ऐसे बरसे सावन - 9 Devaki Ďěvjěěţ Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ऐसे बरसे सावन - 9

निरीक्षण टीम के लिए कठिन हो रहा था किसको प्रथम, किसे द्वितीय,और किसे तृतीय पुरस्कार दें l
क्योंकि सभी एक से बढ़कर एक थे इसलिए सभी जज मिलकर यह तय करते हैं एक प्रथम पुरस्कार
दिया जायगा साथ ही बाकि सभी स्टॉल को भी पुरस्कृत किया जायगा l

स्टॉल निरीक्षण के बाद रंगारंग प्रोग्राम होता है उसके बाद स्टॉल पुरस्कार की घोषणा होती है
अतिथि महोदय सभी छात्रों को संबोधित करते हुए -
प्रिय छात्रों,
स्टॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी छात्रों ने "इको फ्रेंडली " थीम के तहत बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है इसलिए निरीक्षण कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि........आप सभी को पुरस्कृत किया जाय
(सभी छात्र खुशी से सीटी एवं तालियां बजाते हैं )
लेकिन एक टीम हैं जिसने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है वह है............

वह हैं........

स्वरा भास्कर और उनकी टीम
(यह सुनकर स्वरा की टीम खुशी से झूम उठते हैं और तालियां बजाते हैं l )

अब आप सोच रहे होंगे इस टीम को ही क्यों

तो मैं आपको बता दूँ इस टीम को इसलिए चुना गया है क्योकि हम सभी सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं पर इस टीम ने अपने अलावा दूसरे जीवों के बारे में भी सोचा हैं l

सभी छात्र स्वरा और उनकी टीम को इस सोच के लिए शुभकामनाएँ देते हैं ..... सभी एक दूसरे के काम के लिए एक दूसरे की उनकी तारीफ करते है और दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं l

डांस मस्ती और धमाल के साथ प्रोग्राम का समापन होता है l

दुसरी तरफ कैप्टन अभिराम की यूनिट में भी दिवाली उत्सव मनाया गया l दिवाली मेला के अंतर्गत सभी फौजियों भाइयों द्वारा पटाखे, कपड़ों, मिठाइयों, साज सजा , खाने पीने के सामानों का स्टॉल लगाया जाता है जो सिर्फ फौजी भाइयों और उनके परिवारों के लिए आयोजित की गई थी l

सभी फौजी भाई और उनका परिवार दिवाली मेला का आनंद लेते हैं l संध्या के समय मेले की खूबसूरती देखते ही बनती हैं पूरा मेला ग्राउंड रोशनी से जगमगा रहा था l
इस मेले में संध्या के समय फौजियों द्वारा " बैंड प्रदर्शन " होता है l बैंड की धुन पर जब प्रदर्शन होता है तब सारी लाइट बंद कर दी जाती हैं
क्योंकि बैंड की धुन पर जो लोग परेड प्रदर्शन कर रहे थे उनकी पोशाकों मे ही लाइट लगी हुई थी जो उनके प्रदर्शन को चार चांद लगाती हैं l यह शानदार प्रदर्शन देखने लायक होता है l

उसके बाद "फायर क्रैकर" शो होता है जिसमें भिन्न भिन्न प्रकार के पटाखे लगातार 20 मिनट तक चलाये जाते हैं उस समय इस मैदान की खूबसूरती देखते ही बनती हैं l चारों ओर
" हैप्पी दिवाली" का शोर सुनाई देता है l

जो फौजी भाई अपने परिवार से दूर रहते हैं उनके लिए "दिवाली मेला उत्सव " उन्हें ऊर्जा और उमंग से भर देता है I

दिवाली की छुट्टियों में स्वरा घर की साफ सफाई और अन्य कामों में अपनी माँ की मदद करती हैं साथ ही दिवाली की शॉपिंग में अपनी माँ की मदद करती हैं l
वह जिस शॉपिंग मॉल में अपनी माँ के साथ शॉपिंग करने गयी थी उसी मॉल में कैप्टन अभिराम अपनी छोटी बहन और माता-पिता के साथ शॉपिंग करने पहुँचते हैं l जैसे ही अभिराम की नजर स्वरा पर पड़ती है उसकी नजरें वहीं टिक जाती हैं l

तभी अभिराम की छोटी बहन अधीरा, क्या भाई ! क्या इधर उधर देख रहे हों जल्दी से मेरी ड्रेस सिलेक्ट करने में मदद करो l