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पड़ोसी
अभि तुम? प्रिया के मुँह से निकला I जतिन ने अपने मुँह पर लगा खून साफ़ किया और वह अभिमन्यु और प्रिया देखने लगा, जब दोनों की नज़रे एक दूसरे से नहीं हटी तो उसने चिढ़कर कहा,
प्रिया! क्या तुम इसे जानती हो?
प्रिया ने कोई ज़वाब नहीं दिया और हाँ में सिर हिला दिया I अभिमन्यु को भी जैसे होश आया, उसने ख़ुद पर काबू रखते हुए कहा, मेरे बच्चे से दूर रहियो समझे I
जा ! जा ! दफ़ा हो, यहाँ से I अभिमन्यु उसे घूरता हुआ, वहाँ से चला गया I प्रिया ने डॉक्टर को फ़ोन किया और जतिन को अंदर चलने के लिए कहा I उसने प्रिया को गुस्से में देखा और चुपचाप अंदर चला गया I थोड़ी देर बाद डॉक्टर जतिन की मरहम पट्टी करके चले गए I घर का नौकर जतिन को कॉफ़ी पकड़ाकर चला गया I प्रिया उसके पास बैठते हुए, उसके जख़्मी चेहरे को देखने लगी I मगर जतिन ने उसकी हमदर्दी भरी नज़रों को अनदेखा किया और कॉफ़ी का घूँट भरते हुए बोला, तुम कैसे जानती हों इसे ?
पहले तुम बताओ, वो यहाँ क्या करने आया था ?
उसका बेटा तन्मय मेरे पास आया था, नैना के बारे में पूछने के लिए, बस इसलिए पागल हो रहा था I उसने गुस्से में ज़वाब दिया I
नैना ! अभिमन्यु की बीवी है ? तुमने नैना से एक बार मिलवाया था पर यह वाली बात नहीं बताईI
एक ही मुलाकात में उसकी हिस्ट्री -जियोग्राफी सब बता देता और वैसे भी वो मेरे कहने पर तुमसे मिली थीं ताकि हमारी टूटती शादी बचा सकें I
तुम्हें भी आदत है, दूसरी औरतों से हमदर्दी बटोरने की I वैसे नैना के बारे में क्यों पूछ रहा था? जतिन ने कॉफ़ी का कप नीचे रखा और उसे घूरते हुए कहा,
वह एक महीने से मिसिंग है I घर से बाजार के लिए निकली थीं पर वापिस नहीं आई I जतिन के चेहरे पर चिंता के भाव नज़र आने लगे I
क्या ! तुमने बताया क्यों नहीं?
ज़रूरी नहीं समझा I
नैना ने उसे घूरते हुए दोबारा पूछा, "पर वो तुम्हें मार क्यों रहा था?
क्योंकि मैंने उसके बच्चे को बता दिया कि उसकी माँ की किडनेपिंग में उसका बाप और उसकी माशूका शामिल है I प्रिया ने यह सुना तो उसे विश्वास
नहीं हुआ I उसने उसे घूरकर देखा कि तभी जतिन बोल पड़ा, तुम कैसे जानती हो, नैना के पति को I
कॉलेज में था I प्रिया ने वहीं बात खत्म कर दी और उसे दवाई लेने की हिदायत देकर वहाँ से चली गई I
घर पहुँचकर अभिमन्यु ने तन्मय को खूब डाँटा I तन्मय भरी आँखों से राघव के घर चला गया I राघव अपने दादा-दादी के साथ रहता है, कुछ साल पहले उसके मम्मी पापा का एक प्लेन क्रैश में देहांत हो गया था I तभी वह तन्मय के दुःख को समझता था क्योंकि वह ख़ुद इस दर्द से गुज़र रहा था और जब भी उसे उसके मम्मी-पापा की याद आती तो वह भी तन्मय के पास आकर अपने दर्द को साँझा करता I राघव ने उसे सांत्वना दी और आज की रात यहीं रुकने के लिए कहा I
अभिमन्यु ने अपनी मरहम पट्टी खुद की और ड्रिंक लेकर सोफे पर बैठ गया I आज इतने सालों बाद प्रिया दिखाई देंगी, यह तो उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा थाI अब उसका मन अतीत को याद करके बेचैन होने लगा I उसे अपना गुज़ारा हुआ कल याद आने लगा कि कैसे वो और प्रिया अच्छे दोस्त हुआ करते थें I दोनों ने मैनेजमेंट में साथ में ग्रेजुएशन की I जब कॉलेज का फेयरवेल था तो प्रिया ने उसे अपने दिल की बात भी बताई थीं, मगर उसने सिर्फ़ उसे अपनी अच्छी दोस्त बताया था और वैसे भी वो नैना से प्यार करता थाI नैना से उसकी दोस्ती एक डेटिंग एप्प के जरिए हुई थीं I दोस्ती प्यार में बदल गई और नैना के फाइनल ईयर के पेपर देने के बाद, उसने उससे शादी कर लीI
नैना के बारे में कभी भी उसने प्रिया को नहीं बताया क्योंकि उसके दोस्त कहते थें कि प्रिया उसे प्यार करती है और वह उसे बताकर उसका दिल नहीं दुखाना चाहता था I इसलिए जब प्रिया ने अपने प्यार का इज़हार किया तो उसे कोई हैरानी नहीं हुई I उसके इंकार के बाद प्रिया दोबारा कभी दिखाई नहीं दीं I उसे दूसरों से पता चला कि वह वापिस अपने शहर आगरा चली गई हैI उसने कभी भी अभि से कोई राब्ता नहीं रखा और आज सोलह-सत्रह साल बाद प्रिया को देखकर वह हैरान हो गया और वो भी जतिन की पत्नी के रूप मेंI ज़ाहिर है वो इस शादी से खुश नहीं है , क्योंकि एक बार नैना ने उसे उनके रिश्ते के बारे में बताया था I मगर उस वक्त उसने कभी नहीं सोचा था कि यह उसकी प्रिया होगी I अपनी यादों पर लगाम लगाते हुए उसने ड्रिंक वहीं पास रखें, टेबल पर रखी और ख़ुद सोने के लिए अपने बैडरूम में चला गयाI
मालिनी अपने बेडरूम में लेटी आज तन्मय की कहीं बात सोच रहीं है, उसे इस तरह सोच में डूबा देखकर उसके पति राजीव ने पूछा,
क्या बात है, नींद नहीं आ रहीं ?
आ जाएगी, तुम इतनी दूर क्यों बैठे हों, मेरे पास तो आऊं I उसने प्यार से देखते हुए राजीव को कहा तो वह अपना लैपटॉप बंद करके उसके साथ लेट गयाI उसने उसके सीने पर सिर रखा तो राजीब मालिनी के बालों में उँगलियाँ फेरते हुए बोला,
क्या बात है, कुछ परेशां लग रहीं हो I
मैं सोच रहीं थीं, कहीं घूम आते हैं I अगले महीने बेटा हॉस्टल से आ जायेगा I तब तक सिर्फ़ मैं और तुमI उसने यह कहते हुए राजीव के होंठ चूम लिएI
वैसे आईडिया बुरा नहीं है, उसने अब मालिनी के गाल सहलाने शुरू कर दिए I
अच्छा एक बात बताओ, नैना के बारे में कुछ पता चला ?
मालिनी ने राजीव को घूरा और फ़िर उससे अलग होकर बोली, "नहीं"I
भगवान करें, ठीक हो, आजकल वैसे ही ज़माना बहुत खराब है और वो, है भी, इतनी खूबसूरतI किसी की भी नीयत ख़राब हो सकती हैI
मालिनी उठकर बैठ गई और गुस्से में बोली, तुम्हारी नीयत तो ठीक है न? मैंने देखा था, उस दिन पार्टी में, तुम उसे कौन सी नज़रों से देख रहें थें I
मालु ! अब उसकी त्योरियॉँ चढ़ गई I उसने भी उसकी बात का ज़वाब देते हुए कहा, उस दिन पार्टी में सभी उसे देख रहें थें I
देखते होंगे, मेरा पति क्यों देख रहा था? मुझे यह जानना हैI
बकवास बंद करोI
अब मेरी बात बकवास लग रहीं है,उस दिन तुम उसकी बड़ी मदद करना चाह रहें थें I
शक्ल अच्छी नहीं है, कम से कम बात तो अच्छी किया करोI
देखो ! आ गई न तुम्हारे मुँह पर तुम्हारे दिल की बात I अब मालिनी की आँखों में आँसू आ गए और राजीव गुस्से में बॉलकनी में चला गया और वहाँ रखी कुर्सी पर बैठकर सिगरेट पीने लगा I
उसके अपार्टमेंट से अभिमन्यु का अपार्टमेंट साफ़ दिखता है I उनका बैडरूम भी उसकी बॉलकनी के पास है I उसने देखा कि खिड़की के परदे हटे हुए हैं और कमरे में हल्की सी रोशनी जल रहीं है और दूर से कोई सोता हुआ दिख रहा है I ज़ाहिर सी बात है वो गधा अभिमन्यु ही होगा I अगर नैना मेरी बीवी होती तो मैं उसे कभी आँखों से ओझल नहीं होने देता और यह इडियट उसे गँवाकर चैन से सो रहा हैI कितनी बार मैं बॉलकनी में लैपटॉप पर काम के बहाने उसे देखा करता था I सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनजाने नाम से उसे फॉलो करता था I जब वो कभी बैडरूम की खिड़की का पर्दा हटाकर बेड पर लेटती थीं तो मेरा मन करता था कि उसके साथ जाकर हम बिस्तर हो जाऊं I उस दिन मैं उसका पीछा कर रहा था, जिस दिन वो मिसिंग हुई थीं I उसने यह सोचते हुए सिगरेट का धुआँ छोड़ा और मुस्कुराने लगा I उस समय अँधेरे में उसकी यह मुस्कराहट और भी डरावनी लगने लगी I अब वह उस दिन को याद करने लगाI