1.
नहीं मालूम
क्या शेष रहेगा
मिलन की कोई सांझ रहेगी
या विरह का गीत रहेगा
तुम रहोगी वामांगी मेरी
या तुम्हारे जीवन में कोई और रहेगा
हो सकेंगे एक हम दोनों
या स्मृतियों का अवशेष रहेगा
जो भी होगा जीवन में कल
इतना तो तय है प्रिये
मिट जायेंगी सभ्यतायें सभी, फिर भी
बाकी हमारा प्रेम रहेगा
2.
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें ...
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?
3.
हुआ तो कुछ भी नही
बस…! बस थोड़ा सा दिल टूटा है
थोड़े से लोग बिछड़े
थोड़े से ख्वाब बिखरे है
हुआ तो कुछ भी नही
बस…! थोड़ी सी नींदें उड़ गई
थोड़ी सी खुशियां छिन गई है
हुआ तो कुछ भी नही
बस…! अपने आप को गवाया
आंखों को बरसना सिखाया
चाहतों का सिला पाया
बस…! किसी अपने ने रुलाया है
4.
जब उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच जाओ
जहां से हर कोई तुम्हारा साथ छोड़ने लगे
हारने लगो तुम अपने मन को
तब मुझे याद करना
मुझ तक आना
मैं तुममें वो प्रेम सींचूंगा
जिससे तुम जीत सको जीवन की दौड़
तुम आना अपने सबसे हारे समय मे
मैं रहूंगा सदा तुम्हारे लिए तुम्हारी प्रतीक्षा में...
5.
काश...
हम तुम्हारे लिए जरूरत न होकर मुहब्बत हो पाते
काश...
हम तुम्हारे फरमाइश न होकर ख्वाहिश हो पाते
कुछ इस तरह की आरज़ू हमारी भी थी
आंखों में तेरे अपने लिए...
प्यार और होंठों पर इज़हार देख पाते...
सबकुछ तो समर्पित है तुम्हें...
ये जान भी बसीयत में...
तेरे नाम ही कर जाते...
6.
दूर जाने का फ़ैसला तेरा था,
किसी और को अपना बनाने का
वो जुनून भी सिर्फ़ तेरा था ।
अब यूं ...
आदत ना डालो तुम
मुझे छुप छुप के देखने की,
कुछ वक्त बाद ही
या तो ऊब जाओगे,
या फिर डूब जाओगे ।
अब दूर जा चुके हैं बहुत,
अब लौट के आना
तेरा मुझको मंजूर नहीं ।
अब बंद कर लिया है
मैंने अपने दिल का हर दरवाज़ा
जहां तेरे आने की दस्तक का,
हर लम्हा रहता था दिल को तकाज़ा ।
उम्र भर यूं ही देखा करना,
दुआ है रब से ये मेरी,
मेरी तरह ही हर पल में
तुम भी अब वैसे ही
तड़पते रहना ।।
7.
प्यार कभी भी झुकता नहीं
लाख नज़र चुराओ मगर छुपता नहीं
जाहिर जो हो जाये प्यार तो
बेशुमार धड़के दिल कभी रूकता नहीं
ऐसी है ये प्यार की तासीर
मिलता ये उसी को जिसकी लिखी हो तक़दीर
ये ऐसी तस्वीर
जो वफ़ा की राह में हटाये कदम पीछे हटता नहीं
8.
ख्वाहिश तो बहुत थी
तुम्हें पाने की
मगर
नज़र लग गयी हमें
ज़माने की
कह ना पाए हसरतें
दिल की कभी
क्यूंकि
आदत पड़ गयी है हमें
हिचकिचाने की
तलब, तड़प, बेचैनी कर ना लें
घर दिल में
सो
हिम्मत ही नहीं पड़ी तुमसे
नज़र मिलाने की
कैसे जानोगे तुम दिलके गुबार को
आदत है मुस्कुराने की