ऐसे बरसे सावन - 20 Devaki Ďěvjěěţ Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ऐसे बरसे सावन - 20

अनुलोम - विलोम, भ्रामरी ,शवासन के बाद ओम के उच्चारण के साथ योग समापन का समय भी आ जाता है जिसका अभिराम को बेसब्री से इंतजार है l इस पल उसके चेहरे की चमक और खुशी देखते ही बनती है l

सभी लोग योग समापन के बाद चाय ,जूस, नाश्ते के स्टॉल की तरफ बढ़ते हैं नाश्ते की प्लेटे पहले से ही सज चुकी है l काफी देर हो जाने के कारण सभी बच्चे नाश्ते की प्लेट्स पर टूट पड़ते हैं l दूसरी तरफ दो व्यक्ति सभी लोगों की एक ट्रे में जूस,और दूसरे में चाय सर्व कर रहा हैं....सभी लोग नाश्ता पानी करते हुए एक दूसरे से बात कर रहे हैं l

निखिल और उसके साथियों से जेन्ट्स लोग बात कर रहे हैं तो स्वरा और उसकी दोस्त से अन्य लेडिज बात कर रही हैं l अधीरा और उसकी मां भी स्वरा से बात करते हैं स्वरा तो उनके साथ खुद की सेल्फी भी लेती है l

यह सब अभिराम दूर से ही चोर नज़रों से सबके साथ बातें करते हुए बीच बीच में देख रहा होता है l माहौल ऐसा हैं कि वह सबके बीच स्वरा से बात नहीं कर सकता है l वह अच्छे से जानता है इस तरह सबके बीच सभी के सामने स्वरा से बात करना दोनों के लिए ही ठीक नहीं है इसलिए किसी तरह अपने हाल ऐ दिल को काबु करता हैं और मन ही मन सोचता है

"मोहब्बत भी क्या बला है
भागता था इससे जितना दूर
आज उसी के आगे हो गया हूँ मजबूर
नींद गयी चैन गया
कमबख्त दिल भी
जो कभी मेरा था
आज किसी और का हो गया "

नाश्ता खत्म होने के बाद ग्रुप फोटो का समय आता है ....सभी लोग फोटो के लिए एक जगह एकत्रित होते हैं ....इसी बीच अभिराम को इमर्जेंसी कॉल आता है और उसे तुरंत निकलना पड़ता है l

वह जाना तो बिल्कुल भी नहीं चाहता था किंतु
ड्यूटी ऑफिसर होने के कारण उसे जाना पड़ता है वह फोटो के लिए भी नहीं रुक सकता था इसीलिए अपने सीनियर को बता कर वहाँ से निकल जाता है l
इस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे अपना दिल छोडकर जा रहा हो पर क्या करे काम तो काम होता है l

अभिराम जिप्सी में बैठकर कुछ दूर निकल जाता है तब उसे ध्यान आता है स्वरा की बस के बारे में ....तब वह निखिल को बस से संबंधित कॉल करता है ....कॉल करने पर निखिल कहता है- " सर , हमारी बस रिपेयर होकर आ चुकी हैं और उसे छावनी में प्रवेश मिल चुका है और वह पार्किंग में खड़ी हैं l हम लोग भी ग्रुप फोटो के बाद निकलने वाले हैं l

अभिराम - थैंक्स निखिल , आप अपनी टीम के साथ हमारे आर्मी परिवार में शामिल हुए और हम सभी लोगों को आप लोगों ने योग से संबंधित बहुमूल्य जानकारी और आपका योगदान दिया वह सराहनीय है उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत आभार l

निखिल - सर , आप लोगों के कार्यों के आगे हमारा यह छोटा सा योगदान कुछ भी नहीं है हमारे लिए तो आप लोगों के साथ शामिल होना बहुत गर्व की बात है l

अभिराम - ओके थैंक्स निखिल, अभी मैं कहीं बाहर जा हूँ ,फिर मिलते हैं कहकर, अपना फोन कट कर देता है l

अपनी मां को भी कॉल करके बता देता है की आपके पास कोई व्यक्ति (xyz )आएगा उसके पास हमारी कार की चाभी हैं वह कार के साथ आप लोगों को घर छोड़ देगा और मैं बाहर आया हूं तो हो सकता है घर पहुंचने में शाम 7 से 8 बज जाये इसलिये आप फिक्र मत करियेगा l

अभिराम की मां - ओके बेटा ,आप अपना ध्यान रखना l

अभिराम को घर पहुंचने में बहुत देर हो जाती हैं .....
थकामंदा घर पहुंचता हैं और डिनर करके सो जाता है l अगले दिन उसकी नींद जल्दी ही टूट जाती हैं और फिर से स्वरा के ख्यालों में खो जाता है.... सोचता है पता नहीं स्वरा से उसकी अगली मुलाकात कब होगी....इतना अच्छा सुनहरा मौका आया था स्वरा के पास जाने का पर वह भी उसने खो दिया यह सब सोचकर वह उदास होता है और मन मारकर अपने दैनिक कार्यों में लग जाता है l

दो दिन बाद ऑडिटोरियम में उनका लेक्चर था जब वह ऑडिटोरियम जाता है तो देखता है वहाँ के कॉरिडोर में बहुत सारे डिस्प्ले बोर्ड में से एक डिस्प्ले बोर्ड पर योगा वाली ग्रुप फोटो भी लगी हुई थी जिसमें सब के साथ स्वरा खड़ी थी.....उस फोटो में सबके साथ खुद के न होने पर दुःख तो होता है पर उन फोटोग्राफस में स्वरा को देखकर उसे बहुत खुशी होती हैं l

जब वह वहां से गुजर रहा था तो देखता है कॉरिडोर में कोई नहीं है तो वह जल्दी से उन फोटो में से बेस्ट फोटो को अपने मोबाइल से क्लिक कर लेता है l
सोचता है फिलहाल के लिए स्वरा से बात नहीं हुई तो क्या हुआ अभी उसकी फोटो से ही काम चला लूंगा और उससे मुलाकात का भी बहाना ढूँढ ही लूंगा l

घर आने के बाद वह फोटो को एडिट करने की कोशिश करता हैं पर वह बहुत ज्यादा बल्लरी हो रहा है l तभी उसे याद आता है की अधीरा और माँ ने भी स्वरा के साथ फोटो खिचाई थी पर अधीरा के हाथ से उसका फोन लेना आसान नहीं था वो सोचता हैं क्या तिकड़म भिडाऊॅ की मेरा काम भी हो जाये और उसे शक भी न हो ऐसा सोचते हुए उसे मूवी का आइडिया आता है I


अभिराम अधीरा से - न्यू मूवी अवतार 2 आई हैं देखने चलोगी ?

अधीरा - आपको तो सिनेमा हॉल में जाकर मूवी देखना बिल्कुल पसंद नहीं है फिर आज क्या बात हो गई कोई काम तो नहीं है मुझसे ?

अभिराम - काम और तुझसे शक्ल देखी हैं अपनी बिल्कुल चिमपो लगती है l

अधीरा गुस्से से- भाईsss

अभिराम फिर बात संभालते हुए - देख ले चिंपो, चलना हैं तो बोल नहीं तो रहने दे....वैसे सब लोग बड़ी तारीफ कर रहे थे मूवी की ....तू भी हमेशा जिद्द करती रहती हैं बस इसलिए सोचा की दिखा दूँ ...अगर नहीं जाना हैं तो कोई बात नहीं... मेरे फ्रेंडश जा रहें हैं उनके साथ चला जाऊंगा ....बाकी तेरी मर्जी l

अधीरा - अरे नहीं भाई , मैं चलती हूँ ना आप टिकट बुक कर दो l

अभिराम - फिर जाओ जल्दी,, माँ ,पापा से भी पूछ लो फिर मैं उस हिसाब से टिकट बुक कर देता हूँ l

अधीरा - भाई दो ही टिकट बुक करना माँ, पापा ने मूवी के लिए मना कर दिया है l

अभिराम - ठीक है, उसके बाद वह सिनेमा प्लाजा की दो टिकट बुक कर देता हैं l

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए
"ऐसे बरसे सावन"
llजय श्री राधे कृष्णा ll