तुम दिल चुराने लगे हो DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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तुम दिल चुराने लगे हो

1.
कुछ सुनाओ के जी नही लगता
गुनगुनाओ के जी नही लगता
धड़कनो में ज़रा तो हलचल हो
पास आओ के जी नही लगता
मुझ पे हक़ है तुम्हारा जान - ए - जाँ
हक़ जताओ के जी नही लगता
अब ना तारों से बात बनेगी
चाँद लाओ के जी नही लगता

2.
ना दिन अच्छा है ... ना हाल अच्छा है ...
किसी जोगी ने कहा था कि ये साल अच्छा है,

मैंने पूछा कब चाहेंगा वो ... मुझे मेरी तरह ...
बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है।

3.
तेरा इश्क़ ही है मेरी बंदगी,
मुझे और कुछ खबर नहीं ...
तुझे देख कर देखूँ कहीं और
मेरे पास अब वो नज़र नहीं ...

4.
जो तू बन जाय इश्क दवा कि तो मैं ...
मोहब्बत मैं बीमार होने के लिए तैयार हूँ ...

5.
तुम जिस पर नज़र डालो ...!
उस दिल का ख़ुदा हाफ़िज़ ...!!

6.
कितना शरीफ शख्स है, पत्नी को चाहता है,
कितना शरीफ शख्स है, पत्नी को चाहता है,
कितना शरीफ शख्स है, पत्नी को चाहता है,
और उस पर भी कमाल ये है कि अपनी को चाहता है ...!

7.
ना जाने वह नींद के नशे में
इतना कैसे डूब जाते हैं ...
हम तो करवट भी बदलते हैं,
तो उनकी याद आ जाती है ...!

8.
हम जो तुमसे ... मिले हैं
इत्तेफाक ... थोड़ी है
मिल के ... तुमको ... छोड़ दें
मजाक ... थोड़ी है ...।
अगर होती ... तुमसे मोहब्बत
एक हद तक जो छोड़ देते
पर हमारी तुम ... से मोहब्बत
का हिसाब ... थोड़ी है...।
अब तुम ... ढूंढोगे
मेरी इस ... गजल का जवाब
ये कुँवर सा के दिल की आवाज है ...।
कोई किताब ... थोड़ी है ...।

9.
ना जाने दिल क्यूँ खिचा जाता है तुम्हारी तरफ़,
कहीं तुमने मुझे पाने की दुआ तो नही माँग ली ...

10.
पसंदीदा लोगों की जब तक एक झलक ना मिले,
तब तलक दिन अधुरा ही रहता है

11.
"उस ने आज पूछा "आप" के मन में क्या है"
"हम आज भी नहीं कह पाये कि "तुम""

12.
तुझे चाह कर
कैसे किसी की चाह करूँ,
तुझे भूल कर
क्यों खुद को तबाह करूँ,
तू ज़िंदगी ही नही इश्क़ है मेरा,
क्यों,
क्यों किसी और को सोच कर गुनाह करूँ,

13.
ये कहो, वो कौन सी बात
ज़ुबाँ तक आते - आते रूक गयी ...!
ये बताओ, उस बात की
चुप्पी से तुम्हारी नज़रें क्यूँ झुक गयी ...!!

14.
"बड़ी बरकत है
तेरे इश्क़ में,
जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता !"

15.
नहीं आता मुझे यूँ तुमसे दूर रहकर सुकून से रहना ...
हम तो हर पल हर वक्त तुम्हें देखने की ख्वाहिश रखते है ...

16.
मेरी रात को खूबसूरत बना दो ...
मुलाकात को अब तुम ...
मुहब्बत बना दो ...
अगर तुुम मेरी वास्तविक हो ...
तो मुझे तुुम अपने गले से लगा लो ...
मुझे अपने दिल की जरूरत बना लो ...
लो आ गई अब फैसले की घङी ...
क्यों कि ...
होता नहीं अब तो मुझ से सबर है ...
तेरे इश्क का मुझ पै ...
हुआ ये असर है ...

17.
जरा सा तो एहसास करा दे हमको करीब आकर अपनी हसीन मोहब्बत का,
डूबो दे इस कदर इश्क में अपने मोहताज ना रहे मिलन किसी इजाजत का ...

18.
मुझे नहीं पता इश्क़ क्या है ...
आप दिख जाते हो और मुझे सुकूँ मिल जाता है ...