वो बंद दरवाजा - 17 - अंतिम भाग Vaidehi Vaishnav द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वो बंद दरवाजा - 17 - अंतिम भाग

भाग- 17

अब तक आपने पढ़ा कि रौनक़ बन्द दरवाजे के पीछे के रहस्य से वाकिफ होता है।

बला की खूबसूरती लिए हुए वह लड़की रौनक़ के सामने थी। रौनक़ अब भी उसे पहचान नहीं पाया।

वह उस लड़की से कहता है- " आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई, लेकिन मैं आपका रेहान नहीं हूँ।

रौनक़ उठा और वहाँ से जाने लगा।

जब वह दरवाज़े के पास पहुंचा तो दरवाज़ा अपने आप बन्द हो गया।

रौनक़ ने पलटकर जब उस लड़की को देखा तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था। अचानक ही उस लड़की के शरीर से सारे कपड़े हटने लगें। जब वह पूरी तरह से निर्वस्त्र हो गई तब उसके शरीर का रंग भी बदलने लगा।

खूबसूरत सी दिखने वाली वह लड़कीं अब बर्फ़ में पड़े शव की तरह हो गईं।

उसका शरीर बर्फ़ की तरह ठंडा और सफ़ेद हो गया। उसके शरीर से रिसता हुआ पानी टपक-टपक करके जमीन पर गिरने लगा। बून्द-बून्द गिरते पानी से स्विमिंग पूल भरने लगा। थोड़ी ही देर में पूरा स्विमिंग पूल भर गया।

इस हैरतअंगेज घटनाक्रम से रौनक़ चौंक गया। उसे धुन्दला सा कुछ दिखाई देने लगा। वह अतीत के धुंधलके में खो गया....

वह बरसात के दिन थे। रेहान अपने जिगरी दोस्तों की पूरी फ़ौज के साथ प्रीणी घूमने आया था। चेक-इन के समय वह रिसेप्शनिस्ट पर फ़िदा हो गया था। वह बेहद खूबसूरत थी। रेहान भी हैंडसम होने के साथ अमीर और बुद्धिमान था। रेहान का व्यक्तित्व किसी भी लड़की को लुभा लेने वाला था। उसका जादू प्रीणी की होटल 'वेटिंग फ़ॉर यु' की रिसेप्शनिस्ट रेशमा पर चल गया था।

रेहान अपने जिगरी दोस्तों के साथ वक्त न बिताकर अधिकांश समय रेशमा के साथ ही व्यतीत करता था।

एक रोज़ वह मार्किट से रेशमा के लिए लाल रंग का पटियाला सूट लेकर आया। उसने रेशमा को वह सूट देते समय ज़िद की थी कि वह उसे पहनकर दिखाए।

रेशमा- " आज छुट्टी मिलना सम्भव नही है क्योंकि आज बहुत ज़्यादा काम है।"

रेहान- "तुम्हारी छुट्टी सेंशन हो गई है"

रेशमा आश्चर्य से - "कैसे..?"

नोट की गड्डी से हवा करते हुए रेहान ने कहा- "पैसों की हवा से अच्छे-अच्छे उड़ जाते हैं डार्लिंग !"

रेशमा- " हम्म..देख रही हूँ ।"

रेहान- अरे ! हम तो इन चंद नोटों के झांसे में आने वालों में से नहीं है। हम पर तो आपके हुस्न का जादू टोना हो गया है। अब जल्दी से मेरे कमरे में चलों और यह ड्रेस पहनकर बताओ।"

रेशमा ने शर्म से नजरें नीचे झुका ली। उसने ड्रेस का पैकेट उठाया और रेहान के साथ चली गई।

थोड़ी ही देर में वह दोनों कमरा नम्बर दो सौ चार के सामने खड़े थे। रेहान ने लॉक खोला और फिर अदब के साथ झुककर रेशमा को कमरे के अंदर बुलाया। इतराते हुए रेशमा ने कमरे में प्रवेश किया।

रेहान पलंग पर बैठ गया और रेशमा से ड्रेस पहने के लिए इशारे से मनुहार की। रेशमा जब ड्रेस चेंज करने के लिए चेंजिंग रूम में जाने लगी तो रेहान ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा- " थोड़े दिन बाद तो तुम हमेशा के लिए मेरी होने ही वाली हो। अब मुझसे कैसी शर्म "

रेशमा ने सकुचाते हुए रेहान के सामने ही वह लाल जोड़ा पहन लिया। उस ड्रेस में वह बहुत खूबसूरत लग रही थीं। रेहान ने दुप्पटे को उसके कांधे से हटाकर उसके सिर पर ओढ़ा दिया।

रेहान- "इस खूबसूरती पर तो कोई भी अपना सब कुछ हार जाए। फिर मुझ नाचीज़ की गिनती ही क्या होगी ?"

रेहान ने रेशमा को अपनी बाहों में उठाकर पलंग पर लेटा दिया। उसके बाद वह उसके पैरों को चूमते हुए बोला- "तुम्हारे नाजुक पैर जमीन पर जख़्मी हो जाएंगे। इन सुंदर से पैरों में मैं अपने प्यार की जंजीर जकड़ देता हूँ।"

ऐसा कहने के बाद रेहान ने जेब से पायल निकाली और उन्हें रेशमा के पैरों में पहना दिया।

पायल को देखकर रेशमा बहुत खुश हुई। वह उठने को हुई लेकिन रेहान ने उसे उठने नहीं दिया।

रेहान रेशमा के कंधे से दुपट्टा हटाकर कहता है- " सुंदर शरीर को कपड़ों से छुपाना अच्छी बात नहीं है।"

इस बात को सुनकर रेशमा असहज हो गई। रेहान को टोकते हुए वह बोली- " यह सब ठीक नहीं है ।"

रेहान बिना रेशमा की बात सुने उसकी गर्दन को चूमता हुआ- "सही- गलत सब मन का वहम है। तुम सिर्फ़ इस पल को जियो ! बाकी सब भूल जाओ।"

रेशमा, रेहान का विरोध न कर सकी और वह किसी नदी सी रेहान के प्रेम सागर में समा गई।

कुछ घण्टे बाद रेहान के फोन की रिंग बजी। उसका दोस्त राज था।

राज- हेलो ! रेहान, होटल के किसी शख्स ने रेशमा के अब्बा को तेरे बारे में बता दिया है। वह तुझे ढूंढते हुए आ रहे हैं। तो सतर्क रहना।

रेहान- ओके ! बताने के लिए शुक्रिया दोस्त।

रेशमा- " क्या हुआ..? किसका फोन था ?"

रेहान- " मेरे दोस्त राज का फोन था। कह रहा था तुम्हारे अब्बा मुझे तलाश रहे हैं। उन्हें किसी ने हमारे बारे में बता दिया है।

रेशमा तो डर के कारण थरथर काँपने लगीं थी। वह बोली- " अब क्या होगा ? अगर अब्बा को मेरे आपके साथ इस कमरे में होने की बात पता चल गई तो वो तो मेरी जान ही ले लेंगे।"

रेहान ने प्यार से रेशमा को गले लगाया और कहा -"घबराओ नहीं। मैं सही समय पर तुम्हारा हाथ मांग लूंगा। बस फिक्र इस पल की है अभी कैसे निपटें ?"

तभी रेहान को एक युक्ति सूझी। उसने कहा तुम जल्दी से ये चादर ओढो औऱ स्विमिंग पूल की तरफ़ जाओ। मैं तुम्हारे कपड़े लेकर आता हूँ। अगर तुम्हारे अब्बा यहाँ आये भी तो तुम तो यहीं जॉब करती हो कह देना नहा रही थी। नहाकर तुम कपड़े पहनकर अपनी जॉब करने लगना। उन्हें यहाँ रूम में होने की बात पता नहीं चलेगी। तुम घबराओ नहीं। तब तक मैं राज से कहता हूँ वह कैसे भी करके अब्बा को रोकने की कोशिश करें।

रेशमा को रेहान की बात सही लगी। उसने तुरंत खुद को चादर से लपेट लिया और स्वमिंग पूल की ओर चली गई।

रेहान ने रेशमा के सारे कपड़े समेटे और स्विमिंग पूल की ओर चल दिया। वह वहाँ पहुंचने ही वाला था कि राज का फोन आ गया।

राज बहुत डरा हुआ और परेशान लग रहा था । वह हड़बड़ाकर बोला- "रेहान पंगा हो गया यार ! मैं तेज़ रफ़्तार में उस ओर जा रहा था जिधर से रेशमा के अब्बा आ रहे थे। न मालूम कैसे गाड़ी के ब्रेक फेल हुए और गाड़ी उनकी मोटरसाइकिल से टकराई ओर वह मेरी गाड़ी के पहिये के नीचे आ गए।"

रेहान की हालत तो ऐसी हो गई मानो काटो तो खून न निकले । खुद को संभालते हुए वह बोला- "अब तू कहाँ है ? किसी ने तुझे देखा तो नहीं "

राज- "सड़क सुनसान थी। मैं उन्हें तड़पता हुआ छोड़कर वहां से भाग आया"

रेहान का दिमाग काम करना बन्द हो गया था। वह स्विमिंग पूल न जाते हुए अपने कमरे में गया। वहाँ से अपना सारा सामान समेटा और तुरन्त होटल से चेकआउट करके चला गया।

उधर बिना कपड़ों के स्वमिंग पूल में उतर गई रेशमा बहुत देर तक रेहान का इंतजार करती रहीं। वह गर्दन तक पानी में बहुत देर तक रही जिसके कारण उसका शरीर सुन्न पड़ने लगा।

जब उसने हाथ पांव चलाकर तैरने की कोशिश की तो वह कामयाब नहीं हुई।

बिना सोच विचारे एक अनजान लड़के पर भरोसा करने की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

स्वमिंग पूल की तरफ़ जब एक विदेशी पर्यटक आया तब उसे पानी की सतह पर एक निर्वस्त्र लड़कीं की लाश तैरती हुई दिखी। उसने तुरंत होटल मैनेजमेंट को सूचना दी।

थोड़ी ही देर में होटल के मैनेजर, मालिक, स्टाफ कर्मचारियों सहित पुलिस दल स्विमिंग पूल के यहाँ इकट्ठा हुए। पुलिस होटल कर्मचारियों का बयान ले रहीं थी। लड़की होटल में कार्यरत ही थी इसलिए शक होटल के कर्मचारियों पर ही जा रहा था। लड़कीं के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया व उसके घरवालों को सूचना दी गई।

घरवाले सूचना मिलते ही होटल पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि लड़की के पिता भी रोड एक्सीडेंट में मारे गए है। अब तो क़त्ल की गुत्थी और अधिक उलझ गई। एक साथ पिता-पुत्री की मृत्यु कई सवाल खड़े कर रही थी।

होटल के मालिक ने रेहान द्वारा रेशमा की छुट्टी मांगे जाने की बात छुपा ली थीं। उस समय सीसीटीवी कैमरा का चलन भी नहीं था जिससे कोई सुराख़ मिल सके। अतः रेशमा व उसके अब्बा की मृत्यु रहस्य बनकर रह गई।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रैप की पुष्टि हुई व पानी में डूबने से मौत होना पाया गया।

पुलिस का माथा ठनका जरूर पर वह भी किसी पुख्ता सबुत के अभाव में कुछ न कर सकी। पुलिस अधिकारियों ने इस पहलू को कई बार सोचा कि रैप के बाद स्विमिंग पूल में लड़की निर्वस्त्र क्यों और कैसे आई ? या जब वह नहाने आई तब रैप हुआ फिर हत्या ? नहाने भी यदि आती तो लड़कीं के कपड़े तो मिलते।

पुलिस वह चादर भी बरामद नहीं कर सकी जिसे ओढ़कर वह लड़की वहाँ तक आई थी। लड़की की लाश मिलने की ख़बर मिलते ही सबसे पहले होटल मालिक ही पहुंचा था और किनारे पर पड़ा चादर उसके शरीर पर लपेट दिया था। उसने पुलिस को बयान देते हुए कहा था कि लड़की उसके होटल की ही कर्मचारी थी। पूल से निकालने के बाद किसी शरीफ़ लड़की के शरीर को ऐसे खुला रखना उसे शर्मनाक लगा इसलिए उसने जल्दबाजी में होटल से ही चादर लेकर शरीर को उससे ढक दिया था।

यह अजीब ही केस था जिसकी गुत्थी कभी न सुलझ सकी। साल बीतते गए। दौर बदलते गए, लेकिन रेशमा की मृत्यु का सच बाहर नहीं आया।

इस घटना के बाद से पर्यटकों के साथ अनहोनी होने लगी। अधिकांश लोग स्विमिंग पूल के यहाँ एक निर्वस्त्र लड़कीं को देखे जाने का जिक्र करते। धीरे-धीरे यह बात पूरे प्रीणी गांव में फैल गई। होटल मालिक ने अपने व्यवसाय का नुकसान होता देखकर किसी जानकार तांत्रिक को बुलाकर उपाय पूछा। तांत्रिक ने स्विमिंग पूल को बन्द करने की बात कही।

अगले ही दिन होटल मालिक ने स्विमिंग पूल के यहाँ दीवार खिंचवाकर उसे हमेशा के लिए अभिमंत्रित ताले द्वारा बन्द कर दिया। दरवाजा बंद होते ही रौनक़ अतीत से निकलकर वर्तमान में आ गया।

उसे अपने सामने गले हुए शरीर में खड़ी रेशमा दिखाई दी। 

रौनक़ के चेहरे पर प्यार और दुःख दोनों झलक रहे थें। उसे अब मौत का डर भी नहीं रहा।

सूर्या जो कि रेहान का दोस्त राज था। उसने जब रौनक़ की चीख सुनी थी तभी वह रौनक़ को ढूंढता हुआ उस बन्द दरवाजे तक आ पहुंचा था।

सूर्या जब दरवाज़े के अंदर आया तो सामने का दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए। पूल के पास रौनक़ का मृत शरीर पड़ा हुआ था। रौनक़ के सिर को अपनी गोद मे रखे हुए रेशमा कह रहीं थीं। अब हम हमेशा साथ रहेंगे। आज मैं तुम्हारी हो गई।

सूर्या तो बदहवाश सा वहाँ से भागा और भागते हुए वह होटल के बाहर निकल गया। वह जंगल के रास्तों पर भटकता हुआ मुख्य सड़क पर आ गया। तभी उसे दूर से रोशनी आती दिखाई दी। वह उसी दिशा की ओर भागा चला जा रहा था। जब उसे गाड़ी की हेडलाइट चमकते हुए दिखी तो उसकी जान में जान आई। पर उसे कहा पता था कि जान आई या जाने वाली है। गाड़ी जब उसके नजदीक आई तो उसने देखा वह रौनक़ की गाड़ी थी जिसे वही काला लबादा पहने हुए अजीबोगरीब आदमी चला रहा था। सूर्या को देखकर वह डरावनी हँसी हँसता हुआ तेज़ रफ़्तार से सूर्या को टक्कर मारकर गिराता हुआ उसके ऊपर से गाड़ी चढ़ाकर निकल गया।

सूर्या तड़पता रहा और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया।

बरसों से जिस हत्या की गुत्थी उलझी हुई थी वह आज भी उलझी हुई रही लेकिन उस घटना के अपराधियों को आज सजा-ए- मौत मिल गई।

सुबह का सूरज नए रहस्य के साथ उदय हुआ था। सूरज की नई किरण एक नई गुत्थी के साथ निकली थी।

रौनक़ रात से ही लापता था। आर्यन, आदि के कमरे का दरवाजा पीट-पीटकर बजा रहा था।

आदि ने उनींदी आंखों से दरवाज़ा खोला तो आर्यन बोला- " रौनक़ रात से ही गायब है और सूर्या की बॉडी हाईवे पर मिली हैं। पुलिस वाले हम सबको थाने बुला रहे हैं।

रिनी ने जब लाली और बूढ़े बाबा से रात को क्या हुआ था पूछा तो लाली और बूढ़े बाबा ने एक दूसरे को देखा फिर रहस्यमयी मुस्कान उनके चेहरे पर छा गई। दोनों ही सबकी आँखों के सामने ओझल हो गए।

............समाप्त............