जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 31 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 31

जिन्न का साया


अरबी और इस्लामी मान्यता के अनुसार जिन्न (जिसे जिन्न, जिन्नात के नाम से भी जाना जाता है) आमतौर पर अलौकिक शक्तियों वाले बदसूरत और दुष्ट राक्षस होते हैं। इस्लाम-पूर्व मान्यता में, जिन्न प्राकृतिक आत्माएँ थीं जिनके बारे में कहा जाता था कि वे लोगों को पागल करने में सक्षम थीं। वे जंगली और एकांत रेगिस्तानी इलाकों में घूमते थे और, आमतौर पर अदृश्य होते हुए भी, वे कोई भी आकार धारण करने में सक्षम थे, चाहे वह जानवर हो या इंसान। हालाँकि, इस्लामी विद्या में, जिन्न को संशोधित किया गया था। वे मानव जाति और स्वर्गदूतों के बीच आने वाले मध्यवर्ती प्राणी थे

---: कहानी :---


यह उत्तर प्रदेश के खतौली मुजफ्फरनगर की रहने वाली एक खूबसूरत लड़की शाज़िया की जिन्दगी में घटी एक सच्ची है।

शाज़िया अपनी माँ के साथ रहती थी। उसकी माँ कैंसर से पीड़ित थीं। वो अपनी माँ को बहुत प्यार करती थी। उसने शादी इसलिए नहीं की। क्योंकि उसकी शादी के बाद उसकी माँ अकेली पड़ जाएंगी।

शाज़िया एक लड़के को होम ट्यूशन पढ़ाने जाया करती थी।

एक रात उसकी अम्मी की हालत ज्यादा बिगड़ गई।
वह डॉक्टर को बुलाने के लिए जैसे ही बाहर निकलती है। तभी उसको शॉर्ट कट कच्चा वाला रास्ता दिखा।
उसकी अम्मी ने उसे कच्चे वाले रास्ते से जाने का मना कर रखा था। लेकिन शाज़िया ने देर होने के डर से कच्चा वाला रास्ता चुन लेती है।

जहाँ पर उसका सामना एक खौफनाक अदृश्य शैतानी शक्ति से होता है।

जब रात को डॉक्टर शाज़िया की अम्मी को दवा देकर चला गया, तब शाज़िया के पास आता है एक जिन्न।


डॉक्टर समीर और शाज़िया एक दूसरे को पसंद करते थे। समीर, शाज़िया और उसकी अम्मी की बहुत परवाह करता था।
बातों ही बातों में जब समीर शाज़िया के हाथ को छूता है तो उसका हाथ जल जाता है।
किसी को कुछ पता नहीं चल पाया कि ऎसा क्यूँ और कैसे हुआ।



उसी रात डॉक्टर समीर का भी सामना उस जिन्न से होता है।

शाज़िया के साथ घट रही अजीबोगरीब घटनाओं के दौरान शाज़िया ने अपनी अम्मी को कच्चे वाले रास्ते के बारे में पूछा कि कोई वहां क्यूँ नहीं जाता है।

तब उसकी अम्मी बताती हैं कि उस रास्ते में जिन्न रहते हैं और जो भी उस रास्ते से गुजरता है तो जिन्न उसे अपने काबू में कर लेते हैं।

शाज़िया को अब सारी बात समझ में आ गई थी। सुबह वह सारी बात समीर को बताती हैं।

जिन्न से छुटकारा पाने के लिए शाज़िया एक पीर बाबा के पास जाती है। पीर बाबा शाज़िया को जिन्न के बारे में बताते हैं और जिन्न को उसी की दुनिया में भेजने के लिए शाज़िया को एक खंजर देते हैं।

शाज़िया समीर के साथ उस कच्चे वाले रास्ते में बनी हवेली में पहुंच जाती है। और जिन्न को सामने आने को कहती है।
शाज़िया को पता चलता है कि समीर के रूप में वह जिन्न उसके साथ धोखा कर रहा है। तो शाज़िया उसके सीने में खंजर से वार करती है और वह जिन्न अपनी दुनिया में चला गया।

शाज़िया पीर बाबा के पास जाती है और उनसे अपने अजीज समीर के कत्ल की माफी मांगती है। पीर बाबा कहते हैं कि समीर को तो पहले ही उस जिन्न ने मार दिया था। वह समीर नहीं जिन्न था।

इस तरह शाज़िया उस जिन्नात के साये से बच जाती है।


क्रमशः.............

राधे राधे 🙏 ©SSR ❤️ 🌹