चमकीला बादल - 4 Ibne Safi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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चमकीला बादल - 4

(4)

"नहीं जानेमन," वह कहने ही वाला था कि जेहन को झटका सा लगा। वह तो गूंगा है। ज़बान जिस पोजिशन में थी उसी में रह गई किन्तु उसने हाथ नचाकर संकेत से यह अवश्य पूछ लिया था कि वह क्या कह रही है।

"जन्मजात गूंगे हो?" उसने पूछा।

जेम्सन क्या उत्तर देता? बस हवन्नको की तरह मुंह फाड़े उसकी शक्ल देखता रहा। वैसे यह भी सोचता था कि कहीं पहचान तो नहीं लिया गया?

"चलो उठो मेरे साथ।" वह फिर बोली।

मगर जेम्सन की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

उधर न जाने क्यों दूसरे गूंगो ने कण्ठ फाड़ फाड़ कर हंसना आरंभ कर दिया जिसके कारण वह और बदहवासी में ग्रस्त हो गया। किन्तु स्वयं को कन्ट्रोल रखने के लिए बराबर प्रयत्नशील रहा।

फिर जब लड़की ने उठने का संकेत किया तो एक आज्ञाकारी सेवक के समान वह जल्दी से उठ खड़ा हुआ। फिर लड़की ने उसे अपने पीछे आने का संकेत किया और वह लड़की के पीछे चल पड़ा।

ठीक उसी समय किसी गूंगे ने भों भों रोना आरंभ कर दिया था और जेम्सन ने बड़ी कठिनाई से अपने उस अट्टहास का गला घोंटा था जो सीने की गहराइयों से अधरों तक आने के लिए मचल रहा था। लड़की इमारत से निकल कर गली में आई। जेम्सन उसके पीछे चलता रहा।वह बार बार मुड़ मुड़ कर उसे संकेत किए जा रही थी कि इसी प्रकार चलता रहे।

गली से निकल कर वह सड़क पर पहुंचे थे। यहां एक जगह एक लंबी सी काली गाड़ी खड़ी थी। जेम्सन बहुत अधिक सतर्क हो गया था। एक पल के लिए भी अपनी वर्तमान स्थिति को भूलना नहीं चाहता था।

गाड़ी के निकट रुक कर लड़की ने पिछली सीट की ओर संकेत किया मगर जेम्सन हवन्नो के समान मुंह फाड़े खड़ा रहा। ऐसा लगता था जैसे उसकी समझ में ही न आया हो कि लड़की क्या चाहती है।

जब कोई संकेतो के बाद भी जेम्सन की स्थिति में परिवर्तन नहीं हुआ तो लड़की ने खुद ही पिछली सीट का द्वार खोला और फिर उसे बैठ जाने का संकेत किया।

जेम्सन भयभीत भाव में अंदर दाखिल हुआ और सीट पर सिमट कर बैठ गया। लड़की स्टेयरिंग के सामने बैठी और गाड़ी गति में आ गई।

जेम्सन ने लंबी सांस ले कर नेत्र बंद कर दिये और सोचने लगा कि पता नहीं अब क्या होने वाला है। वह उसे कहां ले जा रही है। उस इमारत में गूंगो की भीड़ कैसी थी? क्या वह सब गूंगे किसी विशिष्ट ध्येय के अंतर्गत वहां एकत्र किए गए है? मवाकाजी की हैसियत से वह भली-भांति परिचित हो चुका था। इसलिए दिमाग में यह प्रश्न भी सिर उठा रहा था कि तो क्या वह नीग्रो मेकफ नहीं था जिसने उसे मवाकाजी के ठिकाने तक पहुंचाया था?

वह सोचता रहा और उलझन बढ़ती रही। उसने मुड़कर देखा। सड़क सुनसान पड़ी हुई थी। वह फिर विचारों में गर्त हो गया। सोचने लगा था कि अगर वह नीग्रो मेकफ नहीं था तो फिर वह कर्नल डोना बोनार्ड भी फ्राड और वह औरत भी फ्राड जिसको उसने जोली समझा था। अचानक गाड़ी आधुनिक ढंग की एक इमारत के कंपाउंड में दाखिल हुई और रुक गई। लड़की ने पिछली सीट की ओर गर्दन मोड़ कर उसे नीचे उतरने का संकेत किया किन्तु वह बेबसी से उसकी ओर देखता रहा।यह प्रभाव डालना चाहता था कि उसे द्वार खोलना नहीं आता। लड़की बुरा सा मुंह बनाकर उतरी और उसके लिए द्वार खोला।

फिर वह उसे इमारत के अंदर लाई और जेम्सन के कान खड़े हो गए क्योंकि वह अस्पताल था। वह सोचने लगा कि क्या उसका डोक्टरी निरीक्षण होगा? यदि ऐसा हुआ तो पोल खुल जाएगी क्योंकि कम से कम कमीज़ तो उतारनी ही पड़ेगी और इस काले मेकअप की यह स्थिति थी कि शरीर के सिर्फ वही भाग रंगे गए थे जो वस्त्र से बाहर थे। शेष शरीर की रंगत में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था।

फिर उसने लड़की की एक डोक्टर से बाते करते देखा और कान उधर ही लगा दिए। डाक्टर भी श्वेत वर्ण ही था। लड़की उससे कह रही थी कि वह जेम्सन के खून की किस्म मालूम करना चाहती है। जानना चाहती है कि उसका ब्लड ग्रुप क्या है।

जेम्सन लंबी सांस ले कर रह गया। इसके लिए उसे केवल बाहु तक आस्तीन चढ़ानी पड़ती। और हाथों पर कंधो तक काला रंग पैन्ट किया गया था इसलिए रहस्य खुल जाने का खतरा नहीं था। जेम्सन उस बैंच पर बैठ गया जिस पर कई लोग और भी बैठे हुए थे।

थोड़ी देर बाद वही डाक्टर एक बड़ी सी हाइपोड्रिमीक सिरिंज हाथ में लिए हुए उसके पास आ खड़ा हुआ। लड़की भी साथ थी लेकिन जैसे ही डाक्टर के अफ्रीकी असिस्टेंट ने जेम्सन का हाथ पकड़ कर आस्तीन चढ़ाने की कोशिश की वह बुरी प्रकार चीखने लगा। ऐसा ही लगता था जैसे वह लोग उसे हलाल करने का इरादा रखते हो।

"बेचारा गूंगा है।" लड़की ने कहा। "डर रहा है।"

"किसी और को भी बुला लो।" डाक्टर ने अपने असिस्टेंट से कहा। "तुम अकेले इसे काबू में नहीं रख सकते।"

किसी न किसी प्रकार रक्त की इच्छित मात्रा सिरिंज में खींची गई थी और जेम्सन किसी डरे हुए बालक के समान सिसकियां लेता रहा था। लड़की उससे तनिक भी प्रभावित नजर नहीं आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे यह उसके लिए कोई नई बात न हो।

"रिपोर्ट इस पते पर चाहिए।" उसने अपने पर्स से एक कार्ड निकाल कर डाक्टर की ओर बढ़ाते हुए कहा और फिर कुछ करन्सी नोट भी उसके हाथ पर रख दिए।

फिर उसने जेम्सन का हाथ पकड़कर बेंच से उठाया था और बाहर चलने का संकेत किया था। जेम्सन खामोशी से चलने लगा था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब उसे क्या करना चाहिए? धारीदार आदमियों के सिलसिले में ब्लड ग्रुप के चक्कर में आगाह था। तो क्या उसे बलिदान का बकरा बनाया है? आवश्यक नहीं है कि उसके साथी हर बार उसे बचाने में सफल ही हो जाएं। कभी कभी बलिदान के बकरे सचमुच बलि हो जाते है। लड़की की गाड़ी के निकट पहुंच चुका था किन्तु अंदर बैठने पर किसी भी प्रकार अपने को आमादा न कर सका। अचानक एक जोरदार चीख मारी और वहां से भाग खड़ा हुआ।

लड़की "अरे... अरे..." ही करती रह गई थी।

शायद ही कभी इतना तेज़ दौड़ा हो। मगर होश हवास बिगड़े नहीं थे। वरना किसी गली में क्यों मुड़ता? सीधा ही दौड़ता चला जाता। किन्तु इससे अनभिज्ञ था कि उसके इस प्रकार भड़क कर भागते ही सड़क की दूसरी ओर से एक जीप स्टार्ट होकर उसके पीछे लग गई है।

जीप पर चार अदद सैनिक बैठे हुए थे।गली इतनी चौड़ी नहीं थी कि जीप आसानी से और तात्कालिक तौर पर मोड़ी जा सकती। अतः उसे रोककर चारों सैनिक नीचे कूदे और जेम्सन के पीछे दौड़ने लगे। एक ने उसे ललकारा भी था।

"ठहरो _ वरना फायर कर दिया जाएगा।"

जेम्सन अकारण लड़खड़ाया और मुंह के बल गिर पड़ा। उसकी ललकार पर कैसे रुकता? गूंगा और बहरा जो था। सैनिकों ने उसे जा लिया और घेर कर खड़े हो गए। जेम्सन कण्ठ से डरी डरी सी आवाजें निकाल रहा था। चारों सैनिक थे तो स्थानीय ही किन्तु तटवर्ती भाषा के बजाय अंग्रेजी में ही बातें कर रहे थे। उनमें से एक ने कहा।

"गाड़ी यहीं ले आओ।"

एक फौजी उसी ओर दौड़ गया जहां जीप छोड़ी गई थी। शेष तीनों जेम्सन को घेरे खड़े रहे। जेम्सन हवन्नको की तरह एक एक की शक्ल देखता रहा और कण्ठ से नाना प्रकार की आवाजें निकालता रहा।

थोड़ी ही देर में जीप वहां आ पहुंची और जेम्सन को जबरदस्ती उस जीप पर चढ़ा दिया गया। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह मवाकाजी के आदमियों के हत्थे चढ़ा है या यह सचमुच फौजी है और उसे इस प्रकार भागते हुए धर लिया है।

बहरहाल भाग्य के सहारे बैठे रहने से अतिरिक्त अब और कोई चारा नहीं था। जीप स्टार्ट हुई मगर सड़क की ओर नहीं ले जाई गई। गली के अंदर ही से दूसरी ओर निकल गई।

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पाम वृक्षों के मध्य खेमों की एक छोटी सी बस्ती थी। नगर के बाहर निकलने के बाद सैनिकों की जीप उधर ही मुड़ गई थी। और फिर खेमों के मध्य पहुंच कर रुक गई। कदाचित यह कोई फौजी कैम्प ही था। ड्राइव करने वाले फौजी ने जेम्सन से इंग्लिश में कहा।

"नीचे उतरो।"

मगर जेम्सन हवन्नो के समान मुंह फाड़े बैठा रहा। फौजी ने हंस कर कहा।

"न तुम गूंगे हो न बहरे हो। नीचे उतरो। खेल समाप्त हो गया।" किन्तु जेम्सन ने अपनी दशा तथा परिस्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होने दिया।

"समय नष्ट न करो।" दूसरे सैनिक ने कहा। "कर्नल को सूचित कर दो।"

"ठीक कहते हो।" ड्राइवर ने कहा और जीप से उतरकर एक खेमें में दाखिल हो गया।

जेम्सन जिस प्रकार बैठा था उसी प्रकार बैठा रहा। एक गूंगे और बहरे आदमी का उत्तम अभिनय अदा कर रहा था। साथ ही सोच रहा था कि अगर उन्हीं लोगों के हत्थे चढ़ा है तो वह उसके उस प्रकार निकल भागने का अर्थ यही निकालेंगे कि उसने भय के कारण ऐसा किया था। किन्तु यदि उससे कोई ग़लती हो गई तो फिर गर्दन ही कट जायेगी।

थोड़ी देर बाद उसी खेमें से बरामद होने वाले व्यक्ति को देखकर उसकी आंखें खिल उठीं। यह व्यक्ति कर्नल डोना बोनार्ड था। काला फौजी उसके पीछे नज़र आया।

कर्नल ने जेम्सन को घूरते हुए हिन्दी में कहा।

"अब उतर भी जाइए श्रीमान जी _"

जेम्सन ने बैठे ही बैठे बाहर की ओर छलांग लगा दी।

"तुम यदि इस प्रकार न भागते तब भी किसी न किसी प्रकार वहां से निकाल लिए जाते।" कर्नल ने दुबारा खेमें की ओर मुड़ते हुए कहा। "वह अंतिम समस्या थी।"

जेम्सन जो उसके पीछे चल रहा था चहककर बोला।

"तो मेरा भाग निकलना गलत नहीं था।"

"सवाल यह है कि तुम भागे क्यों थे?" कर्नल ने पूछा।

"वहां मेरा ब्लड ग्रुप मालूम करने के लिए खून लिया गया था।"

"इसलिए तुम भयभीत हो कर भाग निकले। है ना?"

"फिर क्या करता? जब कि मुझे मालूम था कि ब्लड ग्रुप मालूम हो जाने के बाद मैं उनके लिए कार आमद सिद्ध हुआ तो मेरा क्या परिणाम होगा। लेकिन ओह माय गॉड _"

जेम्सन मौन हो गया और कर्नल ने टोका।

"क्यों? मौन क्यों हो गए?"

"वह कैमरा मेरे थैले में ही रह गया।"

"सवाल ही नहीं पैदा होता।" कर्नल ने कहा।

"क्या मतलब?"

"मेकफ उसे निकाल लाया था।"

"तब तो ठीक है।" जेम्सन ने संतोष की सांस ली।

"मगर तुम्हारा इस प्रकार भाग निकलना मुझे पसंद नहीं आया। तुम्हें तुम्हारे हाल पर तो नहीं छोड़ दिया गया था। तुम्हारी निगरानी होती रहती थी।"

"अगर मेरा पूरा शरीर काला रहा होता तो शायद इसकी नौबत ही न आती। वह तो मुझे पता चल गया था कि फिलहाल केवल खून लेने तक ही बात रह जायेगी वरना _"

जेम्सन फिर मौन हो गया और कर्नल ने झल्लाकर कहा।

"बात पूरी करो।"

"मैं तो अस्पताल ही से भाग निकलने की सोच रहा था।" जेम्सन ने बात पूरी कर दी।

"हूं।"

"मेरे बोस का कुछ पता चला?" जेम्सन ने पूछा।

"सकुशल है।"

"कक_ क्या मतलब?"

लह खेमें में दाखिल हो चुके थे। कर्नल ने स्टूल की ओर संकेत करते हुए कहा। "बैठ जाओ।"

"धन्यवाद _" कहता हुआ जेम्सन स्टूल पर बैठ गया और कर्नल को गहरी नजरों से देखने लगा।

"क्या मेरे चेहरे पर सींग निकल आए है जो इस प्रकार मुझे देख रहे हो?"

"यह बात नहीं है योर मैजिस्टी_" जेम्सन ने कहा।

"फिर क्या बात है?"

"मैं देख रहा हूं कि आप अत्यंत गंभीर हो रहे है जबकि यह आपके स्वभाव और आपकी प्रकृति के प्रतिकूल है।"

"मामला ही ऐसा है।" कर्नल ने कहा।

"हां, आप मेरे बोस के बारे में कुछ बता रहे थे _"

"वह फिर मसोमा के हत्थे चढ़ गया है और वह दोनों मिलकर तुम्हें खोजते फिर रहे है या दूसरे शब्दों में मसोमा को मेरी तलाश है। अच्छी तरह जानता है कि तुम उसके आदमियों के हाथ नहीं लग सके।"

"तो अब आप मसोमा के लिए क्या करेंगे?" जेम्सन ने पूछा।

"फिलहाल उसे सस्पेंस ही में रखना चाहता हूं। यही उचित होगा।"

"और बास?"

"किसी की पोजीशन में कोई अंतर नहीं होगा।"

"बास का जीवन खतरे में _।"

"तुम्हारे बास कमल कांत के लिए अब कोई खतरा नहीं है।" कर्नल ने बात काट कर कहा। "क्यों?"

"इसलिए कि वह मेरे बारे में कुछ नहीं जानता। बस तुम्हें तलाश करता रहेगा।"

"मगर मसोमा _?"