ज़िंदगी की छांव तले DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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ज़िंदगी की छांव तले

1.
गर किसी से वादा करो, तो उसे निभाओ जरूर
क्योंकि अक्सर वादो पर अपनी जिदंगी गुजार देते है लोग
किसी के लिये वादा महज एक लब्ज हो सकता है
और किसी के लिये ये लब्ज बहुत अहम होता है

2.
ए जिंदगी तुझसे क्या शिकायत करूँ मैं अब
तुने तो जो भी दिया बेहद और बखुब दिया
मैं हि काबिल न थी इसके, जो इसे संभाल न सकी
तुने तो बेमिसाल और बेइंतहा दिया

3.
जिसे हकीकत बनाना चाहते थे, वो ख्बाब थे तुम
मेरी सुबह और मेरी शाम थे तुम
जो होठों से कभी जाती नहीं थी, वो मुस्कान थे तुम
हर बात मे जिसका जिक्र आये, वो नाम थे तुम
मेरे हर खत का पैगाम थे तुम
मेरी हर फिक्र का आराम थे तुम
जो पूरी नहीं हो सकी, वो ख्बाहिश थे तुम
तुम्हे इससे ज्यादा और क्या कहुँ, मेरे लिये तो मेरा सारा जहान थे तुम

4.
वक्त से भी वक्त चुराकर याद किया करते थे तुझको
जिस किसी को भी पता चलता, इल्जाम देते थे मुझको
उन्हें क्या बताऊँ, मैंने अपना सब कुछ जो मान लिया था तुझको
अब जो भी हो अंजाम, सब कुछ कबुल है मुझको

5.
किसी को अपना फितुर ना बनने दो
गर बनना है तो किसी के लिये खुद फितुर बनो
क्योकिं एक बार को तुम उसे पा सको या ना
लेकिन वो तुम्हें पाने कि पूरी कोशिश करेगा

6.
रो कर भी देख लिया, भुला कर भी देख लिया
यादो को तेरी दिल से मिटा कर भी देख लिया
और क्या करूँ तु ही बता, खुद को तेरे लिये तड़पा कर भी देख लिया

7.
क्या मिला है किसी को किसी पर बेवजह मर कर
हम तो जिंदा रहने मे यकिन रखते हैं
क्युँ हक दे किसी को अपना दिल तोड़ने का
इसलिए तो हम अपना दिल, अपने पास रखते हैं

8.
शेयरो शायरी मे ही अपना दर्द सुना लेते है हम
कितना दर्द छुपा है सीने मे मेरे ये बता देते है हम
कोई क्या जानेगा जज्बात मेरे हर किसी को नही जताते है हम

9.
मैं खुद को समझाती रही, कि वो अब किसी ओर का है
लेकिन कमबख्त ये दिल समझने को तैयार ही नहीं है
जिद्द पकड़ कर बैठा है ये, कहता है कि वो लौट कर आयेगा
नादान है, ये भी नही समझता कि जो एक बार चला गया
वो कहाँ फिर लौटा है।

10.
पता है किसी के लिये आप कितने खास हो, ये वो ही शक्स आपको बता सकता है
जिसके लिये आप मायने रखते हो, जिसको आपके होने ना होने से फर्क पड़़ता हो
वो इंसान क्या खाक बतायेगा, जिसने कभी आपको महसूस ही ना किया हो।

11.
विश्वास कि एक डोर तुझ संग जो बाँधी है।
तु ही अब मेरा जन्म जन्मो का साथी है।
साथ तेरा और मेरा ऐसे, जैसे कोई दिया और बाती है।
देर हो गई बहुत, अब याद तेरी सताती है।

12.
वक्त तो बस एक बहाना था
उसे मुझसे साथ जो छुड़ाना था
जब कभी कहती मैं उससे कभी बात तो कर लिया कर
वो कहता बस वक्त ही तो नहीं है मेरे पास।

13.
हर शाम निकल जाती है तेरे इंतजार मे,तुने वादा किया था
लौटकर आने का, तु तो लौटकर ना आया
लेकिन कमबख्त ये शाम हर रोज आ जाती है।

14.
जिदंगी मे ना प्यार कभी किसी को पूरा नहीं मिलता
किसी को आधा तो किसी को इतना भी नही मिलता
कभी ना चाहते हुये भी बेमिसाल मिलता, और कभी मरने तक भी किसी का इकरार नहीं मिलता।
इसलिये जब भी कभी मिले तो बाँहे खोल कर उसे अपनाओ
उससे अपने दिल कि सब कह जाओ।
ताकि फिर मलाल ना रहे, क्योंकि जिदंगी मे ना प्यार हर किसी को नहीं मिलता।