तुम्हारे लिए ये फूल DINESH KUMAR KEER द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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तुम्हारे लिए ये फूल

1.
केवल सच्चे होने की वजह से अगर आप किसी को खो देते हो तो मानलो कि वह व्यक्ति आपके लिए सही नहीं था...!

2.
भूल जाओ उनको जो आपको भूल गए हैं,
इसमें कुछ भी गलत नहीं है...!

3.
सोचा जाए तो साधारण सी बात है,
जो लोग आपकी परवाह करते हैं,
वह कोशिश भी करते हैं...!

4.
आप किसी को कितना प्यार करते हों,
उससे कहीं ज्यादा उस व्यक्ति का,
आपके प्रति बर्ताव कैसा है यह मायने रखता है...!

5.
रोज मत बदलो मत इसे लिबासों की तरह,
यह रिश्ते हैं जनाब हजारों में कहां मिलते हैं...!

6.
समझदार वह नहीं जो सिर्फ पढ़ा लिखा हो,
समझदार तो वह है जिसे मालूम हो,
कब, कहां, किससे, कैसी, क्या,
किस लहजे में बात करनी है...!

7.
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे,
हुई थी मोहब्बत मगर जिससे हुई थी,
हम उसके काबिल न थे...!

8.
रिश्तो के बाजार में वही अकेला रह जाता है,
जो दिल और जुबान से साफ होता है...!

9.
किसी अच्छे इंसान से अगर कोई गलती हो,
तो सहन कर लो क्योंकि
मोती कभी कचरे में गिर जाए,
तब भी कीमती रहता है...!

10.
दुनिया को झूठे लोग ही पसंद आते हैं,
थोड़ी सच्चाई का साथ देने पर अपने ही रूठ जाते हैं...!

11.
बुरा लगता है जलन होती है,
जब जिस इंसान के लिए तुम मर रहे हो ना,
वह इंसान सबके साथ होता है,
शिवाय तुम्हें छोड़ सबको समय दे रहा होता है,
सबको वक्त दे रहा होता है,
सिर्फ तुम्हें ही चुटिया समझता है,
क्योंकि तुम मा मीठे हो ना उसपर...!

12.
यह खेल खेल रहे हो जो तुम,
क्या गंवाओगे क्या पाओगे,
कि मैं हार इस कदर जाऊंगा,
तुम जीत कर भी पछताओगे...!

13.
ज़ख्म ऐसा दिया कि कोई दवा काम ना आई,
आग ऐसी लागी की पानी भी बुझा ना पाई,
आज भी रोते हैं हम उसकी यादों में जिन्हें कभी हमारी याद भी ना आई...!

14.
पलट कर जवाब देना यकीनन गलत है,
पर जब ज्यादा सुनने लगो,
तो लोग बोलने की हदें भूल जाते हैं...!

15.
किसी ने सही ही कहा है,
अगर किसी चीज को दिल से चाहो ना,
तो वह चीज ज्यादा भाव खाने लगती है,
चाहे वह प्यार हो या इंसान...!

16.
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे,
हुई थी मोहब्बत मगर
जिससे हुई हम उसके काबिल न थे...!
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे,

17.
अब बुरा नहीं लगता आपके इग्नोर करने से,
आप अपने लोगों को खुश रखो,
हम अकेले ही खुश हैं..!

18.
नया - नया तो सब कुछ अच्छा लगता है,
सच्चाई तो पुराने होने के बाद नजर आती है,
फिर वह कोई चीज हो या फिर इंसान...!

19.
कभी तो मिल पहली मुलाकात की तरह,
बिगड़ा क्यों रहता है हालत की तरह,
वह एक शख्स जो लगी मुझे जान से प्यारा,
वक्त तो देता है लेकिन खैरात की तरह...!

20.
अपने हाथों से आजाद कर दिया,
जिस परिंदे मैं जान थी मेरी...!

21.
कुछ लोगों को लगता है,
कि वह मुझे छोड़ देंगे तुम्हें मर जाऊंगी,
उन्होंने शायद मेरा सब्र देखा ही नहीं,
मैं खुद को वहां से उठाया है जहां पर लोग पंखे से लटक जाते हैं...!

22.
अफसोस की मेरी सच्चे आंसू तेरी चाहत को खरीदना सके,
और लोगों की झूठी बातों ने, तुझे अपना बना लिया...!

23.
कोई नाम नहीं होता मोहब्बत का,
जिसे देखे बिना रहा ना जाए,
तो समझ जाना यही मोहब्बत है...!

24.
बुरा नहीं हूं मैं अपनी भी कुछ कहानी है,
यह जो बदला बदला सा लगता हूं ना,
अपनों की ही मेहरबानी है...!