1.
मुझको मार रही है ज़रा ज़रा करके
मेरी दुश्मन हो गई है मोहब्ब्त तुम्हारी
2.
इश्क़ भी बेरोजगारी में होता है साहब
नौकरी लगने के बाद तो रिश्ते आते हैं।
3.
स्त्री एक बेहतरीन दोस्त है....!!
अगर मर्द उसमें महबूबा ढूंढना बंद करदे ।
4.
वो भी शायद रो पड़े वीरान काग़ज़ देख कर
मैं ने उस को आख़िरी ख़त में लिखा कुछ भी नहीं
5.
खुशी से कांप रही थी ये उंगलियां इतनी
delete हो गया एक शख्स save करने में
6.
करोड़ों की जायदाद है उसकी
और गुस्सा एक चॉकलेट के लिए है
7.
रिश्ते में विश्वास और मोबाइल में network
नहीं हो, तो लोग game खेलना शुरू कर देते हैं ।
8.
नही करते शरीक तेरे ख्याल में भी किसी को
हम तो तेरे ख्याल का भी ख्याल रखते हैं ।
9.
परी थी कोई छलावा थी या जवानी थी
कहाँ ये हो गई चम्पत झलक दिखा के मुझे
10.
दूरियों में ही परखे जाते हैं रिश्ते
आंखो के सामने तो सब वफादार होते हैं
11.
मैं शौक दवा का रखता हूं बीमार थोड़ी हूं
तुम कहती हो रोज मिलो अखबार थोड़ी हूं
12.
जो चीज़ चाहिए थी मुझे वो
मिली नही अब मुझे किसी चीज का गुमान नही
और सब्र से फल मिलता होगा इंसान नही ।
13.
शायर को मस्त करती है तारीफ़ - ए - शेर
सौ बोतलों का नश्शा है इस वाह वाह में।
14.
एक इंच भी छोड़ने का मन नहीं करता,
किसी झगड़े की जमीन सी लगती हो तुम..
15.
मुर्शद से जब पूछा कि इश्क़ की हद क्या है,
मुस्कुरा के बोले महबूब के महबूब से भी इश्क़ करो
16.
शेरो – शायरी तो दिल बहलाने का जरिया है
साहब
लफ्ज़ कागज़ पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते
17.
बचपन ही ठीक था,
दांत टूटते थे दिल नही !
18.
डाल कर अपने किरदार पर पर्दा,
हर शख्स कह रहा जमाना खराब है।
19.
मुर्शिद...
इश्क़ जादिया हाथ चूमती है मेरा!
मोहब्बत भुलाने का हुनर सिखाता हू!
20.
हर लड़की धोखेबाज नहीं होती ,
मैने एक लड़की को मेरे लिए रोते हुए देखा है
21.
मैं तो फ़ना हो गया उनकी एक झलक देख कर,
ना जाने आईने पर हर रोज क्या गुजरती होंगी...
22.
दिल धोखे में है
और धोखेबाज दिल में
23.
मेरा तो बजट तुम ही हो
मुस्कुरा दो तो फ़ायदा रूठ जाओ तो नुकसान ।
24.
तुम मेरी वो मुस्कान हो, जिसे देखकर
घर वालो को मुझ पर शक होता है।
25.
बहकी बहकी निगह - ए - नाज़ ख़ुदा ख़ैर करे
हुस्न में इश्क़ के अंदाज़ ख़ुदा ख़ैर करे
26.
तुम आस्तीन की बात करते हो ग़ालिब ,
हमने तो दिल में नागिन पाली थी।
27.
इश्क़ में पागल होने तक मैं तुम्हारा हूँ
फिर लोगो के साथ तुम भी मुझे पत्थर मार लेना ...!
28.
मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ चांद...
तेरा ही हमशक्ल है जो सोने नहीं देता!
29.
ना हाथ मिलाया, न गले मिले, न मयस्सर तुम्हारी दीद हुई
अब तुम्हीं बताओ जानां, ये कयामत हुई या ईद हुई
30.
पल्लू ओढ़कर निकले थे वो आज घर से,
पहली दफा देखा धूप में चांद को जलते हुए।
31.
मुक़द्दरों की लकीरों से मात खा गए हम
एक दूसरे के हाथों को चूमने वाले..!
32.
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे
ख़ुदा के वास्ते , देखो न मुस्कुरा के मुझे
33.
मोहब्बत बिकाऊ चीज़ है जनाब
जाआइए और कीजिए इंतजाम दौलत का
34.
मुझे करनी है तुमसे कई राज की बातें
क्या ख़्वाब के अलावा कहीं और मिल सकते हैं ?