पन्नाधाय DINESH KUMAR KEER द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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पन्नाधाय

क्षत्राणी पन्ना धाय :
 
मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ प्रायः वीर शीरोमणि महाराणा प्रताप सिंह को याद किया जाता है, उसी गौरव के साथ पन्ना धाय का भी नाम लिया जाता है । जिन्होनें स्वामी भक्ति को सर्वो परि मानते हुये अपने पुत्र चन्दन का बलिदान दे दिया ।
 
पन्ना धाय राणा सांगा के पुत्र राणा उदय सिंह की धाय माँ थी, बालक उदय सिंह को माँ के स्थान पर दुध पिलाने के कारण पन्ना को " धाय माँ " कहा जाता है ।
 
पन्ना धाय का पुत्र चन्दन और राजकुमार उदय सिंह दोनों साथ - साथ बड़े हुए और उदय सिंह का पालन - पोषण भी पन्ना धाय के द्वारा अपने पुत्र के समान ही किया गया था । पन्ना धाय ने उदय सिंह की माँ कर्मावती के सामुहिक आत्मबलिदान करने के उपरान्त बालक उदय सिंह कि परवरिश करने का दायित्व संभाला था ।
 
पन्ना धाय के द्वारा पुर्ण निष्ठा एव लगन से बालक उदय सिंह की परवरिश और सुरक्षा कि गई । महाराणा सांगा की मृत्यु के पश्चात सामन्त बनवीर के द्वारा महाराणा विक्रमादित्य की हत्या कर दी गई और बालक उदय सिंह का वध करने के लिए उनके महल की ओर चल पड़ा । एक विश्वस्त सेवक के द्वारा पन्ना धाय को इसकी पूर्व सूचना मिल गई पन्ना धाय राजवंश और अपने कर्तव्य के प्रति सजग थी, वह उदय सिंह को बचाना चाहती थी , उसने उदय सिंह को एक बांस की टोकरी में सुलाकर विश्वास पात्र सेवक के साथ महल से बाहर भेज दिया ।