अधूरी कहानी - 1 Chandan Kumar Rajput द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अधूरी कहानी - 1

चंदू नाम का एक लड़का जो पढ़ने लिखने में बहुत समझदार था उसने एक ही स्कूल से अपनी पढ़ाई 1से 6 तक एक ही स्कूल से तब तक की उसकी उम्र लगभग 12 साल की थी उस समय एक लड़की से मिला था हलकी वह लड़की से प्यार करता था वाह लड़की बहुत सुंदर थी उसका नाम अनु था अनु और चंदू साथ साथ में पढाई करते थे6 साल तक एक स्कूल में पढ़ाई की उसके बाद किसी करण चंदू ने स्कूल छोड़ कर अलग पढ़ाई करने लगा अब उसने 10वीं में दाखिला ले लिया था चंदू स्कूल की छुट्टी होती ही अपनी सैकिल से अनु को देखने के लिए जल्दी-जल्दी से आता था उसी समय अनु कभी-कभार छूट जाती थी जब भी अनु को नहीं दिखता था वह किसी से बात नहीं करता था जैसे तैसे दिन गुजराता गया अब चंदू का 10वी से 11वी में पहुंच गया था अनु भी 10वी में पहुंच गई थी अक्टूबर का महीना न था चंदू ने अनु को I love you बोल दिया काई दिनों के बाद अनु ने एक लेटर लिखा हमें लेटर लिखा यार हमारे प्यार की शुरुआत हुई चंदू ने सोचा था कि पढ़ लिख कर कुछ बड़ा करूंगा धीरे-धीरे अनु, चंदू की बात फोन पर होने लगी चंदू ने एक बात कही थी अनु से कि मेरे घर की इस्थिति ठीक नहीं है इसके लिए वह सहर कमाने जाएगा इस पर अनु ने कहा क्या आप मुझे देखे बिना रह लोगे या मुझे कुछ नहीं पता अगर प्यार करने वाले एक दूसरे को नहीं देखते तो उनका मन नहीं लगता ओर्र ​​आप. हमसे दूर होने की बात करते हो फिर चंदू ने बहार जाने का ख्याल दिल से निकाल दिया चंदू जब अनु से बात करता था तो वो हमेशा उसे दुखी देखता था पता नहीं क्या अनु को बहुत तकलीफ़ देता था अनु ने चंदू से कुछ ऐसी बात बोली थी जो आगे ऐसी हो गई थी। अनु ने चंदू से कहा था इस जन्म में हमारा मिलना मुश्किल है वो अपनी माता ओर पिता से भी बहुत प्यार करती थी ओर ना ही कोई गलत कदम उठाना चाहती थी अचानक चंदू का मन बाहर जेन का आदमी होने लगा लेकिन जिस दिन चंदू बाहर जेन के लिए घर से निकला उस दिन चंदू ने अनु को कोई बात नहीं बताई. जब घर से निकला तो रस्ते मैं चंदू ने देखा अनु बहुत बीमार थी ओर उसके पापा उसे डॉक्टर के पास ले जा रहे थे चंदू को ये बात नहीं पता था कि अनु बीमार थी। सैम हो गई थी चंदू घर से दूर पहुंच गया था उसका दिल घबरा रहा था रात भर गाड़ी से चलने के बाद चंदू के पास एक दोस्त ने फोन किया बोला अनु अब नहीं रह रही ये सुनकर चंदू की सासे अटक गई और वो कुछ बोल नहीं पा रहा था केवल उसकी आंख से आशु तपाक रहे जब वो सहर पहुचा तो उसका दिल मरने का करने लगा कुछ महीना बीत गया जेन के बाद ठीक से रहने लगा लेकिन चंदू ने अनु को भुला नहीं सका अब वो किसी से ना ज्यादा बात करता अकेला रहता काम करता सब से दूर रहता