27.
सीने पर सर रख सोने की ख्वाहिश करने वाली लड़कियां
अब घुटनों में सर रख रोती हैं
सच है प्रेम बेहद दुर्दांत स्थिति है
28.
कभी - कभी भावों को लिखने के लिए ये शब्द कितने छोटे पड़ जाते हैं,
बहुत कुछ लिखकर भी ऐसा लगता हैं जैसे जो लिखना था वो तो लिखा ही नहीं ...!
29.
जिंदगी में कभी कभी पछतावे के सिवा कुछ नही बचता
30.
जिंदगी के कितने साल ये सोच कर बर्बाद कर लिए की एक दिन सब ठीक हो जायेगा
पर अब तो सब ठीक होने की उम्मीद भी ख़तम होती नज़र आती हैं
कुछ लोगो की किस्मत में कभी ना ख़तम होने वाले इंतज़ार होते हैं
31.
बेटियाँ इसलिए भी रोती हैं विदाई पर,
दहलीज़ के दोंनों तरफ़ घर नहीं होता ...!
32.
सही मायने में जानें वाले की तकलीफ कोई नहीं समझ सकता,
सबको बस यही लगता है की जानें वाला कमजोर था,
मगर असलियत ये है की इस जहाँन से जानें के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत पड़ती है,
सामनें वाला किस मानसिक पीड़ा को झेल रहा है,
ये उसके यहाँ होते वक्त कोई नही समझता,
उसके जानें के बाद तो सभी समझदार हो जाते है ...!