शोहरत का घमंड - 45 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 45

आलिया की मम्मी का फोन बजता है। तब आलिया की मम्मी बोलती है, "इतनी सुबह सुबह कोन है"।

तब ईशा देखती है, और बोलती है, "बुआ जी की कॉल है"।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी उठ कर बैठ जाती हैं और बोलती है, "दो फोन"।

उसके बाद आलिया की मम्मी बात करने लगती हैं, आलिया की मम्मी बोलती है, "नमस्ते दीदी"।

तब बुआ जी बोलती है, "नमस्ते, और बताओ क्या सोचा है"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "दीदी किस बारे में"।

तब बुआ जी बोलती है, "अरे आलिया की शादी के बारे में और किस बारे में, लड़के वाले बार बार मुझसे पूछ रहे हैं, क्या बोलूं मैं उन्हे"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मना कर दीजिए आप उन्हे"।

ये सुनते ही बुआ जी को गुस्सा आ जाता है और बोलती है, "तुम्हारा दिमाग तो खराब नही हो गया है ये किस तरह की बाते कर रही हो"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "दीदी में बिलकुल सही बोल रही हूं, माना की मे गरीब हू मेरे पास देने के लिए दहेज नही है, मगर इस वजह से मैं अपनी बेटी की जिंदगी बर्बाद नही कर सकती हूं, पेसो का तो नही पता मगर हमने अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया है उसे अपने पैरो पर खड़ा करवाया है और होती होंगी लोगो के लिए उनकी बिटिया बोझ, मगर हमारे लिए हमारी बेटियां बोझ नही बल्की हमारी ताकत है हमारा गरुर हैं "

तब बुआ जी बोलती है, "अरे वाह बड़ी ही जबान चल रही है तुम्हारी, शर्म नही आ रही है इतना बोलते हुए, लड़कियो की मां को इतना बोलना शोभा नहीं देता है"।

उसके बाद बुआ जी गुस्से में कॉल काट देती है।

तभी आलिया बोलती है, "क्या हुआ मम्मा बुआ जी क्या बोल रही थी "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "तुम तीनो बच्चे हो तो बच्चे बन कर ही रहो, किसी की बात पर ध्यान मत दो, और ईशा तुम्हारी चाय अभी तक बनी नही "

तब ईशा बोलती है, "बस दो मिनट, मम्मा "।

उसके बाद ईशा चाय ले कर आती है और सभी चाय पीने लगते है।

उधर आर्यन अपने कमरे मे सोया रहता है तभी माया उसके कमरे मे जाती हैं और उसे उठाती है।

तब आर्यन बोलता है, "क्या हुआ सोने दो मुझे"।

तब माया बोलती है, "बेबी उठो न आज शॉपिंग पर जाना था हमे भूल गए"।

तब आर्यन बोलता है, "मुझे सोने दो अभी बाद में बात करना"।

तब माया बोलती है, "मैं अभी ही बात करूंगी चलो जल्दी उठो और रेड्डी हो जाओ, वरना मैं तुम्हे परेशान करती रहूंगी"।

तभी आर्यन उठ जाता हैं । तब माया बोलती है, "वेरी गुड माय बॉय"।

उसके बाद माया कमरे से चली जाती हैं।

अबीर अपने कमरे में गुमसुम सा बैठा रहता है। तभी वहा पर ऋतु आती हैं और बोलती है, "आप बस मजनू बन कर ही बैठे रहिय, क्योंकि आपसे कुछ होने वाला तो है नही"।

तब अंकुर बोलता है, "मैं क्या करु मैं जब भी उसे कुछ बोलना चाहता हूं तो कुछ न कुछ हो जाता हैं जिस वजह से मैं कुछ बोल नही पाता हूं, मगर इस बार मे चुप नही रहूंगा, मैं आलिया से अपने दिल का सारा हाल बता दूंगा"

तब ऋतु बोलती है, "ये हुई न बात, चलिए जल्दी से नाश्ता करने मम्मा बुला रही हैं"।

उधर आलिया की मम्मी ईशा के साथ दुकान जाती हैं समान लाने के लिए। उसके बाद मीनू आलिया से बोलती है, "दीदी मुझे आपको कुछ बोलना था..............