तेरे बिन जिया जाए ना DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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तेरे बिन जिया जाए ना

1.
तेरी गंगा सी पावन प्रीत से,
शाम मेरी पारस हो गई।

डुबकी जो लगाई रूह ने,
शाम - ए - ज़िंदगी बनारस हो गई।।

2.
जिस एहसास को अल्फाज़ न मिले

उससे खूबसूरत कोई एहसास नहीं

3.
किसी स्त्री ने देख लिया ग़र ऐसे मुस्कुरा कर,

पुरषों ने तो यूँ ही बर्बाद कर दिए कई साल उस पर ।

4.
कहीं लगता ही नहीं दिल तुमसे दिल लगाने के बाद

इंतजार तो इंतजार ही रहा

तेरे आने से पहले तेरे जाने के बाद...

5.
पूरे हक़ से माँगना तुम मुझको

मैंने खुद को सिर्फ तुम्हारे हक़ का रखा है

6.
हसरत भरी निगाहों से यूँ न देखिये हमें...

हम ख़ुद भी अधूरे हैं अधूरी ख़्वाहिशों के साथ...

7.
जी चाहता है कुछ तुम्हें भी हो जाए
तुम्हारे ख्वाबों में भी कोई चेहरा बार बार आए

मैं ये नहीं कहती तू भी इश्क कर "पागल"
ख्वाहिश इतनी सी है तुम्हें भी इश्क हो जाए

8.
हम तुम पर एतवार करें भी तो कैसे करें,

हमारा दिल भी आखिर हमारा ना हुआ,

9.
हाल - ए - दिल मुझ से न पूछो मेरी नज़रें देखो

राज़ दिल के तो निगाहों से अदा होते हैं

10.
फरवरी से भी क्या उम्मीद करें
जो खुद किसी एक की ना हुई
कभी 28 की हुई तो कभी 29 की हुई

11.
मेरा इश्क़ तो हर महीने बरकरार रहता है...!
फिर इस फरवरी को इतना गुमान क्यों हैं...!!

12.
उफ्फ

सुनो गुनगुनाते हो छुप कर मेरा नाम

शौक क्या तुम भी लाजवाब रखते हो...!

13.
उदास आँखों में हमने करार देखा है
पहली बार उसे बेक़रार देखा है...!
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की
उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है...!!

14.
ख्याल - ए - यार में नींद का तसव्वुर कैसा,

आंख लगती ही नहीं, आंख लगी है जब से,

15.
हमसे भुलाया ही नहीं जाता
एक मुखलिश का प्यार,
लोग जिगर वाले हैं
रोज़ नया मेहबूब बना लेते हैं,

16.
तेरी बेरुखी मेरी आदतों में शामिल है

तू मोहब्बत से पेश आये तो अजीब लगता है

17.
उसे फुरसत ही कहां जो वक्त निकाले,

ऐसे ही होते हैं आजकल चाहने बाले,

18.
हमीं को क़त्ल करते हैं हमीं से पूछते हैं वो,

शहीदे - नाज बतलाओ मेरी तलवार कैसी है,

19.
अश्कों से गुजारा अब मेरे यार नहीं होता,
चले भी आओ कि दिल से इंतज़ार नहीं होता,

उस दिन ये लगता है दिन ही नहीं निकला,
जिस दिन आंखों को तेरा दीदार नहीं होता,

कोशिश तो बहुत की मगर मंजर वही है,
दिल के दर्द का कहीं भी उपचार नहीं होता,

आदमी चाहे तो शीशे से पत्थर भी तोड़ दे,
तलबगारों के लिए कोई रास्ता दुश्वार नहीं होता,

कुछ मजबूरियां पैदा करती है हालात वरना,
यूं ही आदमी जीने से बेजार नहीं होता,

20.
तुम्हें हक़ है मुझे देखो बहुत तुम प्यार से लेकिन ।

हया आती है मुझको भी तेरे दीदार से लेकिन ।।

21.
रहने दे हमारे दरमियाँ, कुछ ज़ज़्बात अनकहे...
तड़प का ज़ायका भी ज़रूरी है,
सफर - ए - इश्क में...

22.
निगाहें तीर जरा तरकश में रखा करो,
दिल ए मोहब्बत नाज़ुक है तासीर में...
उल्फत ए राह आसान कहां होती हैं,
मोहब्बत नहीं होती सबकी तकदीर में...

23.
बेताब दिल की "तमन्ना" यही है, तुम्हे चाहेंगे,
तुम्हे पुजेगे, तुम्हे अपना खुदा बनाएंगे...

24.
मोह लिया तुमने मुझको ऐसे
कुछ ना और दिखाई दे !

तेरे प्रेम के रस में ऐसी डूबी
हर तरफ तू ही तू दिखाई दे !!