009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 21 anirudh Singh द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 21

चाइनीज आर्मी के हेलिकॉप्टर में सवार हो कर कमांडर चिन ची इस वक्त बीजिंग से वुहान की ओर बढ़ रहा था......साथ ही वह फोन पर अपने किसी अधीनस्थ से अपनी झुंझलाहट व्यक्त कर रहा था।

"नही पकड़ आये से क्या मतलब है तुम्हारा.......पलटन ले कर गए थे तुम्हारी फोर्स फिर भी मुंह की खा कर लौट आयी.....खबर मिलते ही,तुम तुरन्त पहुंच कर उनको पकड़ सकते हो,यह सोच कर ही तुम और तुम्हारी बकवास पुलिस पर भरोसा किया था......पर तुम सब नाकारा निकले......"

शायद फोन पर दूसरी ओर वुहान शहर के पुलिस प्रमुख थे.....जिन्होंने ही कमांडर 'चिन ची' के इमरजेंसी ऑर्डर्स मिलते ही ध्रुव को पकड़ने के लिए गटर में पुलिस फोर्स भेजी थी।

...........................................................

ध्रुव और जॉन अब गटर से निकल कर वुहान शहर की मुख्य सड़क पर आ चुके थे........गटर के ठीक बाहर फुटपाथ किनारे एक लाल रंग की स्पोर्ट्स बाइक बीएमडब्ल्यू आर 1250 उनका इंतजार कर रही थी.....बाइक में चाभी पहले से लगी हुई थी.....जिससे पता चल रहा था कि अभी कुछ देर पहले ही इस बाइक को यहां पर रखा गया है.......सब कुछ योजनांतर्गत हो था ।

बाइक के साथ दो हेलमेट्स अटैच थे,जिनको तुरन्त ही ध्रुव और जॉन ने पहन लिए.......

1250 सीसी वाली यह शानदार बाइक स्टार्ट होते ही ध्रुव जैसे कुशल ड्राइवर के हाथों में पड़ते ही सेकेंड्स में ही हवा से बातें करने लगी।

मगर अब सब सामान्य नही था......अब तक सारे वुहान पुलिस प्रशासन के साथ साथ लोकल इंटेलिजेंस एवं सभी सिक्योरिटी एजेंसीज भी हाई अलर्ट मोड़ पर आकर मोर्चा संभाल चुकी थी.......

उस गटर से निकलते वक्त तो तय योजना के अनुसार जेनी द्वारा एक बार फिर से शहर के कंट्रोल रूम का सीसीटीवी सर्वर हैक करके ध्रुव को गटर से निकलते हुए सभी की नजरों से बचा लिया गया था..........मगर इस का साइड इफेक्ट यह हुआ कि मामले की जांच में लगी चाइनीज इंटेलिजेंस की टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी कि वुहान लैब से लेकर सिटी कंट्रोल रूम ...सभी जगह के सीसीटीवी सर्वर में घुसपैठ की गई है..........
उधर वुहान लैब की सिक्योरिटीज ने भी गटर के अंदर बेहोश पड़े अपने दो स्वीपर्स को भी बरामद कर लिया था।

तो निष्कर्ष यह निकला कि मामला अब बेहद गम्भीर एवं रिस्की हो गया था.....शहर के चप्पे चप्पे की प्रत्येक मूवमेंट पर कंट्रोल रूम के द्वारा सूक्ष्मता से नजर रखी जा रही थी........चाइनीज सायबर सिक्योरिटी टीम के द्वारा शहर के किसी भी सर्वर में दोबारा घुसपैठ रोकने के लिए सभी सरकारी एवं निजी सर्वर्स को एक्सट्रा लेयर्स सिक्योरिटी देने के साथ साथ पूर्व में किये गए हैकिंग अटैक की एक्यूरेट लोकेशन का पता लगाया जा रहा था।

वुहान की सुपर फास्ट सड़को पर फर्राटे के साथ भाग रही ध्रुव की वह सुपर बाइक जल्द से जल्द उस जगह पहुंचना चाह रही थी,जहाँ जेनी वैनिटी वैन में उसका इंतजार कर रही थी...दोनो के बीच मुश्किल से पांच किमी की दूरी होगी.....पर अचानक से सक्रिय हो चुके चाइनीज सुरक्षा बलों के कारण इस पांच किमी की दूरी को पार करना काफी दुर्गम तो था ही, साथ ही उनके द्वारा जेनी को भी किसी भी वक्त ट्रेस किया जा सकता था............

पर कहते है न कि अच्छा वक्त जब आता है तो चारो तरफ से आता है, ठीक उसी तरह बुरा वक्त भी जब आता है तो कोई भी गुंजाइश नही छोड़ता है.......ठीक एक साथ ध्रुव और जेनी दोनो ही ट्रेस हुए........चाइनीज हैकर्स पहले तो जेनी द्वारा ऑपरेट किये जा रहे उस सर्वर तक पहुंचे, जहां से शहर के सीसीटीवी सिस्टम को हैक किया जा रहा था.....और फिर वहां मौजूद जेनी के ट्रांसमीटर सिग्नल्स से कनेक्टेड ध्रुव को भी उन्होंने खोज निकाला....

अब ध्रुव और जेनी दोनो को ही वुहान के कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जा रहा था ......और उन दोनों की ही लोकेशन्स वहां मौजूद आर्म्ड फोर्सज के साथ शेयर भी कर दी गयी।

इस सारे ऑपरेशन को कमाण्डर चिन ची के निर्देशों के द्वारा ही ऑपरेट किया जा रहा था.....जिसका हेलीकॉप्टर वुहान की सीमा में बस प्रवेश किया ही जाने वाला था।

लोकेशन्स मिलते ही पहले से अलर्ट चाइनीज आर्म्ड फोर्सज की एक टीम बिना देरी किये उस पार्किंग में मौजूद वैनिटी वैन तक पहुंच चुकी थी......जिसमें जेनी मौजूद थी।

बुलेट प्रूफ़स जैकेट्स, हेलमेट्स ,हाथों में ऑटोमैटिक गन्स लिए हुए अटैकिंग पोजीशन्स में उस वैन की घेरा बन्दी करने के बाद सबसे थर्मल स्कैनर्स द्वारा इस बात की पुष्टि की कि पार्किंग में खड़ी उस वैन में कोई इंसान मौजूद है........उसके बाद उसमे मौजूद अपने दुश्मन को लउड़स्पीकर द्वारा अल्टीमेटम देते हुए सरेंडर करने को दबाब बनाया.....पर अंदर से कोई भी प्रतिक्रिया नही आने पर अभी वह चाइनीज सैनिक सधे हुए कदमो के साथ उस वैन की ओर बढ़े ही थे कि अचानक से उस कार का बैक पैनल ओपन हुआ और उसमें से गोलियों की बौछार होने लगी........हालांकि उन गोलियों से किसी का नुकसान नही हुआ पर उन चायनीज्स ने वैनिटी वैन पर जबाबी फायरिंग स्टार्ट कर दी........चाइना के जबरदस्त विध्वंसक हथियारों से निकलती आग में लिपटी गोलियों के सामने मात्र कुछ ही सेकेंड्स में उस वैनिटी वैन के हर हिस्से में असंख्य छेद हो गए.........जिसकी हालत देख कर साफ पता चल रहा था कि यदि कोई शख्स इसके अंदर होगा तो अब तक उसके जिस्म के हर हिस्से के चीथड़े उड़ चुके होंगे।

वह सैनिक पूरी तरह से आश्वस्त हो चुके थे कि वैन में मौजूद दुश्मन को वह आसानी से मार गिराने में सफल हो चुके है......अपने ऑफीसर्स को वायरलेस द्वारा यह सूचना देने के बाद वह वैन के नजदीक पहुंचे......दरवाजे को हल्का सा हाथ लगाते ही वह टूट कर नीचे गिर पड़ा।

अभी उनमें से दो तीन चाइनीज्स कबाड़ बन चुकी वैन में जैसे तैसे बस घुस ही पाए थे......अंदर का नजारा देख वह चौंक उठे.........चाइनीज पुलिस का एक ऑफीसर्स वहां ढेर पड़ा था........मामला समझते उन्हें देर नही लगी......दरअसल वैन की थर्मल स्कैनिंग में पाए गए जिस इंसान को वह इंडियन एजेंट समझ रहे थे वह उन्ही के देश का एक पुलिस ऑफीसर्स था.......और वैन के अंदर मौजूद कन्ट्रोलिंग सिस्टम को देखने से उन्हें पता चल गया कि वैन से चलने वाली गोलियों को चलाने वाले उस पैनल को ऑटोमैटिक मोड़ पर पहले से ही सेट किया गया था.....जो कि सेंसर द्वारा आसपास की गतिविधियों को भांप कर स्वतः ही एक्टिवेट हो गया था।

वैनिटी वैन से निकले उन कुछ चाइनीज्स ने अभी बाहर खड़े अपने साथियों को स्थिति से अवगत कराने के लिए मुंह खोला ही था......कि एक जोरदार धमाका हुआ........और वह टूटी फूटी वैनिटी वैन आग की लपटों के बीच हवा में उड़ते नजर आई.......और साथ ही जमीन से कई फ़ीट ऊपर उड़ते नजर आए उन सभी चाईनीज्स के जिस्मो के टुकड़े भी......धमाका बहुत पॉवरफुल था......चारों ओर सिर्फ धुँआ ही धुँआ नजर आ रहा था.......

भारत को अक्सर कमजोर आंकने वाले चाइना को आज उसके घर मे ही घुस कर चुनौती दी गयी थी,इसलिए इस धमाके की गूंज तुरन्त ही वुहान से बीजिंग तक पहुंच चुकी थी......।

कहानी जारी रहेगी ।