अनजाने एहसास DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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अनजाने एहसास

1.
नज़राना मोहब्बत का
अपने महबूब को क्या दूं
जो ख़ुद बेशकीमती है मेरे लिये
मैं उसे तोहफ़ा क्या दूं
इश्क़ की किताब पर
सिर्फ तुमको ही लिखा है अपनी
प्यार की उस इबादत को
मैं शब्दों का आशियाना क्या दूं...

2.
कभी तो ऐसा हुआ करे कोई मेरा युँ ख्याल करे
मेरे अश्क में जिया करे मेरे नाम पे मरा करे
दर्द दिल की दवा करे चाक जिगर को सियाह करे
मेरी चाह में करे मुझे टुट कर चाहा करे
खुद से न जला करे मुझे खुदा से मांगा करे

3.
मोहब्बत सिखा कर जुदा हो गए, ना सोचा ना समझा
खफा हो गए...
दुनिया में किसको हम अपना कहें, अगर तुम ही मेरी
जान बेवफा हो गए..!

4.
मेरे प्यार की चाहत में
अब बह जाओ तुम,
अपने "*दिल*" की हर बात
आज कह जाओ तुम...!
एक बार तुम मेरे
करीब आओ,
मुझको रख लो या मुझ में ही
रह जाओ तुमने

5.
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है

6.
मुझे कभी लिखना नहीं आया
मैंने तो बस तुम्हें पुकारा है,
इश्क़ के जज़्बातों से,
प्रेम के पन्नों पर,
मोहब्बत की क़लम से..

7.
किसी को नहीं पाने से जिंदगी खत्म तो नहीं हो
जाती,
मगर किसी को पा कर खों देने से कुछ बचता भी
नहीं.!!

8.
खिलती धूप है,
तपना ज़मीं को पड़ता है !
मिलती निगाहें हैं;
तड़पना दिल को पड़ता है !!

9.
मुहब्बत भरी इक नज़र रख दे कोई,,
किसी और दौलत की चाहत नहीं है..!!
कुछ देर की खामोशी हैं फिर से शोर आएगा,,
तुम्हारा सिर्फ वक़त आया है हमारा दौर
आएगा..!!
क्यूं एक दिल की खबर दूसरे दिल को न हो,,
वो "दर्द-ए-इश्क़" ही क्या जो इधर हो उधर न
हो.. !!

10.
मोहब्बत की
इंतिहा तू जाने ना!
मिलती है मोहब्बत
बड़ी ही शिद्दत से मगर तू माने ना !
कैसी होती है मोहब्बत ये जानके तो देखो
मुझे तुमसे दिल्लगी है मगर तू जानेना...
!!

11.
हर राह पर तुम्हें तलाश
करती रहीं निगाहें मेरी
काश मेरी यादों से निकल कर
तुम मेरे रुबरु आ जाओ


12.
एक तेरे साथ की ही चाहत थी,
जीने के लिए
वरना मोहब्बत तो किसी से भी,
हो सकती थी

13.
"सूरत देख कर जो मोहब्बत बदल दे वो इंसान हम नहीं
" शोहरत देख कर जो चाहत बदल दे वो बेईमान हम नहीं

"माना एहसास नहीं तुझे अपनी मोहब्बत से
" हम तेरी रूह में समाकर तुझसे "वफा" न करे वो इंसान हम नहीं

14.
खिलती धूप है ,
तपना ज़मीं को पड़ता है !

मिलती निगाहें हैं ;
तड़पना दिल को पड़ता है !!

15.
मुझे सिर्फ तू चाहिए...
गुस्सा होने के लिए...
झगड़ा करने के लिए...
सीने पर सर रख कर सोने के लिए...
हाथो में हाथ डाल कर चलने के लिए...
और बहुत प्यार करने के लिए...
मुझे सिर्फ तू चाहिए...

16.
जब भी उठती है निगाहें नज़रें आप को ढूंढती है
जब भी उठते हैं हाथ दुआ आप के लिए मांगते हैं

जब भी खुलते हैं लब मेरे नाम आपका ही लेते हैं
जब होती है आहट कोई दिल आप के आने का सोचता है

क्या कहूं इस दिल का आलम
जागूं तो भी बस ख्वाब आपके देखता है.

17.
दूरियाँ जब बढी तो,
गलतफहमियां भी बढ गयी।
फिर तुमने वो भी सुना,
जो मैने कहा ही नही।।

18.
मोहब्बत आप अपनी बेशक ज़माने से छुपाया कीजिये,
हमसे इश्क़ है आपको कम से कम हमे तो बताया कीजिये,

19.
पत्थर में एक ही कमी है वह पिघलता नहीं है,
पर यह उसकी खूबी भी है कि वह बदलता नहीं है!!

20.
मनपसंद शख़्स की तवज्जों और चाय
जितनी भी मिल जाएं कम ही लगती हैं।