पहली आस्की - भाग 6 (अंतिम भाग) SR Daily द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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पहली आस्की - भाग 6 (अंतिम भाग)

अमरदीप ने जवाब दिया।
लेकिन एमपी की बात में दम है। जहाँ तक मेरी बात है, तो मैं अपनी पसंद की लड़की से शादी
करना चाहँगा, लेकिन पिछले एक साल से मैं विदेश में हूँ। और पता नहीं शायद अगले एकाध साल ३
भारत लौूँगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए मेंरे लिए शादी के बारे में कुछ योजना बना पाना
वहत मुश्किल है। और मेरे जैसे आदमी के लिए किसी ऐसी लड़की के साथ घर बसा पाना असंभव ही
है जो हिंदुस्तानी न हो। हिंदुस्तानी भी छोड़ो, उसे सबसे पहले पंजाबी होना चाहिए, ' मैंने कहा।
'तुमने इनफोसिस में नौकरी के लिए अप्लाई कैसे किया?" अमरदीप ने बात बदलते हुए पूछा।
मैंने जवाव दिया, 'बेबसाइट के माध्यम से।
और हैप्पी, तुमने लंदन से अपने मम्मी-पापा को पैसे कैसे भेजे?
इंटरनेट बैंर्किंग अकाउंट के माध्यम से। वह काफी तेज़ी से काम करता है, उसने जवाब दिया।
'देखो? दुनिया इंटरनेट प्रेमी होती जा रही है। इस बात के मद्देनज़र कि हम सब आईटी वाले हैं जं
लगभग रोज ही नेट पर होते हैं, हम शादी के लिए भी इसका उपयोग क्यों नहीं कर सकते?
'तुम शादी. कॉम जैसी वेबसाइट के बारे में बात कर रहे हो?" हैप्पी ने पूछचा।
'हाँ।'
वे सचम्च किसी काम के होते भी हैं? मुझे नहीं लगता,' एमपी ने अपनी बात रखी।
'यह जानने के लिए कि खाना मीठा है या नमकीन आपको पहले उसे चखना होता है। किसी चीज़
को पक्ले तौर पर जानने का वही एक तरीका होता है, अमरदीप ने जवाब दिया।
'या बेहतर तरीका यह है कि किसी ऐसे आदमी से पूछा जाए जिसने उसे पहले चख रखा हो। कोई
जोखिम क्यों लें?' हैप्पी ने हमें हैँसाने के ख़्याल से कहा ।
'तो रामजी, तुमने ऐसी कोई वेबसाइट देखी है?" मैंने पूछा।
*अभी तो नहीं। लेकिन मैं उसके बारे में सोच रहा हूँ..।"
जब हमने कुछ नहीं कहा तो उसने समझाना शुरू कर दिया, 'इस सेवा की सबसे बड़ी ख़ासियत य
है कि आप बहुत सारे लोगों के बारे में जान सकते हैं। इससे आपको अपने लिए बेहतर साथी च्नने में
मदद मिलती है। और आप उससे बातचीत कर सकते हैं जिसमें आपको इंटरेस्ट जगे... स.ब कुछ बेहृद
सलीके से होता है। सबसे बढ़कर आपको इस बात की चिंता भी नहीं करनी होती कि आप किस जगह
पर हैं.."
अमरदीप ने कुछ ऐसी बातें रखीं जिसके बारे में बहस करने के लिए शायद हमारे पास कुछ खास
था नहीं।
हूँ..ीक है, मुझे यह तो पता नहीं है कि इन सबसे कुछ होता है, लेकिन एक बार इसे आज़माना
ज़रूर चाहिए। कौन जानता है...? यहाँ तक कि एमपी भी राज़ी लग रहा था।
रात के 1.30 बज च्के थे, हमारे खाली पेटों ने हमारे दिमागों को अपने वजूद की याद दिलायी।
अमरदीप ने कहा, 'अब काफी देर हो च्की है और मुझे बेहद भूख लगी है। घर चलते हैं, कहते हं
वह उठ खड़ा हुआ।
'तो वह पहला आदमी कौन है?" जब हम अपने कपड़ों की धूल झाड़ रहे थे एमपी ने पूछा।
'सबसे पहले शादी करने वाला? या वेबसाइट पर सबसे पहले अपनी प्रोफाइल डालने वाला?"
हैप्पी ने हैँसते हुए पूछ्धा ।
दोनों।"
'मुझे लगता है यह, हैप्पी ने मेरी तरफ ऊँगली दिखाते हुए कहा, "पता नहीं क्यों।'
स्बह के करीब 4 बज च्के थे। हम खाना खाकर सोने चले गए। बहुत समय बाद, मैंने उस तरह
नींद का आनंद लिया जिस तरह हम होस्टल में लिया करते थे। वह दिन हमारे जीवन का एक
यादगार दिन बन गया।
अगला दिन हमने कोलकाता की कुछ मशहर जगहों को देखते हुए बिताया। और हम उस दिन
शाम को फिर से नावों वाले घाट पर गए मेरा यकीन कीजिए, वह 1912 के टाइटेनिक की सवारी से
कुछ कम मज़ेदार नहीं था, अपने सबसे अच्छेर दोस्तों के साथ होना तो और भी अआनंददायक था। हमर
सम प्लेस एल्स नाम के एक पब में ख्ब खाया, पीया और बातें की।
वह हमारे पुनर्मिलन की आखिरी रात थी।
सब मुझे छोड़ने के लिए हावड़ा स्टेशन पर आये और एक बार फिर हम चारों वैसे ही गले मिले जै
हम कॉँलेज के आखिरी दिन हैदराबाद स्टेशन पर मिले थे।
'सबसे पहले कौन रोने वाला है? एमपी ने फूद्रा । लेकेन हम सब उस अहमाकाना और भाक्क
सवाल पर हमने लगे।
ट्रेन ने अपनी आखिरी सीटी बजाकर मुझे बुलाया। मैं डिब्बे में सवार हो गया और गेट पर खड़ा
होकर तब तक उन सबको हाथ हिलाकर विदा कहता रहा जब तक मेमे पलेटफो म्म से खिसक्ती रही।
मैं अगले दिन सुबह भुवनेश्वर पहुँच गया। उसी सुवह अमरदीप और एमपी ने अपने-अपने टिकानों के
लिए फ्लाइट पकड़ ली...उसके क्छ दे बाद हैपी भी लंदन के लिए उड़ गया।

Thank you 💛..