जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 1 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 1


जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ

प्रस्तावना

अगर आप डरवानी सत्य घटनाओं और जिन्नों की सच्ची कहानियों के पढ़ने के शौकीन हैं, तो आगे जिन्न कहानियां आपका हॉरर डोज हो सकतीं हैं, जो आपको रात में जगा सकतीं हैं।

मुझे भीड़ से ज्यादा अकेले रहना पसंद हैं। कभी - कभी तो लगता है जैसे एकांत का मुझसे कुछ रिश्ता है।
एकांत और रात, वाउ.... ये मेरे लिए सोने पर सुहागा जैसा है।

रात को जब मैं अपने रूम में अकेला होता हूँ। तब मैं डरावनी फिल्में देखना चाहता हूं और खुद को डराना चाहता हूं। हालांकि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो बहुत आसानी से डर जाता है, आमतौर पर यह एक अच्छा विचार नहीं है क्योंकि तब मुझे अपने रूम की लाइट जलाकर सोना पड़ता है। लेकिन बिना किसी अ‍डवेंचर के जिंदगी क्या है?

इसलिए, मैं आपके लिए लाया हूँ सत्य घटनाओं से प्रेरित जिन्नों की सबसे डरावनी कहानियाँ। इनमें से कुछ कहानियां लघुकथा और कुछ लंबी हैं, जो मैंने खुद देखीं हैं या फिर दोस्तो से सुनी हैं और किसी किताब /इंटरनेट पर पढ़ीं हैं। ये कहानियाँ हिंदी भाषा को छोड़कर अन्य भाषाओं जैसे उर्दू /फारसी और इंग्लिश भाषा में थीं। लेकिन इतना भरोसा है कि आप ये कहानियाँ पहली बार पढ़ेंगे। आनंद लेने के लिए बने रहिए अन्त तक.......


( लेखक :- सोनू समाधिया 'रसिक')
**********

1. आशिक जिन्न....

दोस्तो,
पाक कुरान में जिन्नात और इंसानो के बारे में बखूबी फरमाया गया है कि अल्लाह ने इंसानों की तरह ही जिन्नातों को बनाया है।
इंसानों और जिन्नातों के बीच अमन और शांति बनी रहे इसके लिए अल्लाह ने दोनों को अलग - अलग दुनियाएँ बख्शी है।

इंसानों की तरह ही जिन्नात अच्छे और बुरे होतें हैं। कभी - कभी जिन्नात इंसानों की तरह ही दूसरी दुनिया मतलब हमारी दुनिया में दखल देने लगते हैं।
कभी नफरत करने के लिए तो कभी प्यार करने के लिए....

आज की एक सच्ची कहानी में, मैं आपको एक ऎसे जिन्न की कहानी बताऊंगा, जो एक हज यात्री की बीबी के हुस्न का कायल हो गया।


इस कहानी का जिक्र एक प्रसिद्ध मुस्लिम जूरी (विधिवेत्ता) ने अपनी किताब में किया था। कि कैसे एक हज यात्री को हज यात्रा के दौरान इब्न तमेया नाम के शैतानी जिन्न के साये से अपनी बीबी को आजाद करा पाया।

यह बात बहुत पहले की मिस्र में एक दिन एक आदमी अपनी बीबी को एक इस्लामी ओझा (राकी) के पास ले जाता है। उनका मानना ​​​​था कि उसकी पत्नी एक शैतानी जिन्न के कब्जे में हैं। क्योंकि वह बहुत अजीब व्यवहार कर रही थी।

राकी ने उस व्यक्ति से उसकी पत्नी के व्यवहार के बारे में पूछताछ की। तो उसने कहा कि वह बहुत ही अग्रेसिव और गुस्से में थी और वह उसे अपने पास नहीं जाने दे रही थी।उसके लिए उसकी पत्नी का इस तरह का व्यवहार करना काफी अनुचित था, इसलिए उसने उसे ओझा के पास लाने का फैसला किया।

ओझा ने महिला के ऊपर कुरान की आयतों को पढ़ना शुरू कर दिया और यह पता लगाने की कोशिश करने लगा कि उस महिला पर वास्तव में जिन्न का साया है या फिर वो खुद पर जिन्न होने का दिखावा कर रही है।

सेशन के दौरान, राकी ने पाया कि वास्तव में, महिला आत्मा से ग्रस्त थी। उसने जिन्न से पूछा कि उसने महिला के शरीर में प्रवेश क्यों किया और क्या उसे वहां रहने का कोई अधिकार है।

तब जिन्न ने राकी को बताया कि वह बांग्लादेश का मुस्लिम जिन्न है। उसने हज करने के लिए सऊदी अरब जाने का फैसला किया और वहां पहुंचने के लिए उसने ढाका शहर में एक तीर्थयात्री के शरीर में प्रवेश किया। उस जिन्न ने बांग्लादेशी तीर्थयात्री के साथ यात्रा की और मक्का पहुंच कर उस हज यात्री के शरीर से विदा हो गया।

आगे वह बताता है कि जब वह मक्का की गलियों में घूम रहा था, तो उसने अपने पति के साथ एक खूबसूरत महिला को देखा। उसने उस दंपति का उनके आवास तक पीछा किया और उनके साथ घर में प्रवेश किया।

जब उस आदमी की पत्नी रूम में अपने कपड़े चेंज करती है तो बेडरूम में उस महिला को निर्वस्त्र देख कर जिन्न वासना से अभिभूत हो जाता है और वह उसके शरीर में प्रवेश करके खुद को उस महिला के साथ जोड़ लेता है। उसे उस महिला से प्यार हो गया और वह उस महिला को अपनी पत्नी के रूप में मान लेता है।

फ़िर हजयात्रा के दौरान वह जिन्न उस महिला को उसके शौहर से दूर रखने का संभव प्रयास करता है।
हज पूरा करने के बाद, वह आदमी अपनी पुजेसिव पत्नी को लेकर मिस्र लौट आते हैं। जहाँ पर वह अपनी बीबी को ओझा के पास लाता है।

अंत में ओझा उस जिन्न को महिला के शरीर से बाहर निकलने और बांग्लादेश लौटने के लिए मना लेता है। जिन्न चला जाता है और महिला अपनी सामान्य स्थिति में लौट आती है।


कहानी कैसी लगी जरूर बतायीयेगा और कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में बताएं।


क्रमशः............