1.
जो तू बन जाए दवा इश्क़ की तो,
मैं मोहब्बत में बीमार होने को तैयार हूँ...
2.
दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझ से ही होगा
खफा हुआ हूँ मैं लेकिन
बेवफा नहीं
3.
तुमको चाहने की वजह कुछ भी नही...
इश्क की फितरत है बे वजह होना ...
4.
जज़्बात से भरे ये मेरे अल्फाज़ बेहतरीन ना सही...!
अगर आप समझ रही हैं, मेरे लिये बस यही काफी है...!
5.
आओ बेवज़ह बातें करते हैं,
भूल जाते हैं कौन मैं और कौन तुम...!
6.
वो लौट आयी मेरी ज़िंदगी में अपने मतलब के लिये,
और मैं ये सोंचता रहा कि मेरी दुआओं में दम था।
7.
हर किसी के नसीब में नहीं होती,
सच्ची मोहब्बत...
तुझे मिली पर तू समझी नहीं...
और...
मैंने समझा पर मुझे मिला नहीं...
8.
कितनी क़ातिल है,
ये आरज़ू ज़िन्दगी की।
मर जाते हैं लोग,
किसी पर जीने के लिए।
9.
रंग भरने लगे हैं अब वो मेरी तन्हां रातों के ख़्वाबों में,
अब तो ख़ामोशी भी बेहतरीन लगने लगी है,
10.
लिखने वाले ने भी कितनी कमाल की तकदीर लिखी है
हर चीज़ अधुरी छोड़ रखी है सिवा जिंदगी के।
11.
तुम जो लगा लो... एक बार कस के गले मुझे,
हजारों गमों से... एक पल में आजाद हो जाऊं मैं...!
12.
बड़ी नादानी से पूछा... उन्होंने क्या अच्छा लगता हैं
हमने भी धीरे से कह दिया एक झलक आपकी...
13.
बडा़ पेचींदा है
मुकदमा - ए - इश्क़ भी,
जीते तो ...
"उम्रकैद"
हारे तो...
"सजा - ए - मौत" ...
14.
मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या ...
गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या ...
15.
लफ्ज़ लफ्ज़,
तेरी याद का,
मेरे ज़ेहन में दर्ज है ...!
तेरा इश्क़ ही,
मेरा इलाज़ है,
तेरा इश्क़ ही मेरा मर्ज़ है ...
16.
हमसे मिलना है तो वक्त चुराना सिखो ...
मोहब्बत कोई फुरसत का खेल नहीं ...
17.
फूल बहुत खुबसूरत ...!
होते है, लेकिन कुछ लोग ...!"
फूलो से भी ज़्यादा खुबसूरत ...!
होते है, जैसे कि आप ...!"
18.
शुक्रिया तेरा जिन्दगी, इस ठोकर के लिए ...!
वरना कब पता चलता,
कुछ दर्द ऐसे भी होते है ...!
19.
न रख इश्क में इम्तिहान मैं अनपढ़ हूं ...!
एक तेरी याद के सिवा कुछ नहीं आता ...!
20.
वैसे मेरा नाम कानून तो नही ...
पर तुम्हे आज चारो तरफ से घेरने का मन करता है …
21.
जाने उस शख्स को कैसे ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है ...
22.
काश तू भी बन जाए तेरी यादों की तरह,
ना वक़्त देखे ना बहाना, बस चली आये ...!
23.
कौन रखेगा हमें याद इस दौर ए खुदगर्ज़ी मे,
हालत ऐसे है के लोगों को रब याद नही ...!
24.
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
25.
एहसास तेरा छूकर जब भी मेरी रूह को गुजरा है ...
तब हर लम्हा जिन्दगी का गुलाब की तरह निखरा है ...
26.
दुनियाँ का रंग फीका लगे तेरे इंतज़ार में ...
अब तो हमने हर एक सांस बिछा दी तेरे ख्याल मे ...
27.
तेरी मौजुदगी महसूस
वो करे जो जुदा हो तुझसे ...
मैंने तो अपने - आप में
तुझे बसाया है ...
28.
हम नही आते इस डर से तेरी चौखट पर मेरे हमदम
सुना है तेरी जादू भरी आँखों का टोना बडा मशहूर है ...!
29.
जो रूठ जाते हैं मेरी जरा सी बात पर वो ये तो बताएं,
अगर रूठ गई मुझसे मेरी सांसे तो फिर किससे रूठेंगे ...
30.
असल मोहब्बत तो वो पहली ही मोहब्बत थी ...
इसके बाद तो हर शख्स में सिर्फ उसी को ढूँढ़ा है ...!
31.
तेरे इस कातिल हुस्न पर
मेरा सब कुछ निसार है
कैसे मैं समझाऊँ तुम्हें
मुझे कितना तुमसे प्यार है