साथिया - 71 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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साथिया - 71

अगले दिन नील की नींद खुली तो खुद को अक्षत के घर पाया।

" मै यहाँ.. ?? यहाँ कब आया?? मै तो पार्टी मे था न?? " नील ने परेशान होकर कहा।

"हां तुम पार्टी में ही थे और रिया के साथ हनीमून एंजॉय कर रहे थे वहीं कमरे से उठाकर लाया हूं तुम्हे वो भी इस हाल में अक्षत ने आपने फोन में नील और रिया की फोटो दिखाकर जैसे ही कहा " नील के चेहरे का रंग उड़ गया


" क्या बक रहे हो तुम अक्षत? होश में हो ? क्या मैं और उसे रिया के साथ? " नील एकदम से हड़बड़ा कर उठ खड़ा हुआ।

"मैं तो होश में हूं पर शायद तु होश खो बैठे हो इसीलिए इतने पढ़े-लिखे काबिल वकील होकर बिजनेसमैन होकर उसके चक्कर में फंस गए!" अक्षत नील के कंधे पर हाथ रखकर कहा

" उसके चक्कर में फस गया मतलब? और ये फोटो? क्या हुआ हैँ अक्षत प्लीज बताओ मुझे....!! मेरा दिल बेचैन हो रहा है। वहां पर कल मनु भी थी अब न जाने क्या?? " एकदम से नील के मुंह से निकला फिर उसने आंखें बंद कर ली

" मेरा मतलब है वहां सब इतने सारे लोग थे पता नहीं क्या सोचेंगे मेरे बारे में? हुआ क्या था प्लीज टेल मि अक्षत...!" नील ने एकदम से घबराते हुए कहा।।

" तुम्हारे सारे सवालों के जवाब दूंगा। पर पहले मेरे एक सवाल का जवाब दो!" अक्षत ने उसकी आंखों में देखकर कहा तो नील ने भी उसकी आंखों में देखा।

" क्या जिस लड़की को तुम सालों से प्यार करते हो पर तुम्हारा कहना था कि तुम्हारे और उसके बीच में गलतफहमी आ गई है रिया के कारण....!! क्या वह लड़की मानसी है?" अक्षत ने कहा तो नील ने नजरे झुका ली।


"जाने दो ना यार...!! जब कोई बात ही नहीं है तो क्यों बात करना?" नील बोला।


"नहीं मैंने कहा ना मुझे जवाब चाहिए.... !! और और तुमसे सीधे-सीधे जवाब चाहिए क्योंकि तुम सिर्फ मेरे दोस्त नहीं मेरे भाई के जैसे हो। जैसे ईशान पर में विश्वास करता हूं कि वह मुझे हर बात बातयेगा वैसे ही मैं तुम पर विश्वास करता हूं। हालांकि तुमने यहां मेरा विश्वास तोड़ा है। तुमने मुझे अपने दिल की बात नहीं बताई और नतीजा देख रहे हो आज बात कहां से कहां तक पहुंच गई है?? अब तो मैं तुमसे इतनी उम्मीद करूंगा ही कि तुम मुझे अब तो कम से कम सच बताओ!"


"सब जानकर क्या ही करोगे अक्षत? हम दोनों के बीच में इतनी ज्यादा दूरियां गलतफहमियां आ गई है कि अब किसी सच की कोई वैल्यू नहीं?? वह मुझे रिया का बॉयफ्रेंड समझती है, एक गिरा हुआ लड़का चरित्रहीन और भी जाने क्या-क्या और उसका कहना है कि मैं दुनिया का आखिरी लड़का भी होउगा तब भी वह मेरे साथ शादी नहीं करेगी। जिसके दिल में मेरे लिए इतनी कड़वाहट है इतनी नफरत है क्या ही फर्क पड़ता है कि मैं उसे प्यार करता हूं या नहीं करता हूं?" नील ने कहा।


"फर्क पड़ता है बहुत फर्क पड़ता है क्योंकि हमेशा से तुमसे कहता रहा था मैं इस रिया से दूर रहो। हमेशा से तुमसे कहा था कि अपने रिश्तों में ट्रांसपेरेंसी रखो। पर नहीं तुम उससे दोस्ती तोड़ नहीं पाए और उसने दोस्ती की आड़ में हमेशा तुम्हारी पीठ पर पर छुरा भोंका। .आज जब चारों तरफ से तुम तकलीफ में घिर गए हो तब भी तुम मुझे सच नहीं बताना चाहते। यही तुम्हारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम है नील कि तुम कभी भी सच नहीं बोल पाए।
.

तुम कभी भी रिया को अपने से दूर नहीं धकेल पाए कि तुम उसे प्यार नहीं करते। वो तुमसे दूर रहे। तुम कभी भी उसके गाल पर एक तमाचा नहीं मार पाए कि क्यों जबरदस्ती गले पड़ रही है, जबकि प्यार नहीं करते तुम। .तुम कभी भी मानसी को सच नहीं कह पाए तुम मानसी से यह नहीं कह पाए की एक बार विश्वास तो करो मुझ पर, मेरे और रिया के बीच में कुछ भी नहीं है.। तुम कभी भी मानसी के सामने यह साबित नहीं कर पाए कि तुम रिया को नहीं उसे प्यार करते हो फिर वह कैसे विश्वास कर ले? वह कैसे ना कहे कि तुम्हारे साथ उसे कोई रिश्ता नहीं रखना। जब एक तरफ रिया उसे यह कहे कि तुम्हारे और रिया के बीच इतना गहरा रिश्ता है कि अक्सर ही तुम लोग नाइट आउट के लिए बाहर जाते हो। और एक दूसरे के साथ रात बिताते हो। उस समय मानसी तो क्या कोई भी लड़की यही कहेगी कि अगर तुम दुनिया के आखिरी भी लड़के हो गए तब भी वह तुमसे शादी नहीं करेगी!" अक्षत ने कहा तो नील की नजरे एक पल को झुक गई।

पर अगले ही पल आंखों एकदम से लाल हो गई।

" यह सब कहा रिया ने मानसी से? अक्षत बोल ये सब कहा..!" नील गुस्से से बोला।


"सिर्फ कहा नहीं है करके दिखा दिया है उसने मनु को.....!! कल पहली बार मैंने उस लड़की को रोते देखा है जिसकी आंखों में आंसू शायद बहुत मुश्किल से आते हैँ। एक बार तब आए थे इतने जब उसके मम्मी पापा नहीं रहे थे और दूसरी बार तब जब उसने तुम्हें और रिया को एक साथ एक कमरे में और वह भी उस कंडीशन में देखा।

वह भी मुझे अपने मन की बात कभी नहीं कहती पर कल उसकी आंखों से बहते आंसुओं ने सब कुछ कह दिया कि उसे कितनी तकलीफ हुई तुम्हें और रिया को साथ देखकर...!" अक्षत नील के कंधे पर हाथ रखा।

"पर अगर मैंने नहीं कहा तो मनु ने भी तो कभी नहीं कहा कि वह मुझे प्यार करती है...!! हमेशा मुझे इग्नोर करती रहती थी। हाँ मैं मानता हूं मै रिया को खुद से दूर नहीं कर पाया कभी वह मुझे ब्लैकमेल करती थी तो कभी दोस्ती का वास्ता देती थी पर तुम तो सारा सब जानते हो ना? मैंने न कभी पहले रिया को प्यार किया है ना कभी आगे करूंगा...।। .मैं भी जान दे दूंगा पर रिया जैसी घटिया लड़की से तो शादी कभी नहीं करूंगा। यह बात मैंने उसे अभी थोड़े दिन पहले ही बता दी थी क्योंकि उसने मेरे घर वालों से भी यह बात बोल दी थी कि लौट कर आकर हम दोनों शादी करेंगे। और पापा ने रिया के लौटने से पहले ही मुझसे कहा कि उसके आते ही तुम दोनों की शादी करवा दूंगा।

तभी मैंने रिया को फोन करके बोला था कि ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि मैं उससे शादी नहीं करूंगा और गुस्से में उसने कहा था कि यह सब मैं मानसी की वजह से कर रहा हूं ना??? ओह्ह गॉड तभी मुझे समझना चाहिए था कि जरूर ही वो कोई घटिया हरकत करेगी....!" नील बोला।

"यही तो तुम्हारी गलती रही तुमने न रिया को कभी समझा नहीं कभी सीरियस लिया। वह तुम्हारी जिंदगी बर्बाद करती चली गई। तुम्हारी और मानसी के बीच जहर घोलती चली गई और तुम उसे यह मौका देते रहे, क्यों नहीं तुमने कहा मानसी से कि तुम रिया को नहीं उसे प्यार करते हो?
क्यों नहीं तुमने कहा मुझे की तुम मेरी बहिन को चाहते हो??

चलो मानसी से कहने की तुम्हारी हिम्मत नहीं थी पर तुम मुझसे तो कह सकते थे...? मैं तुम्हारा दोस्त था तुम मुझे एक बार हिम्मत करके कहते तो सही। मैं तुम्हारी जान तो नहीं लेने वाल था। या तो हां करता या तो ना करता पर इस तरीके की स्थिति तो नहीं आती ना?"अक्षत ने कहा।

" यही तो गलती हो गई क्योंकि हर बार मुझे ऐसा लगता था कि शायद मनु के दिल में भी मेरे लिए कुछ है पर वही बात की उसकी आंखें कुछ और कहती थी और जुबान कुछ और इसलिए मैं कह नहीं पाया और फिर रिया के कारण हम दोनों के बीच दूरियां होती चली गई। और जब रिया विदेश जा रही थी उससे पहले ही रिया और मानसी को मैंने बात करते सुना था।

जहां मानसी कह रही थी कि अगर मैं दुनिया का आखिरी लड़का भी होऊंगा तब भी वह मुझसे शादी नहीं करेगी और तब मुझे समझ आया कि यह मुझे इतनी नफरत करती है। बताओ तुम फिर मैं कैसे उसे अपने दिल की बात कहता है। मैंने तो सोच लिया था कि मेरा प्यार एक तरफ है जिसकी कोई मंजिल नहीं होगी और इसीलिए मैंने खुद को किस्मत के हाथों छोड़ दिया था। तय कर दिया था मैंने की जो होना होगा हो जाएगा पर मैं मानसी को भी तकलीफ नहीं दूंगा पर इतना तय हैँ कि मै रिया के साथ शादी नहीं करने वाला।" नील बोला।



"तुम्हारे करने से न करने से क्या होता है रिया अब तक पूरी दुनिया के सामने साबित कर चुकी है कि तुम और वह साथ में रहते हो। एक दूसरे के साथ फिजिकल हो चुके हो एक दूसरे के साथ रातें बिताते हो अब वह तुम्हें इसी बलबूते मजबूर कर देगी शादी करने के लिए!" अक्षत ने कहा।


" मैं जान दे दूंगा या उसकी जान ले लूंगा पर उससे शादी हरगिज नहीं करूंगा!" नील गुस्से से बोला।


"ठीक है इस बारे में बाद में सोचेंगे की शादी तुम किस से करोगे या किस से नहीं करोगे? अभी मुझे यह बताओ कि यह सब हुआ कैसे? तुम उस कमरे में कैसे पहुंचे जहां पर रिया थी?" अक्षत ने कहा।

" मैं उसे कमरे में नहीं गया जहाँ रिया थी उल्टा रिया आई होगी। क्योंकि मेरा सिर घूम रहा था ऐसा लग रहा था कि चक्कर आ रहे हैं। और ऐसे में गाड़ी भी ड्राइव नहीं कर सकता था तो मैं चलते हुए बाहर आया।

वहाँ वेटर ने मुझे कहा कि आपकी तबीयत ठीक नहीं लग रही तो आप थोड़ी देर इस कमरे में आराम कर लीजिए तब तक मैं देखता हूं कोई डॉक्टर भी अगर मिल जाता है तो बुला लेता हूं।

मैं अंदर रूम में जाकर बिस्तर पर गिर गया उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं है और उसके बाद होश मुझे अब आया है जब मैंने देखा है कि तुम्हारे साथ तुम्हारे कमरे में में हूं।" नील बोला।

"इसका मतलब कि तुम्हारी ड्रिंक या फ़ूड में कुछ मिलाया गया था और उसी के कारण तुम बेहोश हुए थे। खैर चिंता मत करो मैंने सारे टेस्ट करवा दिए हैं। जल्दी ही रिपोर्ट आ जाएगी।"

" पर उससे क्या होगा? मानसी तो मुझे गलत समझ रही होगी पर सच कह रहा हूं अक्षत मुझे होश ही नहीं था। मुझे नहीं पता क्या सही हुआ है क्या गलत हुआ है? हम दोनों के बीच क्या हुआ है पर मैं इतना जानता हूं कि मैं अपनी तरफ से कुछ भी नहीं किया।" नील बोला?

"मानसी को मैं समझा दूंगा अभी तो तुम तैयार हो जाओ अपने घर में जवाब देने के लिए क्योंकि रिया ने यह जो रायता फैलाया है वह अब तक तुम्हारे घर पहुंच गया होगा। मैं भी जल्दी से रेडी होकर आता हूं फिर चलते हैं देखता हूं तुम्हारे घर में क्या हो रहा है?" अक्षत ने कहा और बाथरूम में चला गया।



नील ने अपना सिर पकड़ लिया और बिस्तर पर बैठ गया।

" क्या हो रहा है मेरे साथ क्यों हो रहा है जितना भी मैं चीजों को संभालने की कोशिश करता हूं
चीजें बिगड़ती चली जाती हैं...!" नीले खुद से ही बोला तभी नजर सामने खड़ी मनु पर गई जो कि गुस्से से उसे ही देख रही थी।



क्रमशः

डॉ. शैलजा श्रीवास्तव