झरने की खुशबू DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

झरने की खुशबू

1.
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम

2.
मुझे इश्क़ सिखाकर के रुख़ मोड़ तो ना लोगे
रखो हाथ मेरे दिल पे, कहो, कभी छोड़ तो ना दोगे

3.
हम ने जब कभी भी खुशी महसूस की,
हर कदम पे आप की कमी महसूस की
दूर रह कर भी आप की चाहत कम ना हुई,
यह बात हम ने दिल से महसूस की.

4.
ऐसी कोई बात नहीं, बस ज़रा आँख नम हो आई है
आप तो जाइये, हमने ना रोने की कसम खाई है

5.
प्यार किया तो उनकी मोहब्बत नज़र आई
दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई
दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई
दिल तो उनका धड़का पर आवाज़ इस दिल की आई

6.
याद तेरी जब भी आई वफ़ा रोती रही
आँखों से बरसा वो बादल के इन्तहा होती रही
तेरे मिलने की दुआ के लिए जब भी हाथ उठाए मैंने
मेरी इस मासूम ख्वाहिश पे न जाने क्यों दुआ रोती रही

7.
मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ ख़ामोशी दे दी
खुदा से दुआ मांगी मरने की,
लेकिन उसने भी तड़पने की लिए ज़िन्दगी दे दी

8.
मुझे भुला दिया तो रात भर जागते क्यूँ हो
मेरे सपनों में दबे फिर पाँव भागते क्यूँ हो

एक जो कीमती चीज़ थी वो भी खो दी
अब बेवजह इस कदर दुआ माँगते क्यूँ हो

इतना ही आसान था तो पहले बिछड़ जाते
वक़्त की दीवार पे गुज़रे लम्हात टाँगते क्यूँ हो

गर सब निकाल दिया खुरच-खुरच के जिस्म से
फिर मेरी हँसी से अपनी तस्वीर सजाते क्यूँ हो

9.
जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते,
जो अपनो के ना हुए किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है,
कि सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते

10.
कितनी मोहब्बत है तुमसे कोई सफाई न देंगे,
साये की तरह.रहेंगे तेरे साथ पर दिखाई ना देंगे

11.
प्यार को जानते थे बस रूबरू तो तब हुए हम
जब खामोशी भी बोलने लगी और उसे भी लोग समझने लगे

12.
थकन के बाद भी चलते रहो इसरार करती हैं
मुझे बैसाखियाँ मेरी बहुत लाचार करती हैं
कभी हालात लम्हे में बदलते हैं ज़माने के
कभी सदियाँ किसी बदलाव से इनकार करती हैं

13.
हैरत नहीं होता है मुझे उसका जाने का क्यु कि उसे नया खिलौना मिला है‌ अपना दिल बहलाने का

14.
कोई फ़िक्र दे अगर तुम ख़्याल दे देना,
कोई काँटा दे अगर तुम गुलाब दे देना,
कोई सवाल दे अगर तुम जवाब दे देना,
और मेरी ज़िंदगी को आसान बनाना दोस्तों,
कोई आँसु दे अगर तुम रूमाल दे देना,

15.
परवाह करते हैं तुम्हारी बस ज़ताते नहीं हैं ज़रूरी हो तुम बहुत बस बताते नहीं हैं
ख़याल रखते हैं तुम्हारा बस दिखाते नहीं हैं रोज़ देख लेते हैं तुम्हें बस नज़र आते नहीं हैं

16.
धुआं होते जा रहे हैं जज़्बात मेरे
कहीं तो ठहर जाएं हालात मेरे

कैसे मैं कह दूँ के ज़रूरत नहीं तेरी
तू भी तो नहीं आता जाने के लिए

राख हो न जाएं, मिलने की आस मेरी
कभी तो तू भी दे के जा दस्तक ऐसी

17.
तुम मिले जो मुझे, चल पड़े है सिलसिले
वक़्त की शाख पे, गुल नए कुछ खिले

इन निग़ाहों में कैसा, ये सौदा हुआ,
दिल अचानक यूँ, रुक रुक के चलने लगा,
एक तूफ़ान उठे, जब ये आँखे मिले

एक हरारत सी, जिस्मो में होने लगी,
कैसी मदहोशी आलम में छाने लगी
थरथराते है लब, जब ये लब से मिले

18.
.रोज़ सवेरे दिन का निकलना, शाम में ढलना जारी है
जाने कब से रूहों का ये ज़िस्म बदलना जारी है
तपती रेत पे दौड़ रहा है दरिया की उम्मीद लिए
सदियों से इन्सान का अपने आपको छलना जारी है
जाने कितनी बार ये टूटा जाने कितनी बार लुटा
फिर भी सीने में इस पागल दिल का मचलना जारी है
बरसों से जिस बात का होना बिल्कुल तय सा लगता था
एक न एक बहाने से उस बात का टलना जारी है
तरस रहे हैं एक सहर को जाने कितनी सदियों से
वैसे तो हर रोज़ यहाँ सूरज का निकलना जारी है

19.
तकदीर है कि हम तेरी फुरकत में जियेंगे ,
तुमसे न मिलेंगे, तेरी हसरत में जियेंगे

20.
न कर मुझसे गुफ्तगू आज चुपचाप रहने दे,
लबों को रख खामोश आँखों को बात करने दे

मुश्किलों से मिले हैं कितने इंतज़ार के बाद,
फिसल रहा है वक़्त कुछ देर और साथ रहने दे

जिंदगी गुजर रही थी तेज दरिया के मानिंद,
हक़ीक़त में मिलना है नामुमकिन ख्वाबों में तो रहने दे