The Author DINESH KUMAR KEER फॉलो Current Read अनमोल विचार By DINESH KUMAR KEER हिंदी कुछ भी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 9 प्रीतम नीलिमा के जवाब का इंतजार कर रहा था,पर नीलिमा अब भी कु... श्रापित एक प्रेम कहानी - 22 दोनो सुंदरवन के पास पँहुच जाता है जहां पर वर्शाली ने एकांश क... पहली नजर का पहला प्यार कहते हैं न,कभी-कभी उम्र कम पड़ जाती है प्यार करने के लिए,और... मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 5 (लास्ट पार्ट) PART — 5 : final part कॉलेज कैंटीन में वो पल जहाँ माहीं... आधी कथा आधी कथा लेखक: विजय शर्मा एरीशहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों से द... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे अनमोल विचार 1.6k 4.7k 1 1.जेठ आते ही... अच्छो-अच्छो का घूंघट निकल आता हैं... यू ही जेठ जी नहीं कहलाते हैं... 2.अगर पूछे कोई पहचान अपनी तो बता देना,हमारे नाम से तुम हो, तुम्हारे नाम से हम है।3.शिक्षा उसे कहते है, जो सही को सही, और गलत को गलत, कहने की क्षमता को, विकसित करती है...4.दिल से दिल तक, जब दिल पुकारे तो...हर दिल तक, दस्तक जाती है दिल की...5.श्रृंगार करती महिलाओं से, संघर्ष करती महिलाएं, अधिक सुंदर लगती है...6.नींद भी नीलाम हो जाती हैं, दिलों की महफ़िल में "साहिबा";किसी को भूल कर सो जाना, इतना आसान नहीं होता...7.आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुई,एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुई,करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सकी,लेकिन दे गयी बहुत कुछ जब वो वेबफा हुई...8.ख़ून मेरी नसों में है पानी नहीं, ख़त्म होती है जिसकी रवानी नहीं, हौसले डगमगाए हज़ारों दफ़ा,मैंने फिर भी कभी हार मानी नहीं...9.“हम उसे नाराज़ समझ रहे थे,मगर वो तो कहीं और उलझी थी...”10.सुना हैं वक्त के साथ घाव सब भर जाते हैं, दिलों के जख्म मगर ता उम्र दिल दुखाते हैं; खुशनसीब हैं जो अपना दर्द यहाँ रो लेते हैं, उनसे पूछो जो इसे मुस्कुराहटों में छुपाते हैं...11.जलते जेठ का महीना चुरा लिया है, धूप ने जिस्म से पसीना चुरा लिया है।रख के पत्थर को अपने सिर पे उसने छाती के भीतर से सीना चुरा लिया है।धूल धूसर हो गये हैं लिबास भी उसके और थकन ने खाना-पीना चुरा लिया है।फिर भी यूँ मुस्कुरा कर के जीती है वो कि उसने इल्म-ए-जीना चुरा लिया है।12.खिलाफ़ कितने है, क्या फर्क पड़ता है... साथ जिनका है, वो लाज़वाब है...13.जो दिल से नेक होता है, वो खुशबू बन बिखर जाता... कपट होता है जिस दिल में, वो सच्चाई से कतराता... यही मंजिल है बस इंसान के किरदार की सुन लो... वो या दिल में उतर जाता है, या दिल से उतर जाता...14.आंखे जगमग हो जाती हैं, सामने उनके आते ही... नाम जब उनका लेता हूँ, तो मुंह मीठा हो जाता है...15.जिम्मेदारियाँ उम्र से पहले बड़ा बना देती है, जिंदगी की हर बड़ी मुसीबत से लड़ा देती है, यदि छोटे भाई पर बड़े भाई का हाथ, तो जगत् की सारी खुशी उसके साथ।16.मिल जाता है सुकून तेरी बंदगी में प्यारे पाकर तुम्हें, पा लिया सब कुछ जिन्दगी में एक अरदास है तुमसे प्यारे, मैं खुशी में रहूं या गम में वक़्त जैसा भी हो प्यारे, बस तुम मेरे साथ हो...17.गीली आंखों में यादों के कुछ बादल उमड़े हैं,भीगा - भीगा मन तुम्हें याद करता है...!18."मैं पढ़ा लिखा था तो ब्याह लाया अनपढ़ भी,वो पढ़ लिख गई तो बहुतों को ठुकरा दिया..."19.तुम जहां रहो खुश रहना बेटा मैं अपना काम चला लूंगा...कोई पूछेगा तो व्यस्त है बच्चा कह के इज्जत बचा लूंगा...हाथ पांव चलते रहेंगे तो बस कुछ साल और निभा लूंगा....पैसा जरूरी है भविष्य के लिए मैं सब को यह बता दूंगा...मेरी जरूरत पड़े तो बता देना मैं आज भी तुझे संभाल लूंगा...20."टूटने का मतलब खत्म होना नहीं होता,कभी कभी टूटने से जिंदगी की नई शुरुआत होती है..."दिनेश कुमार कीर Download Our App