हैवान से मोहब्बत - 10 Alam Ansari द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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हैवान से मोहब्बत - 10

Ch 10 Avani ki planning

फिर उसके सामने आकर उसके बगल में बैठ गया और उसके हाथों में भी मलहम लगाने लगा। इस वक्त आर्य के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। तानिया तो बस उसे देखती ही रह गई। उसकी इतनी केयर तो उसके डैड ने भी नहीं की थी। वह आर्य को देखती ही रह गई।।

अब आगे

मल्हम लगाने के बाद तानिया अपने गाउन के लोंग जैकेट को पहनने लगी। जो कि आर्य ने मल्हम लगाते वक्त उतार दिए थे। क्योंकि नाइट गाउन का अंदर का पार्ट स्लीवलेस था, जिससे तानिया की गोरी बाहें नज़र आ रही थी। उसे आर्य के सामने ऐसे बैठने में बहुत शर्म आ रही थी। इसलिए वह खुद को उस जैकेट के कवर करने लगी।




पर आर्य ने उसका हाथ पकड़ कर उसे पहनने से रोकते हुए कहा : " इसे पहनने की कोई जरूरत नहीं है। तुम्हारी बाॅडी पर लगी, आॅइंटमेंट खराब हो जाएगी।। "




तानिया उसकी बात मानते हुए वह जैकेट साइड में रख देती है। वह आर्य की तरफ देख कर धीरे से बोली : " आप मेरी इतनी केयर क्यों कर रहे हैं...?? "




आर्य तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " मैं तुम्हारी केयर कहाँ कर रहा हूँ। मैं तो अपने बच्चे की माँ की केयर कर रहा हूं। तुम इतनी जल्दी भूल गई, मैंने यह शादी सिर्फ़ वेदांश के लिए की है।। "




तानिया को लग रहा था कि आर्य उसकी कितनी केयर कर रहा है। पर अब उसे समझ आ गया था कि वह तो वेदांश की माँ की केयर कर रहा है।।




तानिया : " मुझे याद है।"




फिर तानिया की नज़र गिफ्ट बाॅक्सेस की तरफ जाती है। जिसे आर्य ने अपने कमरे में मंगवा ली थी। वह तानिया की तरफ देख कर उसे खोलने का इशारा करता है। जब तानिया गिफ्ट बाॅक्स खोलने के लिए बढ़ती है तो आर्य उसे एक बाॅक्स तरफ इशारा करते हुए उसे खोलने के लिए कहता है।।

पर तानिया उसे इग्नोर करते हुए दूसरे बाॅक्स को देखने लग जाती है। यह देख कर आर्य को गुस्सा आ जाता है। वह तानिया की तरफ देख कर ओर्डरिंग टोन में बोला : " मैंने कहा, पहले इसे खोलो।। "




तानिया धीरे से एक नाराज़गी के टोन में बोली : " अब आप गिफ्ट देखने के लिए भी मुझे ओर्डर देंगे।। " यह बोलते वह थोड़ी मायूस हो गई। क्योंकि आर्य ने उस पर बेवजह ही गुस्सा दिखाया था। वह अपने आपको नोर्मल करते हुए बोला : " लो पहले इसे देखो।। "




तानिया ने गिफ्ट बाॅक्स खोला। यह आर्य की तरफ से था। उसने देखा कि यह एक खूबसूरत सा प्लेटिनम का पतला सा नेकलेस है। जिसमें डायमंड की एक खूबसूरत सी पैंडेंट लगी हुई थी। जिसे देख कर तानिया के चेहरे पर एक स्माइल आ गई। जिसे देख कर आर्य को यह पता चल गया कि तानिया को उसकी दी हुई गिफ्ट पसंद आयी।




आर्य उसके हाथों से वह चेन लेते हुए बोला : " लाओ, इसे पहना देता हूँ।। "




तानिया ने उसे वह चेन दे देती है। आर्य तानिया के बालों को आहिस्ते से उसकी गर्दन से हटा कर उसे वह चेन पहना देता है। यह तानिया के गले में बहुत खूबसूरत लग रहा था।




आर्य उसकी तरफ देखते हुए बोला : " तुमने खीर बहुत ही टेस्टी बनायी थी। तुम्हें तो एक प्रोफेशनल शेफ होना चाहिए।।" तानिया आर्य की तरफ देखने लगी। उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि आर्य उसकी तारीफ कर रहा है।।




फिर तानिया बाकी सबके गिफ्ट देखने लगती है।। वह युवान का गिफ्ट बाॅक्स खोलती है तो उसमें रैड कलर की एक खूबसूरत गाउन होती है। जो बहुत एक्सपेंसिव लग रही थी। उसे देख कर तानिया की आँखें चमक उठी : " wow...ये ड्रैस तो बहुत ही खूबसूरत है...!! " यह बोलते वह इस ड्रैस को संभाल कर साइड में रख देती है।।

फिर दादा जी का गिफ्ट देखते ही। उन्होंने एक खूबसूरत सा डायमंड का सैट दिया था। जिसे देख कर तानिया की आँखें चमकने लगी। और इसके साथ ही वह उस जूलरी बाॅक्स को बंद कर देती है। यह देख कर आर्य उसके पास आकर बोला : " क्या हुआ...?? क्या तुम्हें ये नेकलेस पसंद नहीं आया...?? "




तानिया : " पसंद क्या बहुत ज्यादा पसंद आया। इनफैक्ट इतना खूबसूरत नैकलेस सेट मैंने आज तक नहीं देखा। पर ये बहुत एक्सपेंसिव होगा न इसलिए मैं इसे दादा जी को वापस करना चाहती हूं। मुझे महंगे गिफ्टस् की आदत नहीं है न। "




आर्य देख पा रहा था कि तानिया कितनी डाऊन टू अर्थ है। अगर अभी उसके जगह पर कोई दूसरी लड़की होती तो वह इस महंगे नैकलेस को वापस करने के बारे में तो बिलकुल नहीं सोचती। आर्य तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " अब तुम्हें ऐसी गिफ्टस् की आदत डालनी पड़ेगी। क्योंकि तुम अब आर्य सिंघानिया की वाइफ हो।। "




फिर तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " तुम ये रख लो। दादा जी ने बड़े प्यार से तुम्हें दिया है। गिफ्ट प्राइस देख कर नहीं दी जाती, हम्म...!! "




तानिया ने ज्यादा बहस न करते हुए हाँ में सिर हिला दिया। फिर वह अनिल जी की गिफ्ट देखने लगी। उन्होंने तानिया को एक बुक गिफ्ट की थी। जिसमें एक Daughter और dad की बोंडिंग को एक खूबसूरत कहानी से बताया गया था। यह देख कर तानिया बहुत खुश हो गयी। कहीं न कहीं आर्य को भी यह देख कर खुशी हुई।।




वह आर्य की तरफ वह बुक दिखाते हुए बोली : " डैड ने मुझे ये ब्युटीफूल सा बुक गिफ्ट किया है...!! "




आर्य ने इस पर ज्यादा रिएक्ट न करते हुए तानिया के कंधे को पकड़ कर बैड पर बिठा देता है और खुद उसके बगल में बैठ जाता है। वह तानिया के हाथों को अपने हाथ में लेकर बोलना शुरू करता है : " Listen Tanya... I want to say Thank you so much... ( तानिया को बिलकुल यकीन नहीं हो रहा था कि आर्य जैसा खड़ूस इंसान उसे थैंक्यू बोल रहा है) मेरे बेटे के चेहरे पर उसकी प्यारी स्माइल वापस लाने के लिए।। तुम्हें नहीं पता कि आज मुझे उसके फेस पर स्माइल देख कर कितनी ज्यादा खुशी हुई।। "

आर्य की बातें सुन कर तानिया के चेहरे पर एक स्माइल आ गई। वह वेदांश को अपने बच्चे की तरह ही ट्रीट करती थी। वेदांश ही वो वजह था जिससे उसे तानिया के साथ शादी के बंधन में बंधे रहने से कोई प्रोब्लम नहीं हो रही थी। वरना शादी के वक्त मंडप में यह सोच सोच कर ही उसका दिल बैठा जा रहा था कि अपनी पूरी जिंदगी एक अजनबी के साथ वह कैसे बिताएगी।




आर्य हलका सा स्माइल करते हुए बोला : " रात बहुत हो गई है अब सो जाओ। बाकी गिफ्टस् कल देख लेना...!! " तानिया बहुत थक गई थी, इसलिए उसने हाँ में सिर हिला दिया। पर इससे पहले कि तानिया बैड पर जम्प कर पाती। आर्य उसके सपनों पर पानी फेरते हुए पहले जाकर बैड पर लेट गया। तानिया उसे देखती ही रह गई।।




जब लेटे हुए आर्य को अपने ऊपर किसी की नज़र महसूस हुई तो वह तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " अब सोओगी भी या रात भर मुझे ऐसे ही देखने का इरादा है। माना कि मैं बहुत हैंडसम हूं, पर मुझे देखने के लिए तुम्हें यूं रात भर जागने की कोई जरूरत नहीं है।। "




तानिया आर्य की तरफ घूरते हुए बोली : " आप इतने भी हैंडसम नहीं हो कि मैं आपको यूं आँखें निकाल कर देखूं। वो मैं आपके साथ बैड शेयर करने में कंफर्टेबल नहीं हूं।। "




आर्य : " पर क्यों...?? "




तानिया : " क्योंकि मैं आपके बारे में ज्यादा नहीं जानती। हम कल ही तो मिले हैं...!! " यह कहते हुए वह अपना सिर झुका लेती है।।




आर्य उसे परेशान करते हुए बोला : " पर मुझे तुम्हारा मेरे साथ सोने में कोई प्रोब्लम नहीं है...!! "

तानिया : " कितने बेशरम हैं आप। आपको शर्म नहीं आती एक लड़की आपके सामने खड़ी है और आप चुपचाप बैड पर सो रहे हैं।। "




आर्य उसे परेशान करना जारी रखता है : " हाँ तो वो तुम्हारी प्रोब्लम है। मैंने तुम्हें मना तो नहीं किया है न कि मेरे बैड पर मत सोओ। मैं तुम्हारे साथ अपना बैड शेयर करने में कंफर्टेबल हूं। पर अगर तुम शेयर नहीं करना चाहती तो कोई बात नहीं... आई एम ओके विथ दैट ओलसो...!! "




यह कहते हुए वह चुपचाप आँखें बंद करके सो गया। तानिया तो उसे घूरती ही रह गई। अब उसके पास काउच में सोने के अलावा और कोई आॅप्शन नहीं था। वह चुपचाप आकर काउच में खुद को समेटने की कोशिश करने लगी। थोड़ी देर तक ऐसे ही अपने आपको एडजस्ट करने की कोशिश करती है। फिर उसकी पलकें भारी होने लगी। आर्य बस सोने की एक्टिंग कर रहा था। वह अभी तक जाग ही रहा था। उसने एक नज़र तानिया की तरफ डाला। जो बिना ब्लैंकेट के सोफे पर अपने आपको अपने हाथों से कवर करके सो रही थी।।




वह ब्लैंकेट लेकर जैसे ही तानिया की तरफ जाने के लिए उठने को हुआ। तानिया को उसने हलचल करते हुए देखा। अचानक से तानिया की नींद खुल गयी। रूम की लाइट्स आॅफ होने की वजह से और बाहर तेज हवा चलने की वजह से खिड़की के परदे हिलने लगे। जिससे उसकी डरावनी परछाईयां बनने लगी। यह देख कर तानिया डर के मारे आधी ही हो गई।।




उसे धीरे - धीरे और डर लगने लगा। क्योंकि यह परछाई धीरे-धीरे और बड़ी हो रही थी। उसे अब और बर्दाश्त नहीं हुआ। वह काउच से उठ खड़ी हुई। और बैड की तरफ जाने लगी। आर्य तो कब से जाग ही रहा था। उसने लाइट्स ओन कर दी और सामने तानिया को देखा।।




उससे पूछने लगा : " क्या हुआ...?? "




तानिया हकलाते हुए बोली : " वो... वो... मुझे... वो बैड...!!"




आर्य उसकी तरफ देखते हुए बोला : " पर तुम तो कह रही थी कि मेरे साथ बैड शेयर करने में कंफर्टेबल नहीं हो...?? "

तानिया: " वो तो मैं अभी भी नहीं हूं...पर मुझे डर भी लग रहा है न... तो...!! "




आर्य ने फिर कुछ नहीं कहा। और चुपचाप बैड पर लेट गया। तानिया भी उसके दूसरे तरफ लेट गई। आर्य ने रूम की लाइट्स आॅफ कर दी। तानिया को फिर डर सताने लगा इसलिए वह धीरे - धीरे आर्य के करीब जाने लगी। और अपनी आँखें बंद कर लिया। आर्य जब करवटें लेता है तो तानिया को अपने करीब पाता है।।




इस वक्त डर की वजह से उसकी धड़कनें बहुत तेज चल रही थी। आर्य यह नोटिस कर पा रहा था। उसने अपना एक हाथ तानिया की तरफ बढ़ा कर उसके सिर को सहलाने लगा। जिससे तानिया थोड़ी रिलैक्स हो गई।।




दूसरी तरफ,




खुराना मैंशन,




अवनी अपने बैड रूम के सोफे पर बैठी हुई थी। उसकी आंखें इस वक्त गुस्से से लाल थी। उसकी असिस्टेंट शीना एक फाइल लेकर उसकी इंफौर्मेशन पढ़ कर अवनी को बता रही थी।




" मैम उस लड़की का नाम तानिया मलहोत्रा है।। "




अपनी आँखों में एक अलग सा गुस्सा लेकर अवनी बोली : " तानिया मलहोत्रा, तुमने अवनी खुराना और आर्य सिंघानिया के बीच आकर ठीक नहीं किया। अगर वो लड़की बीच में नहीं आयी होती तो मैं भी देखती कि आर्य मुझसे अलावा और किससे शादी करता। पर उस तानिया ने मेरा बना बनाया खेल ही बिगाड़ दिया। पर मैं इतनी आसानी से तो सिंघानिया फैमिली की बहू बनने का ख्वाब नहीं छोड़ सकती। आर्य चाहे या न चाहे पर मैं सिंघानिया फैमिली की बहू बन कर ही दम लूंगी।। "




फिर वह सामने की तरफ देखते हुए बोली : " अगर मैं सामने से तानिया को आर्य से दूर करने की कोशिश करूंगी तो यह मेरे लिए बहुत मुश्किल टास्क होगा। और मेरी इस गलती से दोनों दूर होने के बजाय और पास आ जाएंगे। इसलिए मुझे कुछ अलग करना होगा, जिससे आर्य खुद उसकी शक्ल से भी नफ़रत करने लगेगा।। "




" पर मैम आप ऐसा क्या करने वाली हैं...?? "




अवनी अपनी आँखों में एक शैतानी चमक लेते हुए बोली : " शीना तुमने गलतफ़हमी और शक का नाम सुना है...बस हमें यहाँ इसी चीज़ का तो इस्तेमाल करना है।। "

यह कहते हुए वह अपने चेहरे पर एक शातिर स्माइल ले आती है। जिसे देख कर ही लग रहा था कि उसके दिमाग में कुछ बड़ा प्लान चल रहा है।।




सिंहानिया मैंशन,




बाहर तेज बारिश हो रही थी। बीच - बीच में बिजली की तेज चमक से पूरे रूम रोशनी से भर जाता था। बादलों की गड़गड़ाहट से काँपती हुई तानिया की पकड़ नींद में ही आर्य की बाहों में कसती जा रही थी। आर्य भी उसे अपने सीने में छिपा कर सो रहा था। जिस तरह वह वेदांश को सुलाता था, जब उसे किसी चीज़ से डर लगता था तब।।




To be continued...




तो आखिर क्या चल रहा है अवनी के दिमाग में...?? क्या वह आर्य और तानिया को अलग करने में कामयाब हो पाएगी...?? जानने के लिए पढ़ते रहिए " हैवान की मोहब्बत" और बने रहिए कहानी पर।।




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See you in the next chapter till then take care...




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