The Author DINESH KUMAR KEER फॉलो Current Read अहसास दिलो के नादान परिंदे By DINESH KUMAR KEER हिंदी कुछ भी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books महिला डॉक्टर दोस्ती और रहस्य - भाग 2 अंतिम मुक़ाबला निधि ने इस सच्चाई को जानने के बाद अजय का सामन... हीर... - 27 अवध ने जब राजीव से कहा कि "मधु ने रात से खाना.. खाना तो दूर... साथिया - 94 पैकिंग करके शालू और माही दोनों डिनर के लिए डाइनिंग हॉल मे आ... मोमल : डायरी की गहराई - 9 रात शुरू होते ही दिल में दहशत बढ़ जाती है लेकिन वोही दहशत दी... द मैट्रिक्स - फिल्म रिव्यू "द मैट्रिक्स" एक प्रमुख साइंस फिक्शन फिल्म है जिसे वाचोव्स्क... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे अहसास दिलो के नादान परिंदे 456 1.6k 1 1.सुनो जानदूर रहकर करीब रहना नजाकत है मेरी...याद बनकर आँखों मे बसना शरारत हे मेरी...करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे,क्योकि, एहसास बनकर दिल में रहना आदत हे मेरी...!2.नजरे जो झुकाओगे तो दीदार कैसे होगा निगाहें जो छुपाओगे तो इकरार कैसे होगा प्यार में तो होती हैं आँखों से बातें… आँखे जो चुराओगे तो प्यार कैसे होगा... 3.तू आता है सीने में, जब - जब सांसे भर्ती हूं तेरे दिल की गलियों से मैं हर रोज गुजरती हूं ..!हवा के जैसे चलता है तू मे रेत जैसे उड़ती हूं..कौन तुझे यूं प्यार करेगा जैसे मैं करती हूं..4.सुनो जानसबसे छुपाकर बाहों में तुझे बसा लूं मैं... आज अभी धड़कन अपनी तुझे बना लूं मैं...कोई ना छीन पाए तुम्हे मुझसे जिंदगी में..ऐसे सांस में अपनी तुम्हे उतार लूं मैं..5.एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैइंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों हैउसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायदफिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है.6.रात में उड़ा देती है नींदे कुछ ज़िम्मेदारियाँ घर की ! रात में जागने वाला हर शख्स आशिक़ नहीं होता !! 7.मन चाही चाहत की भी क्या कोई सरहद होती हैं..!किसी ने कहा हैं हद से गुजरना ही सच्ची मोहब्बत होती है..!! 8.निगाह ए इश्क़ का अजीब ही शौक देखा,तुम ही को देखा और बेपनाह देखा... 9.दौलत नहीं शोहरत नहीं, न वाह चाहिए,कैसे हो बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए...10.होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं..!तू अब भी एक मदहोश गज़ल हम अब भी तेरे दीवाने हैं..!! 11.जो तू बन जाय दवा इश्क़ की तो..!मैं मोहब्बत में बीमार होने को तैयार हूँ...!!12.गुलाबो की ज़रुरत नहीं हमे..!महकने के लिए हमारा किरदार ही काफी है..!! 13.न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में..!वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं..!! 14.आ कहीं दूर चले जाये हम..!दूर इतना की हमे छू ना सके कोई गम..!! 15.पता है हमें प्यार करना नहीं आता मगर..!जितना भी किया है सिर्फ तुमसे किया है.!! 16. रिश्ते जितने सुनहरे होते हैं दर्द भी उतने ही गहरे होते हैं। कोई देखता नहीं वो आंखें जिनमें समन्दर ठहरे होते हैं।। 17.तुम्हारे नहीं होते हुए भी सिर्फ़ तुम्हारा होना इश्क़ है...!तुमसे दूर रह कर भी तुम्हारे करीब होना इश्क़ है ......!उम्मीदें टूट जाने पर भी सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद करना इश्क़ है...!तुम पर मरते हुए भी तुम्हारे लिए ही जिए जाना इश्क़ है...!18.हमसे पहले भी तुम किसी और के थे..!यकीनन हमारे बाद भी तुम किसी और के हो गए होगे..!! 19.वो मुझे चाहता है शिद्दत से..!ये वहम जाता नहीं है मेरा हकीकत हैं..!! 20.उसे शब्दो मे लिखना आसान नहीं..!वो मेरा हिस्सा है मेरे दिल का दास्तान नहीं..!! 21.कोई रस्म बाकी ना रही मोहब्बत निभाने के लिए.!बताओं कितना ओर चाहूँ तुम्हें पाने के लिए..!! 22.शिकायते इतनी हैं की दिल फटा जा रहा हैं और..!सब्र इतना आ चुका हैं की अपने हाल पर खुश हूँ..!! 23.हज़ार कोस निगाहों से दिल की मंज़िल तक..!कोई क़रीब से देखे तो हम को पहचाने..!! 24.में नजर से पी रही हूं कहीं समा बदल न जाय..!न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाय..!! Download Our App