सपने के अन्दर सपना DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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सपने के अन्दर सपना

1.
किताबें सैकड़ों पढ़ लीं मगर ये रम्ज़ ना आया
कोई अपना बिछड़ जाये तो फिर सब्र कैसे हो

2.
वक़्त के साथ खुद को मजबूत बना रहा हुं
ज़िन्दगी में अकेले कैसे ख़ुश रहना है खुद को सीखा रहा हुँ

3.
मेरी आँखों से गिरता है जरा वो दरिया देखो
में हर हाल में ख़ुश हु मेरा नज़रिया तो देखो

4.
तमीज़ और जमीर जिस इंसान मे हो
उस इंसान जितना खूबसूरत कोई नहीं होता

5.
बेताबी मेरी देखी है अब सब्र भी मेरा देख
अलविदा कह कर तुझे अब रोज़ ए महशर मिलूंगा

6.
किसी को अधूरा पाने से बेहतर है
उसे मुक़्क़मल खो दिया जाये

7.
मेरी दुनिया में किसी ख़्वाब की क़ीमत क्या है
ज़िंदगी पूछ ज़रा मुझसे कि मेरी हसरत क्या है

पांव जिनके कभी सेहरा की तपिश में न जले
वो न समझेंगे मेरे यार मुहब्बत की तड़प क्या है

8.
मुझसे इश्क किया है तो वफ़ा का वादा भी करो
मैं बिखरना नहीं चाहता टूटे हुवे काँच की तरह

9.
तेरी यादों की उल्फत से तो सजी है जिंदगी मेरी
मैं वो नही जो तुझे भूलकर वीरान हो जाऊ

10.
शायर नहीं हू मैं बस दिल का हाल लिखता हू
तुम्है नहीं साहिबा सब तुम्हारा ख्याल लिखता हूँ

11.
या अल्लाह ज़िन्दगी ऐसी बना दे
कि ख़ुशी मिले तो सजदा कर लूं
और गम मिले तो सब्र कर लूं

12.
किसी की नजरो मे उतर जाऊ मुमकिन है
मगर अपनी निगाहो मे गिर जाऊ ये गवारा नही

13.
हमे अच्छा लगता है उन दिलो मे रहना
जिन दिलो मे हमारी ईज्जत खास होती है

14.
गीली आंखों में यादों के कुछ बादल उमड़े हैं
भीगा - भीगा मन तुम्हें याद करता है

15.
मुस्कुराने से भी होता है दर्दे दिल बया
हर किसी को रोने की आदत हो ये जरुरी तो नही

16.
जिंदगी एक आईना है यहां हर कुछ छुपाना पड़ता है
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पढ़ता है

17.
फ़िर नींद से उठकर इधर - उधर ढूंढती हुँ तुम्है
क्यों ख्वाबों में मेरे इतने करीब चले आते हो तुम

18.
ये दोस्ती भी एक रिश्ता है
जो निभा दे वो फरिश्ता है

19.
जाने कितनी परीयो ने मिलके अर्जिया दी है
तब खुदा ने इस दुनिया मे बेटिया दी है

20.
बहुत दर्द देती है हमे अब हमदर्दी हर शख्श की
मेरी दुनिया उजाडी़ थी ऐक शख्श ने ऐसे ही दिलाशा देकर

21.
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गयी हू

22.
ज़ुबाँ बदली मिज़ाज बदले तेवर भी बदले
बदले आख़िर लोग भी तो किस कदर बदले

23.
मैं अपनी बात पर अडी़ रहती हूँ मुझे बात से पलटना नहीं आता
बड़ा जिद्दी किरदार है मेरा मुझे हर कोई संभाल नहीं पाता

24.
जब उतरती हैं जमीं पर दिसंबर की हसीं रातें
रातों को सोने नहीं देतीं हैं मोहब्बत भरी बातें

25.
दर्द बन कर तुम रह गये दिल मे
अगर धड़कन बन कर रहते तो
जिंदगी कुछ और ही होती

26.
तू इज़हारे इश्क़ है
तो मै एतबार ए मोहब्बत हूँ
दिलों में रहती दबी - दबी
मै वो मासूम सी चाहत हूँ

27.
हम खुद से ही बागी लोग हैं साहब
किसी के क़ब्ज़े में ख़ाक आएंगे

28.
तुमसे बेइंतहा प्यार करके
हम खेल वफाओं का खेलेंगे
तुम कुबूल तो करो इश्क़ मेरा
हम तुम्हारे हर नखरे झेलेंगे

29.
मासूम सा दिल लेकर पैदा हुई थी मैं
जिन्दगी के तजुर्बे ने मुझे पत्थर बना दिया

30.
जो लोग मेरे दिल मे रहते है
वो लोग थोड़ी देर के लिये फेफड़ों मे शिफ्ट हो जाये
मुझे दिल मे झाड़ू पोछा करना है