The Author Devaki Ďěvjěěţ Singh फॉलो Current Read ऐसे बरसे सावन - 15 By Devaki Ďěvjěěţ Singh हिंदी प्रेम कथाएँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ऋषि की शक्ति ऋषि की शक्ति एक बार एक ऋषि जंगल में रहते थे। वह बहुत शक्तिशा... बुजुर्गो का आशिष - 9 पटारा खुलते ही नसीब खुल गया... जब पटारे मैं रखी गई हर कहानी... इश्क दा मारा - 24 राजीव के भागने की खबर सुन कर यूवी परेशान हो जाता है और सोचने... द्वारावती - 70 70लौटकर दोनों समुद्र तट पर आ गए। समुद्र का बर्ताव कुछ भिन्न... 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मीरा - तुम्हारे घर के पास वाले एरिया में मुझे 3 दिनों का काम हैं इसलिए सोचा आंटी अंकल से भी मिलना हो जायगा.....और अधीरा के साथ भी कुछ समय व्यतीत कर लुंगी l डॉ मीरा की बात सुनकर अधीरा बहुत ही खुश होती है और कहतीं है तब तो मुझे मीरा दी के साथ समय व्यतीत करने में बहुत ही मजा आएगा l अभिराम, डॉक्टर मीरा को अलविदा कह कर वहाँ से निकल जाता है फिर अधीरा को घर छोड़ता है और वहां से सीधे ऑफिस जाता है l चार ,पाँच दिनों तक अभिराम अपने ऑफिस के काम को लेकर बहुत ही बिजी रहता है l दीवाली की छुट्टियों के बाद प्रिन्सिपल ने स्वरा और निखिल से आर्मी के अंदर योग प्रशिक्षण देने जाने के लिए अन्य छात्रों की डिटेल्स माँगी थी जिसे स्वरा और निखिल 2 दिन बाद (योग प्रशिक्षण से संबंधित छात्रों की लिस्ट और अन्य डिटेल्स) प्रिन्सिपल को सबमिट कर देते हैं l प्रिन्सिपल इसी सिलसिले में कैप्टन अभिराम को फोन करते हैं और उनसे बताते हैं की योग के आयोजन के लिए हमने अगले सप्ताह शुक्रवार, शनि वार और रविवार का दिन तय किया है l समय सुबह 8 बजे से 10 बजे तक का होगा l 12 प्रशिक्षक के नाम हैं जिसमें लड़के और लड़कियों का ग्रुप है उनके नाम और बाकी की डिटेल्स आपके वाटसैप पर भेज देता हूँ आप देख लीजियेगा l अभिराम - ओके सर , आपका बहुत-बहुत धन्यवाद , हमारी तरफ से पूरी तैयारी रहेगी l आपकी टीम जब छावनी के प्रवेशद्वार पर पहुंचेंगे तब मुझे कॉल कर देंगे जिससे उन्हें आसानी से प्रवेश मिल जायगा l और आप मेरा नंबर ग्रुप लीडर को दे दीजियेगा और उसका नंबर मुझे भी भेज दीजियेगा जिससे किसी को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा l ओके, धन्यवाद सर ऑफिस से घर पहुंचने पर अभिराम अपनी माँ और अधीरा को बताता है की अगले सप्ताह उनकी यूनिट में योग का प्रशिक्षण हैं इसलिए मेरे साथ योगा करने के लिए आप दोनों को भी चलना होगा यह तीन दिवसीय आयोजन हैं और आप दोनों का चलना जरूरी हैं l अभिराम की बात सुनकर अधीरा कहती हैं भाई मुझे तो चोट लगी है मैं नहीं आऊंगी l अधीरा की बात सुनकर अभिराम कहता है तुम्हारी चोट को लगे 8 दिन हो चुके हैं और आयोजन अगले सप्ताह हैं तब तक तुम बिल्कुल अच्छी तरह ठीक हो जाओगी इसलिए कोई भी बहाना नहीं चलेगा l अधीरा मुह बनाते हुए .....ओके भाई ....... समय जल्दी जल्दी बीत जाता है और वह दिन भी आ जाता है जब स्वरा और निखिल के ग्रुप को योग प्रशिक्षण के लिए जाना होता है l शुक्रवार के दिन 7: 30 बजे स्वरा और निखिल अपनी कॉलेज वैन से छावनी में पहुंच जाते हैं छावनी के प्रवेश द्वार पर उन्हें रोक लिया जाता है .....तब निखिल कैप्टन अभिराम को फोन लगाता है और गेट पर खड़े सन्तरी से उनकी बात करवाता है जिससे उन्हें अंदर जाने का परमिशन मिल जाता है l निखिल गेट पर रजिस्टर में अपनी टीम के आने की एंट्री करता हैं तब तक एक दूसरा फौजी आता है (जिसे कैप्टन अभिराम ने भेजा था) जो उनसे कहता है आप लोग मेरे साथ चलिए.....मैं आप सभी को योगा ग्राउंड तक पहुँचा देता हूँ l स्वरा और उसकी टीम जब अंदर प्रवेश करती हैं तब देखती है.....छावनी अंदर से बहुत ही साफ़ सुथरी होती है.....और छावनी के अंदर बहुत सारे पेड पौधे लगे होते हैं ....वहां का वातावरण बहुत ही शांत एवं सुन्दर होता है l रास्तों को पार करते हुए वे सभी मैदान में पहुंचते हैं जहां पर योगा अभ्यास के लिए पूरी तैयारी की गयी है l मखमली घास वाले मैदान पर चटाई बिछी हुई है.... जो पूरी 10 पंक्तियाँ में बंटी हुई है....औरतों, बच्चों और पुरुष सभी ने पहले से अपने स्थान ग्रहण कर रखे हैं l मैदान के एकतरफ़ पानी और नींबु पानी की व्यवस्था भी की गई है l अभिराम भी अपने माता-पिता और अपनी बहन को लेकर पहुंच चुका है l ठीक 8 बजे योग का कार्यक्रम शुरू होता है...... निखिल और उसका एक साथी स्टेज पर योगा करके दिखाते हैं.... जिसका सभी को अनुसरण करना होता है.....और स्वरा माइक में आसनों के नाम एवं उनसे होने वाले लाभों से सभी को अवगत कराती हैं.......तथा यह भी बताती हैं कि उन्हें किन परिस्थितियों में कौन सा आसान करना चाहिए और कौन सा नहीं करना चाहिए .....उनके बाकी के साथी लोगों के बीच जाकर उन्हें आसान करने के सही तरीके का दिशा निर्देश देते हैं l अभिराम जब स्टेज पर स्वरा को देखता है तो वह बस उसे देखता ही रह जाता है......स्वरा को स्टेज पर देखने के बाद उसके मन में खुशियों के संगीत बजने लगते हैं ....जिस वज़ह से उसका ध्यान योग में कम और स्वरा पर ज्यादा होता है l स्वरा , निखिल द्वारा दिखाए जा रहे योगासन के बारे में बहुत ही बारीकी से उनके महत्व और नुकसान के बारे मे बताते जा रही थी साथ ही सबको सही पोस्चर करने के लिए भी उत्साहित कर रही हैं....इस तरह योगाभ्यास करते करते 2 घंटे की समय बीत जाता है l और योग की सीमा समाप्त हो जाती हैं .....उसके बाद सभी पानी के स्टॉल की तरफ बढ़ते हैं और कुछ लोग पानी और कुछ लोग नींबु पानी पीते हैं l योगाभ्यास खत्म होने के बाद अभिराम और उसके साथी आपस में बात करने लगते है..... अभिराम बहुत सोचता है कि वह वहां से निकलकर स्वरा से बात करे पर उसके सीनियर साथ होने की वजह से वह वहां से नहीं निकल पाता पर अपनी चोर नजर स्वरा पर जमाए रखता है l क्या अभिराम स्वरा को अपनी दिल की बात बता पाएगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए...... "ऐसे बरसे सावन " llजय श्री राधे कृष्णा ll ‹ पिछला प्रकरणऐसे बरसे सावन - 14 › अगला प्रकरण ऐसे बरसे सावन - 16 Download Our App