1.
वो जो दूर खड़े रहकर बा - अदब कैसा है मिज़ाज हमारा पूछते हैं
जब दरमियाँ कोई बात है ही नहीं फिर क्यों हाल हमारा पूछते हैं
2.
मुहब्बत वाजिब थी हम पर हमने कर डाली तुमस ऐ सनम,
वफ़ा फ़र्ज़ है तुम पर, देखते हैं तुम अदा करते हो या कजा करते हो।
3.
राह देखेंगे तुम्हारी...
चाहे ज़माने लग जाये...
या तो तुम आजाओ...
या हम ही ठिकाने लग जाये...
4.
एक फायदा तो है तुमसे बात करने का...!
मैं थोड़ा ही सही... पर दिल से मुस्कुराती हूं..!!
5.
उम्र भर की चाहतों का ख्वाब आँखों को देकर
क्या तुम भी बिछड़ जाओगे इक रोज जमाने की तरह
6.
इश्क की नासमझी में
हमने सब - कुछ गवां दिया
वो माँग रहे थे कुछ पल की मोहब्बत
हमने अपना दिल थमा दिया,
7.
चलो उनके दिल को छू के जरा देखते हैं,
हम उनके दिल में हैं या वो यूं ही फेंकते हैं...
8.
मेरी जान तेरी "मसरूफियत" मेरे सर आंखों पर...!
मगर आज "इतवार" है, मेरा थोड़ा तो "ख़्याल" कर...!!
9.
तुम्हे याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है।
मैने तुम्हे तस्वीरो मे नही, शब्दो मे सम्भाला है।।
कभी लिख दी दो लाइन की शायरी तुम पर,
तो कभी तुम्हारी यादो मे पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।
10.
उसकी मोहब्बत का ब्याज मेरे दिल पर भारी है,
कैसे मुकर जाए
कमबख्त इश्क की किश्ते लगातार जारी है!
11.
झुँझलाए हैं लजाए हैं ।
फिर मुस्कुराए हैं ।।
किस एहतिमाम से।
उन्हें हम याद आए हैं।।
12.
उम्र गुजर रही है मोहब्बत का एहसास पाने के लिए
कल्पनाओ की होली खेल रहे है हम इस
फागुन मे
सब्र का इंतजार भारी ना पड़ जाए
इसलिए खेलते नही हम होली फागुन मे...
13.
हटा लो नजरे तुम
मेरी निगाहों से,
मर गए तो फिर न कहना, कातिल है हम...।
14.
ये किस क़दर पा लिया मैंने तुम्हें, कि
अब तुमसे मिलने तुम्हारे शहर भी नहीं आना पड़ता।
15.
तुमने सिर्फ इश्क सुना है, पढ़ा है, देखा है,
हमने इश्क किया है, जिया है, हारा है, सहा है...
16.
तुम दो फरेब हम प्यार समझें उसे ...
अब इतना भी सादगी का मेरी जान जमाना नहीं रहा ...!
17.
दर्द का क्या है, दर्द भी तो मेहबूब की तरह बेवफा ही है
मिली कोई ख़ुशी ख़ूबसूरत सी, दर्द खुदसे बेवफाई कर लेता है...
18.
इश़्क वालों का हाल ना पूछो मुर्शिद,
ख़ुशबू दिखती है इन्हें, रंग सुनाई
देता है...
19.
मोहब्बत हुई है जब से, दिल के जज़्बात बहकने लगे हैं,
आ जाओ पहलू में हमारे, आप हमें बड़े अच्छे लगने लगे हैं।
20.
लगी है दिल की, तुम दिल की लगी को क्या जानो,
छोड़ कर दिल्लगी, दिल को लगाओ तो जानो...!
21.
हो मुनासिब तो जरा महसूस कराइये...!
ये इश्क़ क्या है...?
जरा मुझमें खो के बताइये...!!
22.
शिद्दत - ए - इश्क़ में वक्त जा तकाज़ा रहने दीजिए ...
अक्सर आहें भरते है साँसें लेने के बराबर ...
23.
सुन लो जी
पनाहों में जो आया हो तो ... उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो ... उस पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मजा तो ... डूबने की कशमकश में है
हो ग़र मालूम गहराई तो ... दरिया पार क्या करना
24.
प्रेम की तड़पन भी अद्धभुत अहसास है ...!
समंदर जिगर में फिर भी अतृप्त प्यास है ...!!