उपहार का डिब्बा DINESH KUMAR KEER द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

उपहार का डिब्बा

मोबाइल ( उपहार का डिब्बा )

एक समय की बात है । सुबह विद्यालय जाते समय टप्पू को एक उपहार का डिब्बा सड़क के किनारे पर लावारिस मिला था । उस उपहार के डिब्बे में एक नया मोबाइल रखा हुआ था । उस डिब्बे को टप्पू ने उठाया व आस - पास नज़रें दौड़ाई, उसे कोई दिखाई नहीं दिया जिसे वह मोबाइल वापस कर सके। टप्पू ने घर आकर अपनी माँ को मोबाइल का डिब्बा दिखाते हुए कहता है कि -, "माँ ! देखो, डिब्बे के अन्दर, सड़क के किनारे पर लावारिस सा, कितना प्यारा नया मोबाइल मिला है ।"
टप्पू की माँ ने कहा कि -, "डिब्बा! कैसा डिब्बा, कैसा मोबाइल ? देखूँ तो जरा! कैसा मोबाइल है ?" माँ मोबाइल को देखती है और फिर कहती है-, "डिब्बे में हैं । सुन्दर लग रहा है। मेरा सपना था कि ऐसा ही मोबाइल में भी रखूँ, पर तेरे पिताजी की दिहाड़ी से महंगाई के समय घर - खर्च ही बहुत मुश्किल से चलता है।"
मैंने कहा-, "माँ ! अब ये मोबाइल आप रख लीजिये और अपना जो भी सपना साकार कर लीजिये।"
"नहीं बेटा! तूने ही तो बताया था विद्यालय में अध्यापक बताता है कि दूसरो की वस्तु नहीं लेनी चाहिए। ये जिसका है, उसे ही देना है। दूसरों का सामान हम नहीं ले सकते। हम गरीब हैं, पर चोर नहीं।" माँ ने आगे कहा-, "जब तूम पढ़ - लिखकर अधिकारी बन जायेगा, तब तूम हू - ब - हू ऐसा ही मोबाइल लाना। तब मैं गर्व से रखूँगीं। पर टप्पू बेटा! तू ये बता इस मोबाइल को घर क्यों ले आया?
"तब मैं क्या करता माँ! राह पर पड़ा रहने देता क्या? मैंने आस - पास देखा था। कोई व्यक्ति नहीं दिखा, तो मैं ये किसे देता ?
विद्यालय को देर हो रही थी। मैं मोबाइल लेकर विद्यालय चला गया। अब विद्यालय की छुट्टी हुई, तो मैं आपको लाकर दिखा रहा हूँ। अब आप ही बताओ, मैं क्या करूँ इस मोबाइल का? मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है। ये मोबाइल डिब्बे में है। इससे पता चलता है कि मोबाइल नया है।" टप्पू ने कहा।
"बेटा! तू हाथ - मुँह धोकर कुछ खा ले, जब - तक मैं पता करके आती हूँ। पड़ोस में आज एक जगह शादी समारोह है। हो सकता है, कोई गिफ्ट लाया हो। गिर गया हो। क्योंकि सभी लोग इस समय बाज़ार आ जा रहे हैं। मैं खुद ही अभी बाज़ार से आयी हूँ। गाँव की बेटी की शादी है। कुछ तो देना ही पड़ेगा।" माँ ने बताया।
"हाँ, माँ! होने को तो कुछ भी हो सकता है। पर माँ! आप जल्दी आना।"
बाहर जाते ही टप्पू की माँ को एक व्यक्ति दुःखी दिखाई दिया। दुःख का कारण पूछने पर पता चला कि कल रात वह व्यक्ति बाज़ार गया था। वापस आते वक़्त सामान से एक डिब्बा गिर गया। उसमें मोबाइल था, जो उसे शादी में उपहार में देना था।
टप्पू की माँ बिना समय गंवाए मोबाइल वापस करते हुए सारी बात बताकर घर वापस खुशी - खुशी आ गयी।

सीख: - हमें किसी की मिली हुई चीज को पता लगाकर उसे वापस कर देना चाहिए।