मातृत्व - किराए की कोख - 1 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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मातृत्व - किराए की कोख - 1

"ऐसे नही,"सुशांत ने पत्नी को अपने से सटा या तो नताशा पति से अलग होते हुए बोली,"ऐसे नही।"
"तो कैसे?"
"पहले कंडोम।"
"ओहो नताशा,"पत्नी की बात सुनकर सुशांत बोला,"आखिर कब तक हम शारीरिक मि लन में इस बेजान चीज का सहारा लेते रहेंगे।"

सुशांत की नताशा से मुलाकात होटल शेरटन में न्यू ईयर पार्टी में हुई थी।पहली मुलाकात में ही दोनो एक दूसरे से प्रभावित हुए और दोस्त बन गए थे।
नताशा मॉडल थी।दोस्ती होने के बाद दोनों की फोन पर बातेहोने लगी।नताशा मॉडल थी,इसलिय फैशन शो में भाग लेती रहती थी।अन्य जैसे फिल्मी या अन्य बड़ी पार्टी में भी उसे बुलाया जाता था।नताशा ,सुशांत को पार्टियों में अपने साथ ले जाने लगी।वैसे तो नताशा मॉडलिंग में काफी बिजी रहती थी।लेकिन जब भी वह फ्री होती उसका समय सुशांत के साथ गुजरता।वे दोनों साथ खातेपीते,मूवी देखते या बीच पर बैठकर समुद्र की ठंडी लहरों का लुत्फ लेते।और समय गुजरने के साथ वे एक दूसरे को चाहने लगे।प्यार करने लगे।लेकिन सुशांत अभी तक अपने प्यार का इजहार नही कर पाया था।उसे डर था कि कही नताशा बुरा न मन जाए और उनकी दोस्ती खतरे में न पड़ जाए।
एक दिन सुशांत और नताशा जुहू बीच पर एकांत में एक चट्टान पर बैठकर समुद्र की ठंडी लहरों का आनद ले रहे थे।समुद्र में ऊंची ऊची लहरे उठत्ती और किनारे तक आती और उनके पैरों को छूकर वापस लौट जाती।दोनो लहरों को देख रहे थे।काफी देर से दोनो के बीच मे मोन पसरा हुआ था।उस मौन को तोड़ते हुए सुशांत बोला,"नताशा,मैं कई दिनों से तुमसे एक बात कहने की सींच रहा हूँ।"
"सोच रहे हो तो तुमने अभी तक कहि क्यो नही?"
"डरता हूँ।मेरी बात सुनकर तुम नाराज न हो जाओ।"
"कैसे मर्द हो तुम?"सुशांत की बात सुनकर नताशा खिल खिलाकर हसी थी।
"तुम हंस रही हो?"
"हंसु नही तो क्या करूँ?"हंसते हुए नताशा बोली,"अरे तुम्हारी बात सुनकर अगर नाराज हो जाऊं तो मुझे मना लेना।लेकिन जो बात कहना चाहते हो उसे मन मे मत रखो।कह डाला।"
"नताशा में तुम्हे चाहने लगा हूँ।प्यार करने लगा हूँ और तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ।"सुशांत ने एक ही सांस में अपबे दिल की बात नताशा से कह दी थी।
"जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही हर लड़की चाहे वह शिक्षित हो या अनपढ़,अपने भविष्य का सुंदर सपना देखने लगती है।सपनो में वह अपने भावी जीवनसाथी का चित्र बनाने लगती है।मैने भी सपना देखा था।और सपने में बनाये मेरे चित्र से तुम बिल्कुल मिलते हो।"
"तब तो अगर मैं तुम्हे प्रपोज करू तो तुम मेरे प्रपोसल को स्वीकार कर लोगी?"सुशांत की बात सुनकर नताशा ने कुछ कहा नही सिर्फ सुशांत को अपने सीने से लगा लिया।
"मैं आज बहुत खुश हूँ।"नताशा की स्वीकृति मिलने पर सुशांत बोला।
"क्यो?"
"जैसी सुंदर पत्नी की मैंने कल्पना की थी।उससे भी ज्यादा तुम सुंदर हो,"सुशांत बोला,"हम शादी कब कर सकते है?"
"जब भी तुम चाहो।"
और नताशा की स्वीकृति मिलते ही चट मंगनी और पट ब्याह।नताशा ने शादी पर होटल ताज में एक शानदार पार्टी दी थी।इस पार्टी में मॉडलिंग और फिल्मी लोगो के अलावा पत्रकार और दोस्त रिश्तेदार भी बुलाये थे।पार्टी में डांस मस्ती और हसी मजाक चलता रहा।