शोहरत का घमंड - 54 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 54

तब अबीर बोलता है, "आलिया का जो बॉस है वो बहुत ही बदतमीज है, और जब भी मैं आलिया को लेने या फिर छोड़ने के लिए जाता हूं, पता नहीं उसे क्यो परेशानी होती है, पता नहीं आलिया उसे कैसे झेलती होगी"।

तब ऋतु बोलती है, "हा आलिया ने मुझे बताया तो था की उसका बॉस अच्छा नही है"।

तब अबीर बोलता है, "अब मुझे अच्छा नहीं लगता है कि आलिया वहा पर जाती है तो"।

तब ऋतु बोलती है, "अब तुम्हारे अच्छा लगने से या फिर ब लगने से, वो वहा पर जाना छोड़ तो नही देगी, और तुम उसके बॉस पर ध्यान ही मत दो, मुझे आलिया ने खुद कहा है कि जब उसे अच्छे से काम आ जाएगा तो वो खुद ही वो ऑफिस छोड़ देगी "।

उधर आर्यन आरू के साथ शॉपिंग करके घर आ जाता हैं।

तब आर्यन की मॉम आरू से बोलती है, "तुम्हारे पास इतने सारे तो कपडे है, अब ये नए कपड़े लाने की क्या जरूरत थी "।

तब आरू बोलती है, "मम्मा अब क्या मै वो पुराने कपडे पहन कर जाती शादी में "।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "अरे वाह एक बार पहनने से वो सारे कपड़े पुराने हो गए "।

तब आर्यन बोलता है, "मॉम अब आपको इसके कपड़े लाने से भी प्रोब्लम है "।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "मुझे तुम से तो कोई बात ही नहीं करनी है "।

उसके बाद आर्यन की मॉम वहा से चली जाती हैं और आर्यन भी अपने कमरे मे चला जाता हैं।

उधर मीनू और ईशा भी घर आ जाती हैं। दोनो बहुत ही खुश होती है।

तब आलिया बोलती है, "क्या बात है बड़ी ही मुस्कुराहट हैं दोनो के चेहरे पर"।

तब ईशा बोलती है, "दिदू हम बता नही सकते हैं कि हमने कितना एंजॉय किया है, बस आपकी ही कमी थी, अगर आप भी होते तो बड़ा ही मज़ा आता आपको भी"।

तब आलिया बोलती है, "अच्छा ठीक है जाओ पहले अपना मेकअप उतार लो, उसके बाद बात करना"।

तब ईशा बोलती है, "मेरा तो मन ही नही कर रहा है मेकअप उतारने का, ये मैकअप लगा कर मै कितनी प्यारी लग रही हूं"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "तुम तो वैसे भी कितनी प्यारी लगती हो, बिना मेकअप के "।

तब ईशा बोलती है, "बस आपको ही लगती हूं "।

तब आलिया बोलती है, "चलो जाओ पहले चेंज करके आओ, मुझे बहुत ही भूख लग रही है, हम कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं "।

तब मीनू बोलती है, "मगर हम तो खाना खा कर आए हैं और आप लोगो के लिए ले कर भी आए हैं "।

तब आलिया बोलती है, "तो पहले नही बोल सकते थे, चलिए मम्मी अब जल्दी से मेरा भी खाना निकालिए "।

उधर आर्यन कमरे मे बैठा हुआ अरुण से बात कर रहा होता है और बोलता है, "मॉम और डैड का गुस्सा तो कम हुआ नही है"।

तब अरुण बोलता है, "भाई मुझे तो लग रहा है कि अब अंकल और आंटी तुझे यहां से भेज कर ही रहेंगे "।

तब आर्यन बोलता है, "तुझे क्या लगता है कि मै इतना सीधा हू, जो ये बोलेंगे और मै चला जाऊंगा "।

तब अरुण बोलता है, "चल मै तेरा दिमाग ठीक कर देता हूं, चल जल्दी से घर से बाहर आ, हम दोनो चलते हैं क्लब "।

तब आर्यन बोलता है, "तेरा दिमाग तो ठीक है तू ये क्या बोल रहा है, उस दिन का ड्रामा भूल गया क्या, अगर मैने अभी कुछ ऐसा वैसा किया ना, तो मुझे मेरे डैड अभी इस वक्त इस घर से निकाल देंगे "।

तब अरुण बोलता है, "भाई तेरी जिंदगी तो लड़की से भी ज्यादा खराब हो गई है, इतनी रोक टोक तो कोई अब लड़कियो के साथ भी नही करता है "।

तब आर्यन बोलता है, "ये सब माया की वजह से हुआ है और उसे तो मै नही छोड़ने वाला हूं, मैं अपना बदला तो उससे ले कर रहूंगा............