जिंदगी - एक एहसास DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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जिंदगी - एक एहसास

1.
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
लोग आपका नाम भूल जाएंगे

इंसान सारी ज़िंदगी
इस धोखे में रहता है, कि
वह लोगों के लिए अहम है...
लेकिन हक़ीक़त यह होती है, कि
आपके होने ना होने से
किसी को कोई फ़र्क नही पड़ता है...
जिसकी जितनी ज़रूरत होती है,
उसकी उतनी ही अहमियत होती है...

न रुकी वक़्त की गर्दिश,
न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा तो परिंदो ने
ठिकाना बदला...

2.
जब घर रंगे जाएं
तो दीपावली
और जब घरवाले रंगे जाएं
तो होली...

जब घर में दीपक जलाए जाएं
तो दीपावली
और जब बाहर चौक में
अग्नि जलाएं
तो होली...

एक में अग्नि (प्रकाश) है,
एक में जल है...
दीपावली भगवान का त्यौहार है,
तो होली... भक्त का त्यौहार है...

जब बाहर रोशनी हो,
तो दीपावली
और जब
अन्तर्मन में रोशनी हो
तो होली...

3.
जब तक मनुष्य के जीवन में
सुख दुःख नहीं आएंगे

तब तक मनुष्य को ये
एहसास कैसे होगा

कि जीवन में क्या सही
और क्या गलत है

4.
ज़िन्दगी क्या है ?
कभी सुख तलाशती है,
कभी दुःख से भागती है...
कभी ख़ुशी चाहती है,
कभी सुकून खोजती है...

ज़िन्दगी क्या है ?

दर्शन है, कला है, विज्ञान है,
या अज्ञान है...
भूत है, भविष्य है, वर्तमान है,
या सर्व विद्यमान है...

ज़िन्दगी क्या है ?

वस्तु पाने की दौड़ है, या
प्रतिस्पर्धा की होड़ है...
पीछे छूटने का भय है, या
आगे रहने का मोह है...

ज़िन्दगी क्या है ?

लगता है कभी मुसीबतों का गठजोड़ है,
लगता है कभी समय का जोड़ है...
लगता है कभी नहीं अर्थपूर्ण है,
लगता है कभी संपूर्ण है...

ज़िन्दगी क्या है ?

वात्सल्य है, प्रेम है, स्नेह है,
या रिश्तेदारी है, दोस्ती है,
दुनियादारी है...

आदर है, सम्मान है, मान है,
या जरूरत है, मजबूरी है,
शिष्टाचार है...

ज़िन्दगी क्या है ?

कुछ वक्त का एक कारवां है,
जो चल पड़ता है,
किसी अनजान मंजिल को
पाने के लिए...

समय के साथ - साथ ...
मंजिलें भी बदलती रहती हैं...
रास्ते बदलने पड़ते हैं ...
इन मंजिलों तक जाने के लिए...

बचपन, जवानी, बुढ़ापा
कुछ पड़ाव हैं जिंदगी के रास्ते में...
इन पड़ावों से गुजरना पड़ता है ...
ज़िन्दगी बिताने के लिए...

बहुत से साथी मिलते रहते हैं
कुछ बिछड़ भी जाते हैं...
मगर रुकना मना है ...
बिछड़ों को वापिस लाने के लिए...

रास्ते भर किसी एक सही साथी की
दरकार रहती है...
वर्ना
मंजिल पर भी कुछ नहीं बचता ...
सिवा पछताने के लिए...

बस जान लो, कि
ताउम्र सिर्फ चलते रहने से
कुछ नहीं होता,
एक सही दिशा जरूरी है ...
सही मंजिल तक जाने के लिए...

मुस्कुराते रहिए, मित्रों ...!
जीना इसी का नाम है ...

5.
जिन्दगी एक गिफ्ट है
कबूल कीजिए

जिन्दगी एक एहसास है
महसूस कीजिए

जिन्दगी एक दर्द है
बाँट लीजिये

जिन्दगी एक प्यास है
प्यार दीजिये

जिन्दगी एक मिलन है
मुस्करा लीजिये

जिन्दगी एक जुदाई है
सबर कीजिये

जिन्दगी एक आसूं है
पी लीजिये

जिन्दगी आखिर जिन्दगी है
जी लीजिये

6.
उम्र से
कोई लेना - देना नहीं होता

जहां विचार मिलते हैं
वहां सच्ची दोस्ती होती है

याद रखिये समझ...
ज्ञान से ज्यादा गहरी होती है

बहुत से लोग
आपको जानते हैं परंतु

कुछ ही हैं जो
आपको समझते हैं