प्यार का बुख़ार - 3 बैरागी दिलीप दास द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का बुख़ार - 3


आग की लपटों ने अवारा रूहों को जलाया,
प्यार का बुख़ार दिलों में बढ़ाया।
इस अद्भुत मोहब्बत की कहानी में,
एक नया अध्याय आज हम लिखेंगे हम ज़रा आगे।

श्यामली रंग की रात के आँगन में,
दो आवारे दिल मिल गए थे।
उनके नज़दीकी आत्मा में,
प्यार का बुख़ार अंधेरे से उजाले तक चढ़ गया था।

आदित्य के आँखों में छुपा था तारा,
सूरज की तरह चमकता था वो।
कामना से भरी आंखों ने जगा दिया था,
सबको बेख़ौफ़ बना दिया था।

कविता की हंसी ने सब को लुभाया,
वो हंसी की चमक आईं थी।
उसकी ख़ुशी और आदित्य के आवेग की ताल में,
ये प्यार की दास्तान बन गई।

ख़्वाबों की दुनिया में बसते थे वो,
ख़ुद को भी नहीं समझते थे।
पर इस बुख़ार ने उन्हें ज़िंदगी के रंग दिए,
दोनों की दुनिया में प्यार ने उतार-चढ़ाव लिए।

प्यार के गीत सजते थे हर पल,
मोहब्बत की आहट सुनाई देती थी।
इस अद्भुत दास्तान में रंग भरे नगमे,
एक दूसरे के दिलों को छू जाते थे।

चांदनी रातों में मिलती थीं वो बहारें,
प्यार की मिठास घुली थी हवाओं में।
दोनों के हाथों में थी वो ज़िंदगी की किताब,
बुख़ार से भरे एक प्यार का किस्सा लिखा था।

जब दिलों की तालाब में बदल गईं ख्वाहिशें,
तब दोनों की मोहब्बत ने उठाया था पर्दा।
प्यार की आग ने जला दी थी दुनिया को,
एक नया इतिहास लिख दिया था।


नीलम रात की आँधियों में, उनकी बातों का रंग फैल रहा था। वो आपस में खोए हुए थे, सिर्फ एक दूसरे की आवाज़ से अपनी धड़कनों को सुनते थे। जैसे तीसरे आसमान की एक टाँग पर सवार थे वो, जहां सिर्फ प्यार के अंधेरों ने अपना हक़ जमाया था।

उनकी बेपनाह मोहब्बत ने उन्हें नये रास्तों पर ले जाया था। एक प्यारा सा दिन, जब उन्होंने एक दूसरे के नजदीकियों को छूने का हक़ जमाया था। उनकी आँखों में चमक, उनके होंठों पर मुस्कान, ये सब जज़्बात उठने वाली प्यार की आग की तस्वीर थे।

बादलों ने अपनी छाँव से सायां किया, ज़मीन ने उन्हें चमकीला बना दिया। उनकी प्यारी बातों ने इन रंगों को छू दिया था। प्यार का बुख़ार उनके अंदर अब धड़कता था, जो अनकही बातों की ज़ुबान बन गया था।

बदलते रंगों के साथ, उनका आपसी रिश्ता भी बदलता जा रहा था। प्यार की बेहद सुंदर दास्तान के अंगूठे पर उभर रहे अहसासों की कहानी थी ये। जैसे गगन की ऊँचाइयों को छूते हुए जाना था।

उनकी नज़रों में एक दूसरे के लिए ख़्वाब घूम रहे थे। प्यार की बहार उनके दिलों का आकार बदल रही थी। उनकी आँखों के आगे, सारी दुनिया ढह रही थी। वो अपनी मोहब्बत के साथ आगे बढ़ रहे थे, एक नयी दुनिया में खो रहे थे।

प्यार की अदाओं ने उन्हें ज़मीन पर नहीं, आसमान में उड़ा दिया था। वो खुशियों के साथ उड़ रहे थे, जहां अपनी अजनबी ख्वाहिशों को पहचानते थे। उनका प्यार बुख़ार के तरंगों के साथ खिल रहा था, जैसे प्रेम बारिश की बूंदों से मस्ती कर रहा था।

उनकी बेपनाह मोहब्बत की दास्तान आगे बढ़ रही थी। प्यार का बुख़ार नई उचाईयों पर पहुंच चुका था, जहां सपनों की ऊँचाइयाँ मिल रही थी। ये दास्तान अब खुद लिख रही थी, उनके आपसी रिश्ते की कहानी खुद बयाँ कर रही थी।

प्यार की बेपनाह मोहब्बत की दास्तान का तीसरा अध्याय ख़त्म हो गया था, लेकिन प्यार की कहानी अभी भी जारी थी। वो आगे बढ़ रहे थे, दूसरे अध्याय की तरफ़, जहां नई उड़ानें थीं, नयी उचाईयाँ थीं, और प्यार के बुख़ार का तापमान बढ़ रही था।

इस रोमांचक अध्याय में, प्यार के बुख़ार ने उन्हें नयी सोच दी थी। वो एक दूसरे के लिए वादियों को छोड़ रहे थे, उनकी आवाज़ सब कुछ बन रही थी। उनकी बेहद सुंदर दास्तान के पन्नों में, प्यार की ज़ुबान जीवित हो रही थी।