The Author Devjit फॉलो Current Read ऐसे बरसे सावन - 27 By Devjit हिंदी प्रेम कथाएँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (17) : : प्रकरण : : 17 अजय कुमार के स... मेरे इश्क में शामिल रुमानियत है एपिसोड 56 कहानी का नाम — “मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है” एपिसोड 56-... महाभारत की कहानी - भाग 164 महाभारत की कहानी - भाग-१६४ युधिष्ठिर का दुर्योधन को युद्ध का... तेरे मेरे दरमियान - 45 विकास कहता है ---विकास :- ये क्या बनाकर लाई हो जानवी । छी :... जहाँ से खुद को पाया - 3 part - 3दिल्ली की रातें अब सयुग को डराती नहीं थीं। पहले... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Devjit द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 27 शेयर करे ऐसे बरसे सावन - 27 (3.7k) 2.5k 5.5k 1 स्वास्तिक - जा मत दे....मैं खुद ही पता कर लूंगा.... और वो भी अपने तरीके से है ....शुभ रात्री l अभिराम हंसते हुए - गुड लक दोस्त .... स्वास्तिक की बैचेनी देखकर सोचता है एक मैं हूं 3 महीने हो गए पर अभी तक मेरी स्वरा से बात तक नहीं हुई और ये एक मेरा दोस्त कितना फास्ट हैं फिर वह मोबाइल में स्वरा की फोटो देखते हुए उसके ख्यालों में गुम हो जाता है l उधर स्वास्तिक को तो 9 बजे से पहले किसी भी हालत में बस मीरा से बात करने की पड़ी थी इसी चक्कर मे दिमाग के घोड़े दौड़ने में लगा था l फेसबुक,इन्सटाग्राम पर मीरा की प्रोफाइल चेक करता हैं पर वहां उसने अपने अकाउंट का प्राइवेट सेटिंग कर रखा था इसलिए वहां उसे कुछ नहीं मिलता पर फिर भी वह उसे रिक्वेस्ट भेज देता है l तभी उसके दिमाग में आइडिया आता है वह तुरंत इन्टरनेट पर उसके हॉस्पिटल का नाम सर्च करता हैं और जहाँ से उसे रिसेप्शन का नंबर मिल जाता है फिर वह रिसेप्शन पर कॉल करता हैं और डॉक्टर मीरा का नंबर माँगता हैं.....लेकिन वह साफ़ शब्दों मे उसे नंबर देने से मना कर देती है.....जी हम लोग किसी को भी इस तरह हमारे डाक्टर का पर्सनल नंबर नहीं देते हैं l स्वास्तिक - जी मुझे पता हैं पर मुझसे उनका नंबर अभी खो गया हैं और मेरी वाइफ दूसरे शहर मे हैं उससे डॉक्टर मीरा ने खुद कहा था कुछ भी प्रॉब्लम हो तो उसे कॉल कर लें.... अभी नंबर खो गया है और इमरजेन्शी हैं इसलिए मांग रहा हूँ....... प्लीज़ मैम आप समझने की कोशिश कीजिए....बहुत इमरजेन्शी हैं इसलिए आप से रिक्वेस्ट कर रहा हूं.......नहीं तो मुझे कॉल करने की क्या जरूरत थी.....मेरी वाइफ यहाँ होती तो मैं उसे हॉस्पिटल लेकर नहीं आ जाता l रिसेप्शनिस्ट - ओके ठीक हैं.......फिर वह उसे डॉक्टर मीरा का नंबर दे देती हैं l स्वास्तिक मीरा को कॉल लगा रहा था पर लाइन बार बार इन्गेज जा रही थी जिससे वह बहुत ही परेशान हो रहा था उसके दिमाग में ख्याल आ रहा था रिसेप्शनिस्ट ने नंबर तो सही दिया है न .......इधर 9 भी बजने वाले हैं और उनका फोन इन्गेज जा रहा है पता नहीं मेरी लव स्टोरी शुरू भी होगी या नहीं l उधर रिसेप्शनिस्ट मीरा को कॉल करके बताती हैं मैम कोई मिस्टर स्वास्तिक आपका नंबर माँग रहे थे कह रहे थे इमरजेन्शी हैं उनकी वाइफ को कुछ प्रॉब्लम हैं इस सिलसिले में आपका नंबर मांग रहे थे और बहुत ही रिक्वेस्ट कर रहे थे इसलिए आपका नंबर दे दिया l मीरा - ओके ठीक हैं मैं देख लूँगी उधर बार बार स्वास्तिक मीरा को कॉल लगा रहा था मीरा रिसेप्शनिस्ट से बात करते हुए देख रही थी उसे कोई अनाॅन नंबर से कॉल आ रहा हैं वह समझ जाती हैं की वह कॉल स्वास्तिक हैं जैसे ही कॉल डिस्कनेक्ट होता है स्वास्तिक का कॉल आ जाता है l मजे लेने के लिए पहले वह 2,3 बार कॉल काट देती हैं लेकिन 9 बजने से ठीक 3 मिनट पहले उसका कॉल अटेंड करती हैं .....और कहती हैं - हैलो स्वास्तिक - जी पहचाना आपने मीरा जानबूझकर न पहचानने का नाटक करते हुए - नहींss .....बिना नाम जाने कैसे पहचान लेंगे हम आपको .....हमें तो दिनभर इतने कॉल आते हैं क्या पता आप कौन हैं.......पहले आप अपना नाम बताइये तभी तो हम पहचान पायेंगे l स्वास्तिक - क्या मीरा जी दिनभर आप हमारे साथ थी और अब पहचान नहीं रहीं हैं l मीरा - (जानबूझकर )क्या मतलब हैं आपका हम आपके साथ थे....हम तो हमारे फ्रेंडश के साथ थे l स्वास्तिक - मीरा जी आपको याद हैं आपने हमारी उँगली काटी थी....देखिए उसका इन्फेक्शन कितना फैल गया है l मीरा (जानबूझकर नाटक करते हुए) - ओss याद आया.....आप स्वास्तिक बोल रहे हैं.....माफ़ कीजिए हमनें आपको पहचाना नहीं ....आपका इन्फेक्शन इतना ज्यादा फैल गया होगा हमें तो पता ही नहीं था....यदि आपका इन्फेक्शन इतना ज्यादा फैल गया है तो हॉस्पिटल जाना चाहिए हमें क्यों फोन किया l स्वास्तिक - जी इन्फेक्शन कम करने के लिए मेरा मतलब हॉस्पिटल आने के लिए l मीरा - अच्छाss जी.....पर हमें तो पता चला कि आपकी वाइफ बीमार हैं l स्वास्तिक - अच्छा जी तो आपको सब पता चल गया और तब से आप हमारी फिरकी ले रहीं थीं.... आपने इन्फेक्शन जो फैलाया है उसका ही नतीजा है ये.....बाकियों को तो आपने नंबर देने से मना कर दिया था तो कहीं न कहीं से जुगाड़ करना ही था और आपके हॉस्पिटल वाले इतने शरीफ तो हैं नहीं की..... हम मांगे और वे फटाक से आपका नंबर दे दें इसलिए नंबर लेने के लिए वाइफ का नाम लेकर झूठ बोलना पड़ा यदि आपको शक हैं तो आप अभिराम से पता कर लीजिए मैं 100 % गोल्ड हूँ गोल्ड l मीरा - तो सम्भल कर रहिएगा गोल्ड पर हर किसी की नजर होती हैं कहीं कोई चुरा न लें l स्वास्तिक - हम तो चाहते हैं कि कोई हमें चुरा ले l मीरा - क्या मतलब ? स्वास्तिक - जी कुछ नहीं मैं सोच रहा था कल कॉफी के लिए मिलते हैं ? मीरा - ठीक हैं सोचूंगी बाइ गुड नाइट l स्वास्तिक - गुड नाइट ....स्वीट ड्रीम स्वास्तिक और मीरा दोनों के ही दिल मे प्रेम ने दस्तक दे दी है दोनों ही प्रेम की बारिश में भीगने को लालायित एक दूसरे के ख्याल में डूबे नई सुबह के इंतजार में हैं l अगले दिन ऑफिस में स्वास्तिक बहुत ही खुश नजर आ रहा था l अभिराम - क्या बात हैं....आज बहुत खुश नजर आ रहे हो कहीं लाॅटरी लग गई है क्या स्वास्तिक - हाँ भाई, बस ऐसा ही समझ ले... प्यार को जो मेरे ग्रीन सिग्नल मिल गयी हैं l अभिराम आश्चर्य से - क्या ? स्वास्तिक - तूने क्या सोचा तू मेरी मदद नहीं करेगा तो क्या मेरे इश्क़ की गाड़ी नहीं बढ़ेगी l अभिराम - ओये होय क्या बात हैं तू तो बड़ा ही फास्ट निकला (बहुत धीरे से बुदबुदाते हुए, एक हम हैं बेवक़ूफ़ जिसकी गाड़ी अभी तक वहीं पर अटकी हुई है जहां से शुरू हुई थी ) स्वास्तिक - क्या, तूने कुछ कहा ? अभिराम - नहीं तो.....मैं तो पूछ रहा था.....अगली मीटिंग कब हैं तुम्हारी .? स्वास्तिक -( दिल पर हाथ रखते हुए हायssss) बहुत ही जल्द मैंने कॉफी के लिए पूछा हैं उससे बस उसके जबाब का इंतजार है l अभिराम उदास मूड में - लगे रहो स्वास्तिक - थैंक्स दोस्त स्वस्तिक को तो मीरा के फोन का इंतजार था पर जब उसका फोन नहीं आता तो वह शाम के समय मीरा को फोन लगा देता है l To be continued....... ‹ पिछला प्रकरणऐसे बरसे सावन - 26 Download Our App