इश्क़ होना ही था - 19 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 19

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 19 **

अभी तक हमने देखा की अक्षत और शिव अपना काम कर ही रहे थे । तभी नितिन का कॉल आता है और नितिन कुछ टेंशन में लगता है...

" जीजू आप बोलो ना क्या हुआ है..."

अक्षत बोलता है...

" मेरा और मिताली का आज झगड़ा हुआ है और मुझे उसे मनाने के लिए तुम्हारी हेल्प चाहिए..."

नितिन बोलता है...

" हां पहले ये बताओ की झगड़ा क्यों हुआ हे..."

अक्षत बोलता है और शिव जो उसके बाजु में ही बैठा था, वो उसे फोन स्पीकर पर करने का इसरा करता है...

" शिव भी मेरे साथ ही है तो में फोन स्पीकर में ही रखता हु..."

अक्षत बोलता है...

" हां... मिताली कितने दिनों से कही बहार गुमने जाने की ज़िद कर रही थी पर काम की वजह से में उसे कही नहीं ले गया...

और अब में उसे बोल रहा हु जाने के लिए तो वो नहीं मान रही..."

नितिन बोलता है...

" अरे जीजू इतनी सी ही तो बात है..."

शिव बोलता है...

" पर कल रात से मिताली मुझसे बात नहीं कर रही..."

नितिन उदास हो कर बोलता है...

" चलो हम दोनों ही कोई आईडिया करते है..."

अक्षत बोलता है और नितिन को थोड़ी देर बाद फोन करने का बोलके कॉल कट करता है...

तभी ही शिव के फोन में अहाना का कॉल आता है, तो वो बात करते करते केबिन से बहार चला जाता है...

"मुझे ही कुछ सोचना पडेगा...

ये तो चला गया पता नहीं अब कब आएगा..."

अक्षत अपने सर पर हाथ रख कर बोलता है...

थोड़ी देर बाद शिव भागते भागते आता है...

" अक्षत अक्षत...."

शिव बोलता है...

" अरे क्या हुआ...?"

अक्षत बोलता है...

" मेरे पास एक बहोत ही बढ़िया आईडिया है और उसमे तेरा काम भी हो जाएगा..."

शिव खुश होते हुए बोलता है...

" इसा तो क्या आईडिया है तो तू इतना खुश हो रहा है और मेरा काम कैसे...?"

अक्षत बोलता है...

" देखो नितिन और मिताली तो बहार गुमने जाने ही वाले है, तो हम भी साथ चलते है..."

शिव बोलता है...

" पर हम दोनों जायेगे तो उनको परेशानी ही होगी..."

अक्षत बोलता है...

"अरे हम अहाना और दिया को भी कहेगे साथ आने के लिए...

जिसे तेरी और दिया की बात भी आगे बढ़ेगी..."

शिव बोलता है...

"मुझे ऐसा क्यों लग रहा है इसमें मुझसे ज्यादा तूने अपने बारे में सोचा है..."

अक्षत बोलता है...

"अरे इसा कुछ नहीं है, मेने सोचा की मिताली के साथ सब होंगे तो उसे भी मजा आएगा और तू दिया से भी मिल पायेगा..."

शिव बोलता है...

" पर हमें दिया और अहाना से पहले बात करनी पड़ेगी ना..."

अक्षत बोलता है...

" मुझे ये आईडिया ही अहाना ने ही दिया है और उसने अभी तक तो दिया से बात भी कर ली होंगी..."

शिव बोलता है...

" चलो दिया भी मान गयी..."

शिव खुश होते बोलता है...

अक्षत जो आश्रय से उसके सामने ही देख रहा था। तभी शिव अपना फोन अक्षत क सामने कर के अहाना का मेसेज दिखता है...

" दिया से बात हो गयी है और वो आने के लिए भी मान गयी है..."

अहाना का मेसेज था...

ये देख कर अक्षत बहोत खुश हो जाता है...

"चल अब जल्दी से नितिन जीजू से बात करते है..."

शिव बोलता है और अक्षत नितिन को फोन लगा देता है...

" चलो तो हम रात को सब मिल कर ही बात करते है..."

नितिन बोलता है और दोनों भाई अपने काम में ही लग जाते है...


*****

अक्षत और शिव बैठे थे और सोच रहे थे कहा जाना है...

"चलो पहले हम जीजू को फोन करते है..."

अक्षत बोलता है और नितिन को फोन लगता है...

" हां बोलो अक्षत..."

नितिन बोलता है ...

"जीजू अपने कुछ सोचा कहा जाना है..."

अक्षत बोलता है...

" नहीं भाई अब तक तो नहीं सोचा..."

नितिन बोलता है...

"हां तो में अहाना को भी कॉल करता हु.."

शिव बोलता है...

" तू रहने दे में ही उसे इसी कॉल में ऐड करता हु..."

अक्षत बोलता है और अहाना को कॉल करता है...

" दिया को भी ऐड कर देता हु..."

अक्षत बोलता है...

सब मिल कर मिताली को सुपरइस देने वाले थे और बहोत सोचने के बाद सब मेघालय जाने निश्चय करते है...

" चलो तो मिलते है, सब मेरे घर पे...."

नितिन बोलता है और कॉल काट देता है...

"तो अहाना और दिया तुम दोनों को हम लेते चलेंगे..."

अक्षत बोलता है...

पहले तो दोनों नहीं मानती पर अक्षत क बार बार कहने पर वो मान जाते है...

"चलो में चलती हु..."

अहाना बोलती है और फोन रख देती हे और तभी शिव के फोन की रिंग बगती है। तभी अक्षत उसके सामने देखता है। तो शिव भी मुस्कुरा के वहा चला जाता है...

" तुम गुमना पसंद तो हेना..."

अक्षत बोलता है...

" हां पर अभी तक में इतनी दूर कभी गयी नहीं हु..."

दिया बोलती है...

अक्षत और दिया बात कर ही रहे थे तभी कोई केबिन का दरवाजा नोक करता है...

"आपको काम होगा...

हम बाद में बात करते है... "

दिया बोलती है और अक्षत भी कुछ नहीं बोल पाया...

अक्षt उसके सामने खड़े रोहित को घूर के देखता है...

" तुजे अभी ही आना था..."

अक्षत गुस्से में बोलता है...

"अरे क्या हुआ भाई...

मुझे लगा तू इतने दिनों बाद मुझे देख कर खुश हो जाएगा..."

रोहित बोलता हैपर उसे ये समज नहीं आ रहा था की अक्षत ऐसा बिहेव क्यों कर रहा था...

" चल अब तू बुरा मत मान..."

अक्षत बोलता है और रोहित से गले लगता है...

"वैसे में आया तब किस्से बात कर रहा था..."

रोहित बोलता है...

"अरे वो मेरे जीजू का फोन था वो हम सब गुमने जाने वाले थे इसी वजह से..."

अक्षत बोलता है...

दोनों अपनी बातो में लग जाते है । तभी शिव भी उन दोनों के पास आ जाता है...

"मिताली को जब सुपरइस मिलिगा तब क्या होगा...?"

"अक्षत और दिया क बात आगे बढ़ेगी...?"

" शिव और अहाना की कहानी में आगे क्या होगा...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part -20 आपके सामने 2 February को आ जायेगा ...