चेहरे पर मुस्कान है DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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चेहरे पर मुस्कान है

1.
आंखों में आँसू लिए है,
चेहरे पर मुस्कान है...
दर्द से दिल भरा है मेरा,
पर ज़ुबान बंद है...
आदमी बनकर हूँ जीता,
दर्द बेशूमार है...
जीने की एक राह यही है...
जीना हर हाल है...
आंखों में आँसू भरे है,
चेहरे पर मुस्कान है...

2.
तस्वीर लिए दिल में
मैं ढूढ़ता रहता हूं
जिस दिल में बसा था प्यार
कहां गुम हो गया है
वो साथ नही मेरे
आभास क्यों होता है
साया की तरह वो साथ
मेरे साथ चल रहीं है...
यह इश्क़ रुहानी है
या कशिश है यह इश्क़ का
क्यों लगता ऐसा है
नही हमसे ज़ुदा वो है...

3.
रातों को जगाने की अब
आदत हो गई है

हमें इश्क़ नहीं किसी से
मगर जानें क्यों उस चांद से
उल्फ़त सी हो गई है

मैं जानता हूँ की और भी हैं तलबगार उसके
फिर भी उसी की हसरत सी हो गई है

हर पल रहतें हैं ये जो साथ उसके
मुझे इन सितारों से अब जलन सी हो रही है

4.
सच कहूँ ?
आसान नहीं होता
किसी से दिल लगाना
दिल लगाकर
फिर दिल से भूलाना
आसान नहीं होता
उम्र गुजर जाती है
पर भूल नहीं पाता दिल
उनकी छोटी सी एक बात भी
निगाहों को हो जाता है
दीदार उनका
यादों के जरिए
सच कहूं तो
आंखों को सुकून मिलता है
पर दिल की परेशानी
अलग सी होती है

5.
एक बार उनका दीदार हो जाए
आँखों की यही आरजू है,

बड़े दिनों से बिन दरिया के
मेरी कश्ती प्यासी है,

पता नहीं कब खबर आ जाये उनका
इसलिए इंतजार में उनके बैठे हम खाली हैं,

एक लगन है कब से मिलने की उनसे
बस थोड़ा सा सफर और अभी बाकी है !!

6.
बरस पड़ूंगा, बारिश की बूंदों में
नर्म हाथ तुम्हारे, छू लूंगा मैं

तुम्हारे आंगन में, महकेंगे
फूल वो प्रेम लिए, खिलूँगा मैं

इन रस्मों ने, बांध लिया तुमको
हो आज़ाद, क्षितिज पर मिलूंगा मैं

इस जहां में तुमसे
न मिल सका न सही
आसमां में चमकता,
सितारों सा मिलूंगा मैं

7.
उनकी मर्जी के मुताबिक जो चले होते
हम भी आदमी दुनिया में कुछ भले होते

ना होती तुम तो, यहाँ ईश्क कौन करता
शुरू ये शेरों सुखन के ना सिलसिले होते

हुस्न ए आफ्ताब दिल में ना रक्खा होता
ना दिल जलता ना, हम यूँ दिलजले होते

8.
मेरे मन की बंद पड़ी गांठों में,
तुम ही बसी हो मेरी हर सांसों में ।
जो चाहें वो हमें मिले ये जरूरी तो नहीं,
हाथ थामा वो उम्र भर साथ रहे ये जरूरी तो नहीं ।
मोहब्बत के इस सफ़र का कोई मंज़िल ही नहीं,
मन की गिरह को खोल दे
जो खो चुके उसका अब मोल नही,
जो है वही अनमोल बना ।

9.
ना मिले हम फिर कभी
करना हूं रब से ये दुआ...
तुम पराई क्या हुई
मैं टूट अंदर तक गया...
याद दिल में मैं लिए
जीता हूं पर जिंदा नही
तुम बसा ली घर है अपना
मैं उजड़ पूरा गया
अब तो बस यादें है तेरी
और तनहा जिंदगी
जीने को बस इतना है पास
याद तेरी है अभी...!

10.
फिर कभी आना चुपके से,
मेरे दिल के दरिचे में,

जहां ख्वाब संजोये है,
तेरी यादों में हमने,

मन की चाह थी,
तुम्हें अपना बनाने की,

लेकिन किस्मत को,
शायद मंजूर ना था,

आज भी आंखों में काजल,
की तरह फैली हो तुम याद बनकर,

11.
बिन तेरे ख्वाबों का क्या ?
चाहते हसरते लगाऊं क्या ?
तुम से ही सब कुछ तुम हो
दिल के बगिया में गुल हो ...!

खिल जाऊं महका दूं फिजा
हसरतों की उड़ान भर लूं जरा
चहके है दिल एक ख्याल तेरा
बिन तेरे ख्वाबों का क्या ?