महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78 Captain Dharnidhar द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78

अभय सीओ से मिलकर आरहा है । उस पर सबकी नजरे टिकी हुई है । सबको जानना है अंदर क्या हुआ होगा । अभय अरजूडेंट ऑफिस के पास से निकला तो अंदर से एक ऑफिसर ने आवाज दी ..अभय ! , अभय ने पलटकर देखा और ऑफिस मे आगया ..वहां पर सबको उत्सुकता थी यह जानने की सीओ ने क्या कहा । अभय को अरजूडेंट ने पूछा, सीओ ने किस लिए बुलाया था । अभय ने अंदर हुई सब बातें बता दी ..फिर मुस्कुराकर कहा सर मैं आज ही छुट्टी निकलूंगा। हेलीकॉप्टर जब भी आज आयेगा मैं निकल जाऊंगा । अरजूडेंट ने हेड क्लर्क को फोन किया और फोन पर बताया कि अभय साहब की एक महिने की छुट्टी बनवा दो ।
साथ बैठे ऑफिसर ने कहा सर ! छुट्टी मिल गयी है ,पार्टी तो बनती है । अभय ने कहा आकर के दे दूंगा .. अरे सर फिर तो आप रहने ही दो । अभय ने कहा ठीक है आज मेरी तरफ से एक एक पेग आज ही लगा लेना । सब ठहाका लगाकर हंसने लग जाते हैं । अभय सॉरी सॉरी अब मुझे जाना है । अभय वहां से निकल जाता है । रात मे आये सपने का असर अब अभय पर नही था । सपने के कारण लगी आग को लेकर भी अभय चिन्तित था किन्तु सीओ से मिलने के बाद अब बेफिक्र होगया था । अभय ने माइक पर भजन बजने की आवाज सुनी यूनिट के मंदिर मे भजन बज रहा था । अभय ने सोचा कि पंडित जी से मिलकर आता हूँ । उनसे सपने के बारे मे भी पूछूंगा ।
अभय अपने रेजीडेंस मे न जाकर मंदिर की ओर चल दिया । मंदिर के बाहर दरवाजे से अभय ने आवाज दी ..गुरूजी ! नमस्कार " पंडित जी ने अभय को वहां खड़े देखा ..आशीर्वाद कहते हुए बाहर आगये । पंडित जी ने पूछा हां सर , आप ठीक है न ? मैने सुना था कि रात मे आग लग गयी थी । अभय ने कहा ..यह तो भगवान की दया है सब ठीक है । कोई नुकसान नही हुआ । गुरूजी मै आज छुट्टी जा रहा हूँ , आप आशीर्वाद देवे .. घर पर ठीक से छुट्टी कट जाये । पंडित जी ने कहा भगवान सब ठीक ही करेंगे । आप निश्चिंत होकर जाये , मै संध्या की आरती मे आपके लिए प्रार्थना करूंगा । गुरूजी कल मैने बड़ा भयानक सपना देखा उसका क्या फल हो सकता है ? बाहर लगी चेयर पर बैठते हुए पंडित जी ने कहा ..आप बैठो । अभय ने बैठकर सारा सपना सुना दिया । पंडित जी कुछ सोचने लगे ..अभय ने पूछा क्या बात है गुरूजी ! पंडित जी ने कहा सपना मिला जुला फल देने वाला है । हां इतना समझ लीजिए संकट आयेगा पर आप उस पर विजय पा लेंगे । अभय फिर पूछा कैसा संकट ? पंडित जी ने कहा एक तो आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे कोई पुराना रोग फिर से प्रगट हो सकता है । यदि रोग है तो बढ सकता है । दूसरी बात कोई आपका अपना आर्थिक नुकसान कर सकता है । अभय ने फिर कहा ... गुरूजी कोई जान माल का तो नुकसान नही है न ? पंडित जी ने फिर कहा आपको प्रॉब्लम घर के बाहर से आसकती है । सपने का असर न हो इसके लिए आप अपने ईष्ट के नाम का जप करो ..होसके तो शिवपूजन करे । आप बेफिक्र होकर जाइए। सपने का फल अभी नही लगभग छ महिने बाद हो सकता है । तब तक आप पूजा पाठ करते रहे । अभय ने जाने से पहले प्रणाम किया ..और कुछ सोचते हुए वहां से चला गया ।