प्यार में धोखा - भाग 9 Singh Pams द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार में धोखा - भाग 9

जब तारा की मां ने तेजस से कहा बेटा बाकी सब तो ठीक है लेकिन एक बार तुम्हारे माता-पिता यहां आ जाते तो इत्मिनान से बाते करते हुए तो तेजस ने कहा आंटी जी मेरी मां तो नही है इस दूनिया में लेकिन मेरे पापा हैं लेकिन वे भी अभी बिदेश हैं क्योंकि हमारा व्यपार ही इतनी जगह फैला हुआ है हैं कि मेरे पापा को खुद पता नहीं होता कि आज वो कहां पर होगे और कल कहां पर ये किसी पता नहीं होता है और इसलिए कल वो युरोप के लिए रवाना हुए हैं तोमेरी बात हो गई थी उनसे तो उन्होंने कहा हैं तुम शादी करके तारा को अपनी दुबई बाली बंगले में ले कर आ जाओ क्योंकि मेरी अगली मिंटीग दुबई में ही तो हम वही तारा बेटिया से मिल लेगे और अब आप भी इजाजत दिजिए क्योंकि मुझे भी तारा से शादी कोर्ट मेरीज करनी हैं तो मुझे भी सब तैयारी करनी है क्योंकि मुझे भी दो दिन के बाद केनेडा तो मुझे से फिर जल्दी भारत का चक्कर नही लग सकेगा तो मैं तारा के साथ इन दो दिनों में शादी करनी है ताकी मैं तारा को अपने साथ लेकर कर जा सकू तो तारा की मां रमादेवी ने पूछा लेकिन बेटा तारा के पास तो अपना पासपोर्ट भी नहीं है तो तेजस ने कहा आंटी जी आप ये काम मुझे पर छोड दिजिए मैं सब बंदोबस्त कर लूंगा और रमा के पास अब तारा के रिश्ते के ना कहने का कोई रास्त नहीं बचा था
रमादेवी को तारा की शादी एक सपने की तरह लग रही थी क्योंकि ये सबकुछ इतनी जल्दी-जल्दी हो रहा था किस केके पास समय ही नहीं था सोचने के लिए और दो दिन में तारा तेजस ने तारा के साथ कोर्ट मैरिज कर ल थी और तेजस ने तारा की मां को अपनी शादी के लिए दो लाख रुपये दे दिया ताकी शादी में कोई विघ्न ना आये
जब तेजस ने तारा की मां को दो लाख रुपये दिये तो वहां जो कोर्ट मैरिज के लोग खडे़ थे वे आपस में बाते करने लगे की देखों तारा की किस्मत कितनी अच्छी हैं उसे बैठे बैठे ही एक सुंदर और सुशील लडका. मिल गया था वहां पर एक औरत ने कहा भई तारा तो बहुत ही अच्छी किस्मत लिखा कर आई है जो उसे ऐसा पति मिला है नही तो लोग तो लडकीयों की शादी करके कर्जे में ही डूब जाते
लेकिन यहां तो दूल्ह नेने दुल्हन की मां को पैसों से तौल दिया और वहां पर खडी एक महिला ने कहा तेजस बेटा अगर कोई लडका तुमहारी नजर में हो तो भई हमें भी बता देना ताकि हम भी अपनी बेटी को व्याह कर गंगा नहा लेगें तो तेजस ये बात सुन कर बस मुस्करा कर रह गया और शादी की रस्में पूरी करने के बाद तारा तेजस के साथ दिल्ल के ललिए चल पड़ और आज तारा का ये पहला सफर था हवाई जहाज में वो भी अपने पति के साथ और तबी तारा ने हवाई जहाज के अंदर बैठे बैठे आंखे खोल कर देखा तो तेजस तारा को देख रहा था और बोला तुम जाग गई तो तारा ने मैं सोई ही कब थी तो तेजस ने पूछा फिर क्या सोच रही है तो तारा ने कहा बस यही की जिंदगी में कब क्या लिखा है कोई नही जानता
✍️क्रमशः✍️