शोहरत का घमंड - 53 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 53

अबीर को देख कर आर्यन को गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलता है, "तुम्हारे पास कोई काम धाम नही है क्या, जो सुबह शाम मेरे ऑफिस के बाहर खडे हो जाते हो, अपनी बाइक ले कर"।

तब अबीर बोलता है, "मैं आलिया को लेने के लिए आया हूं"।

तब आर्यन बोलता है, "तुम क्या बॉडीगार्ड हो आलिया के"।

तब अबीर बोलता है, "तुम्हे इससे क्या, मैं आलिया का कुछ भी होउ "।

तब आलिया आर्यन से बोलती है, "मेरे ख्याल से अब आपको चले जाना चाहिए, और मेने कितनी बार कहा है कि मेरी ज़िंदगी में कुछ भी बोलने का हक नहीं है आपको "।

उसके बाद आर्यन की बहन की कॉल आ जाती हैं और आर्यन चला जाता हैं।

तब आलिया अबीर से गुस्से में बोलती है, "आपकी क्या प्रोब्लम है मुझे तो कुछ समझ में ही नही आ रहा है, मेने आपको कितनी बार मना किया है कि आप मेरे ऑफिस मत आया करिए, तो फिर आप मेरे ऑफिस क्यो आ जाते है "।

तब अबीर बोलता है, "मैं तो तुम्हे लेने के लिए आता हूं "।

तब आलिया बोलती है, "मेने बोला है क्या आपको, की आप मुझे लेने आया करो "।

तब अबीर बोलता है, "नही.........

तब आलिया बोलती है, "तो फिर आप बार बार क्यो आ जाते हो"।

ये बोल कर आलिया वहा से चली जाती हैं और ऑटो में बैठ कर चली जाती हैं और अबीर वही पर ही खड़ा खड़ा आलिया को देखता रह जाता हैं।

आर्यन अपनी बहन के पास चला जाता हैं। तब आरू बोलती है, "कितनी देर लगा दी भाई आपने आने में, मैं कब से आपका वेट कर रही हू"।

तब आर्यन बोलता है, "सॉरी सॉरी.... ऑफ़िस से निकलने में थोड़ा देर हो गया "।

तब आरु बोलती है, "बस ऑफिस पर ही ध्यान दो, बहन पर नही "।

तब आर्यन बोलता है, "अच्छा बाबा गलती हो गई माफ कर दो, बताओं कहा जाना है तुम्हे "।

तब आरू बोलती है, "मुझे मॉल जाना है कपडे लेने "।

तब आर्यन बोलता है, "अच्छा ठीक है चलो "।

उसके बाद आर्यन आरू को मॉल ले कर चला जाता हैं।

उधर आलिया भी घर पहुंच जाती है। घर जा कर देखती है कि आलिया के मम्मी और पापा बाते कर रहे होते हैं।

तभी आलिया बोलती है, "क्या बात है आज घर में इतनी शांति केसे है, कहा है वो दोनो ??????

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा वो दोनो तो नरेश अंकल की बेटी की मेंहदी में गए हैं"।

तब आलिया बोलती है, "अकेले.......

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "नही..... नरेश अंकल आए थे खुद लेने वो तो तुम्हें भी ले जाना चाहते थे मगर, तुम थी ही नही "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "घर में बैठे बैठे सारा दिन यू ही दोनो बोर होते रहती है, बाहर जायेंगी तो थोड़ा अच्छा भी लगेगा "।

तब आलिया बोलती है, "आप जानते नही है दोनो को की दोनो कितनी शरारती है, अगर वहा पर कुछ शरारत कर दी तो "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "नही करेंगी कुछ हमने समझा दिया है "।

तब आलिया बोलती है, "ईशा समझ गई होगी आपकी बात तो "।

ये सुनते ही आलिया के पापा और मम्मी दोनो हसने लगते है।

उधर अबीर अपने कमरे मे आ कर गुम सूम सा बैठ जाता हैं।

तभी ऋतु उसके पास आती हैं और बोलती है, "क्या हुआ इतने अपसेट क्यो हो, आलिया ने तुम्हारा परपोजल मना कर दिया क्या"।

तब अबीर बोलता है, "मना तो तब करे, जब कुछ बोला हो, मेने तो उसे कुछ बोला ही नही"।

तब ऋतु बोलती है, "क्यो तुमने कुछ बोला क्यो नही"।

तब अबीर गुस्से में बोलता है, "उसका बॉस कुछ बोलने दे तो बोलूं ना"।

तब ऋतु बोलती है, "अब तुम्हारे और आलिया के बीच में उसका बॉस कहा से आ गया............