क्या तुम आओगे DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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क्या तुम आओगे

1.
शामिल हूँ मैं तेरे रतजगों में
जागूँ भी तो तेरे ख़्वाब सोचूँ

2.
तिरछी नज़र के वार चले
दिल वाले दिल हार चले

3.
बहुत अंधेरा है ऐ इश्क़, तेरे गलियों में ,
हमने भी दिल जलाया फिर भी रौशनी न हुई

4.
आँखें ख़ुदा ने दी हैं तो देखेंगे हुस्न - ए - यार
कब तक नक़ाब रुख़ से उठाई न जाएगी

5.
चांद पर तुम्हारा नाम लिखने को दिल चाहता है
क्या करू ये ख्याल ही दोपहर में आता है

6.
और कुछ यूँ हुआ कि बच्चों ने
छीना - झपटी में तोड़ डाला मुझे

7.
शौक तो नही था मोहब्बत करने का,
नज़रें तुमसे मिली तो हम भी शौकीन हो गए ...!

8.
नहीं होते हम किसी नज़रों के शिकार
हम पर पहले ही किसी का साया है।

9.
तुम तो वफाओं का समंदर हुआ करती थी फिर,
किससे सीख लिया यूँ मुहब्बत में मिलावट करना ...

10.
चलो इश्क़ में कुछ यूँ अंदाज़ अपनाते हैं तुम ...
आँखें बंद करो हम तुम्हें सीने से लगाते हैं !

11.
नाराज़ हो जाऊं तो मनाती नही है,
वो
मुझसे प्यार तो करती है पर जताती नहीं है

12.
एक मां उबालती रही पत्थर तमाम रात,
बच्चे फरेब खा कर चटाई पे सो गए ...!

13.
माना की आग नहीं थी, फेरे नही थे ,
इसका मतलब ये नहीं की तेरे नहीं थे ...

14.
जिसके लिए बाल संवारता था
उसे कोई गंजा पसंद आ गया
15.
आज कायनात में क़यामत ने क़यामत ढा रखी है,
मेरे महबूब ने काजल के साथ बिन्दी भी लगा रखी है ...!

16.
वो भी शायद रो पड़े वीरान कागज़ देख कर,
मैने उसको आख़िरी ख़त में लिखा कुछ भी नहीं ...!

17.
ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ

18.
अदब कीजिए हमारी ख़ामोशी का
आपकी औकात छुपाए बैठे हैं

19.
आज फिर दम घुटने लगा, न जाने
किसने गले लगाया होगा उसे।

20.
एक दरवेश को तिरी ख़ातिर
सारी बस्ती से इश्क़ हो गया है

21.
" बस लिबास ही तो महंगा हुआ है "
लोग तो आज भी दो कोड़ी के हैं

22.
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी
बताओ यार इश्क़ करते हो या इलाज़ करते हो।

23.
काश मोहब्बत में भी चुनाव होते,
गज़ब का भाषण देते तुम्हे पाने के लिए।

24.
उसकी डोली कोई और ले गया
हम तो परदेश में कमाते ही रह गए

25.
अर्ज़ किया है...
इश्क़ के नशे में बेकाबू ना बनना
बाबा बन जाना , पर किसी का बाबू ना बनना

26.
दिमाग़ कहता है, बदला लेना है उससे
पर दिल कहता है, यार रो पड़ेगी वो

27.
मत करो हमसे इतनी नफरत देखो हम वही हैं
जिसको तुम जान बुलाया करते थे ...!

28.
मेरी उदाशियां तुम्हें कैसे नज़र आएंगी ,
तुम्हे देख कर तो हम मुस्कुराने लगते हैं

29.
थक गया हूं मैं तुम पर line मारते - मारते
अब तो हां कर दीजिए मोहतरमा ...।

30.
मेरी तमन्ना मेरा एतबार नही करती ,
वो प्यार से बात करती है बस, प्यार नही करती ।

31.
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने,
फिर हुआ इश्क़ और हम लावारिस हो गए

32.
हमने कब चाहा की वो शख्स हमारा हो जाए,
बस इतना दिख जाए की आंखों का गुजारा हो जाए

33.
इश्क़ वालों को फुरसत कहां की वो गम लिखेंगे
कलम इधर लाओ बेवफाओं के बारे में हम लिखेंगे

34.
इस इश्क़ ने तो कैसी तबाही मचा रखी है
आधी दुनिया पागल तो आधी शायर बना रखी है