1.
हां मुझे इश्क़ है...
सुनो...
तुम समझोगे नहीं लेकिन,
फिर भी बता दूं तुम्हे ,
कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,
और खुद से भी क्यूंकि,
मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,
मेरे सीने में धड़कन कि तरह,
मेरे दिल में सांसों कि तरह,
मेरे दामन में खुशबू की तरह,
मेरी बातों में मिठास की तरह,
मेरी जिस्म में रूह की तरह,
मेरे सजदों में इबादत की तरह,
मै जिन बारिशों में भीगी उन बूंदों की तरह,
मुझे छूकर गुजरने वाली उस हवा की तरह,
मेरे आंखो में लगे काजल की तरह,
मेरे होंठो की उस हलकी सी लाली की तरह,
मुझे मिलता नहीं ऐसा कुछ भी,
जहां या जिसमें तुम नहीं शामिल,
तो बताओ किया न मैंने एक मुकम्मल इश्क़...!
2.
औरत की असली खूबसूरती उसके शरीर के कर्व्स या बालों के अंदाज में नहीं बल्कि उसकी आंखों की गहराई में मिलती है। उनकी आत्मा के लिए उन खिड़कियों के भीतर भावनाओं का एक ब्रह्मांड है, जहां प्यार सितारों की तरह चमकते हैं। उसकी आँखों में, कोई भी उसके दिल की कोमल गर्मी, उसकी आत्मा की ताकत और उसके प्यार की गहराई को देख सकता है। यह उसके रूप के माध्यम से है कि वह एक शब्द बोले बिना बहुत बोलती है, दूसरों को अपने भीतर असीम सुंदरता की खोज करने के लिए आमंत्रित करती है...
3.
तेरी बाहो में जन्नत मिली है हर पल तेरे साथ एक हसीन ख्वाब सा लगता है, जहाँ तेरे प्यार का सुर है, खुशी और जुनून का नृत्य है।
4.
'' मेरी तरफ देखो... और गहरा। मेरे मन के भीतर देखो, मेरी आत्मा को देखो और मुझे वहां स्पर्श करो। मैं चाहता हूं कि प्यार से अधिक तुम तीव्र हो। मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए मानसिक रूप से तरस जाओ, तुम्हारी आत्मा मेरे लिए बहुत तरसे, तभी तुम पूरी तरह से मेरी हो जाओगे। ''
5.
जब दिल तुम्हारा अपना हो...,
पर बातें सारी उसकी हों...!
जब सांसें तुम्हारी अपनी हों...,
और खुशबू उसकी आती हो...!
जब आँखें नींद से बोझल हों...,
तुम पास उसे ही पाओ तो...!
फिर खुद को धोखा मत देना...,
और उस से जाकर कह देना यारों...!
हमे तुमसे मोहब्बत है...
6.
तुम्हारी बाहों में, मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ, हमेशा के लिए एक साथ। अपने दिल की हर धड़कन के साथ, मैं कहता हूं, 'मैं पूरी तरह तुम्हारा हूं।' जब मैं तुम्हारी आँखों में देखता हूँ, तो मुझे पता चलता है कि मैं केवल तुम्हारा हूँ। इस अनिश्चित दुनिया में, याद रखना, मैं केवल तुम्हारा हूँ। मेरी हर सांस तुम्हारे लिए है, मैं सिर्फ तुम्हारा हूं।
7.
ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ
आप ही कहो...!
8.
प्रेम ना तो कोई दे सकता है,
और ना कोई ले सकता है ...!
प्रेम तो निरंतर प्रवाहित होता रहता है ...
जिसमें कोई तो गोता लगाता है, और
कोई किनारे पर खड़ा रहता है ...
नहीं रुकता प्रेम कभी भी,
कभी थमता भी नहीं
बिना संवाद के भी जारी है,
निरंतर संवाद ...!
मौन की भाषा पढ़ती हैं आंखें,
मौन के संवाद बोलती है आंखें
और सुनता है ह्रदय मौन की गूंज को ...!
नहीं रुकता प्रेम कभी भी,
जीवन रूपी यज्ञ में आहुति हो अगर प्रेम की
तो एक अर्पण दुसरे का पूर्ण समर्पण
जीवन की दसो दिशा बदल देता है ...!