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नैना
तन्मय ने दोबारा से लेटर पढ़ना शुरू किया। उसमें लिखा है,
अभिमन्यु!
"मैं जानती हूँ मेरा तुम्हें इस तरह बिना बताए जाना अच्छा नहीं लग रहा होगा। मैं भी क्या करो, मैं'बहुत मजबूर हो। मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। मैंने अलग ज़िन्दगी 'जीने का फैसला कर लिया है और हाँ इस नई ज़िन्दगी में तन्मय मेरे साथ होगा। मैं बहुत जल्द उसे आकर ले जाऊँगी। तुम्हें शायद तलाक के पेपर मिल चुके होंगे। मेरे आने तक तन्मय का ख़्याल रखना।"
तन्मय की माँ
नैना !!!!
अभिमन्यु को अन्दाज़ा तो था, पर यह पत्र पढ़कर उसे यकीन हो गया कि नैना अपनी मर्ज़ी से गई है। उसने तन्मय को देखा, वह अभी उदास नज़र आ रहा है। उसने प्यार से उसे अपने पास बिठाया और उसके आँसू पोंछते हुए कहा कि तुम्हारी मम्मी बहुत जल्द तुम्हारे पास वापिस आ जाएगी इसलिए अब मुझे तुम्हारी आँखों में आँसू नहीं देखने। तन्मय ने उसे लिपटते हुए कहा, "मुझे आप दोनों के साथ रहना है।"मेरे बच्चे! अब यह तो मुश्किल है, तुम्हें हम दोनों में से किसी के साथ तो रहना होगा पर तुम पर कोई दबाव नहीं है। तुम जिसके साथ रहना चाहूँ, रह सकते हों। उसने उसके गाल को चूमते हुए कहा। बेटा, अब मुझे यह खत पुलिस को भी दिखाना होगा। उसने अपनी जब से फ़ोन निकाला और पुलिस को फ़ोन किया।
थोड़ी देर में रुद्राक्ष और शिवांगी उसके घर पहुँच गए। पूछताझ करने 'पर गार्ड ने बताया कि कोई बुर्के वाली औरत यह ख़त पकड़ा गई थीं। रुद्राक्ष ने अभिमन्यु से पूछा, "यह राइटिंग नैना की है ?"
हाँ, सर उसी की ही है। अब उसने तन्मय को देखा तो उसने भी हाँ में सिर हिला दिया । फ़िर उसने तन्मय के पास बैठते हुए कहा, "मुझे लगता है कि अब तुम्हें तुम्हारे सवालों का जवाब मिल गया होगा। वह मुँह नीचा करके बैठा रहा। उसने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, बेटा कई बार बड़ो के फैसले, हमे समय के साथ समझ आते हैं। इससे ज़्यादा उससे कुछ कहा नहीं गया। उसने अभिमन्यु से हाथ मिलाया और उसने भी ज़वाब में सिर हिला दिया।
रास्ते में शिवांगी ने कहा, सर यह केस तो आसानी से सॉल्व हो गया।
आसानी से नहीं हुआ, हाँ मगर ऐसे एन्ड का मुझे अंदाज़ा तो था।
तो क्या सर सचमुच यह चिठ्ठी नैना ने लिखी होगी ?
हम पुलिस वाले है, शख करना तो हमारा काम है। लेकिन नैना कोई टीनएज तो हे नहीं, उसे पता होगा कि वह क्या कर रही है। फिलहाल हमें इस केस को क्लोज करना ही पड़ेगा । अब गाड़ी पुलिस स्टेशन के पास आकर रुक गई है। जैसे ही उसने अंदर कदम रखा, श्याम ने उसे आकर बताया कि सर हमने उस फार्म हॉउस की रोड की सी.सी.टी.वी फुटेज देखे, क़त्ल वाली रात अजीत की गाड़ी उसे फार्महाउस वाली लेन से गुज़री थीं। लेकिन वो गाड़ी उसकी नहीं उसके दोस्त की थीं। ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और वह पीछे बैठा था, यह दिखाने के लिए जैसे वह कोई आम सी सवारी हो और हमसे यहाँ चूक हो गई कि हमने दूसरी गाड़ियों के साथ उसे भी अनदेखा कर दिया।
तुम सही कह रहें हो, श्याम पर अब क्या अपडेट्स है।
सर एक बात और है। हमारे पुलिस अफसर को बिना बताए उमा बिश्नोई बार-बार बाहर जा रही है।
उन्हें एक बार समझा देना। सर हमने कहा था, पर वो कहती है कि मैं अपने थेरपिस्ट के पास जाती हूँ।
शुभी की कॉल रिकॉर्ड हो रहीं है ?
जी सर, घर के पास कड़ी नज़र रखी जा रही है।
तुमने किशन बिश्नोई से पता किया, उसे अजीत के बारे में पहले से पता था।
उससे कल पूछताझ की थी, उसका कहना है कि उसे कुछ नहीं पता।
हर मुजरिम से इसका कुछ न कुछ कनेक्शन निकल ही आता है और उसके पास एक ही ज़वाब होता है, मुझे कुछ नहीं पता। बास्टर्ड ! हो न हो अपने भाई के क़त्ल में इसका जरूर कोई न कोई हाथ है। रुद्राक्ष की त्योरियाँ चढ़ गई।
सर, किशन बिश्नोई ने हमें अजीत का जो पता बताया था, वहां भी हमने अपना एक आदमी बिठा दिया है।
गुड ! देखते है, कब तक बचकर भागता है।
दिन बीतते जा रहें है। नया साल आने में बीस दिन रह गए हैं। पुलिस की अजीत को लेकर तलाश ज़ारी है। तन्मय को अब भी यकीन नहीं है कि उसकी मम्मी खत भेजकर यह सब लिख सकती है। अभिमन्यु और प्रिया के बीच नज़दीकियाँ बढ़ती जा रही है, वह तन्मय को आगरा दिखाने के बहाने प्रिया से मिलने गया। प्रिया के परिवार वालो ने दोनों का बड़ा गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें आगरा भी दिखाया। अभिमन्यु को तो सब अच्छा लगा रहा है, पर तन्मय को यह
नज़दीकियाँ पसंद नहीं आ रही है। मगर वो कर भी क्या सकता है, आख़िर बड़ो के मामलों में वह कैसे बोल सकता है इसलिए मन मसोस कर सिर्फ अपने पापा की बात मानता रहता है। नंदनी राजीव को ब्लकमैल करते हुए उससे कई बार पैसे ले चुकी है, वह बुरी तरह से उसके जाल में फँस चुका है। पहले तो वह सिर्फ मालिनी के पास जाने की धमकी देती थी लेकिन जब वो राजीव के साथ रिश्ते में थीं तो उसने धोखे से नैना की कई तस्वीरें उसके फ़ोन से निकाल ली थी और अब वह उन्हें अभिमन्यु को दिखाने का बोलकर भी ब्लैकमेल करती रहती है। मालिनी को राजीव का व्यवहार कुछ ज़्यादा ही चिड़चिड़ा लगने लगा है। वह उससे कई बार पूँछती भी है कि क्या बात है, मगर वह टाल जाता है। दोनों के छोटी-छोटी बातों पर फ़िर से झगड़े होने लगे हैं। लेकिन जब उससे नहीं रहा गया तो उसने एक दिन जमाल को फ़ोन किया और उसने उसी वही गैराज में मिलने के लिए बुला लिया।
जब वह वहाँ पहुँचा तो उसे देखते ही जमाल बोल पड़ा,
क्या बात है, सर आजकल आपको मेरी बड़ी याद आ रहीं है।
ज़िन्दगी पता नहीं, मुझसे क्या चाहती है, जो मुझे तुमसे मिलवाती रहती है।
तो बताए, क्या काम है?
उसने उसे फ़ोन से नंदनी की फोटो दिखाते हुए कहा,
इस औरत का कुछ कर दो।
उसने नंदनी को गौर से देखा, फ़िर बोला , क्या करना है, आप कहें तो हमेशा के लिए इसे दुनिया से अलविदा कर दो। उसने हँसते हुए कहा।
तुम्हारा मतलब है इसकी मौत ?
सही पकड़े हैं। उसने दोबारा हँसते हुए कहा ।