू सबूत ना मांगा कर महोब्बत के
हर बार मुझसे,

कमबख्त बस इसी दौलत के
मेरे पास कागजात नहीं है...

25.
हमने कब चाहा के वो शख्स हमारा हो जाए,

इतना दिख जाए के आँखों का गुजारा हो जाए।

26.
मुद्दतों बाद आया ख़्याल जो संवरने का...

तेरी कसम तेरी आंखों के आईने बहुत याद आए...

27.
होश उड़ जाएंगें मेरे कातिल के,

कोई उसे बता दे कि मैं जिंदा हू अभी।

28.
दिलों के बंधन में
दूरियां नही गिनते...!!

जहां इश्क़ हो वहां
मजबूरियां नही गिनते...!!