The Author Karunesh Maurya फॉलो Current Read एक बचपन की कहानी । By Karunesh Maurya हिंदी आध्यात्मिक कथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books निलावंती ग्रंथ - एक श्रापित ग्रंथ... - 1 निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी।निलावंती ग्रंथ Revenge Love - Part 2 वो एक दुकान के सामने जा कर खड़ी हो जाति है .. वो पूरी दुकान... शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 20 "शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"(पार्ट -२०)इंसान के स्वभाव को... बैरी पिया.... - 52 अब तक: शिविका ने अपनी साड़ी संभाली और वह भी उनके पीछे जाने ल... तेरी मेरी यारी - 7 (7)अगले ही दिन सब इंस्पेक्टर राशिद एक हवलदार के साथ... इश्क दा मारा - 23 बंटी की बाते सुन कर यूवी बोलता है, "मुझे क्या पता कि इसने मु... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे एक बचपन की कहानी । (1) 1.3k 3.6k बचपन का ये वक्त हमेशा से ही बच्चों के लिए सबसे सुंदर अवधि रहा है। जब हम छोटे होते हैं तो हमारी दुनिया बहुत सीमित होती है। हमारे जीवन में खेल-खेल में बड़े होने का सपना, सफलता के लिए तैयारी का उत्साह और पारिवारिक सम्बन्धों के महत्व को सीखने का समय होता है। यहीं एक बचपन की कहानी है।एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम सुमित था। सुमित एक बहुत ही खुशमिजाज और उत्साही बच्चा था। उसके पास अपने छोटे-छोटे खिलौने थे, जिन्हें उसने हमेशा अच्छी तरह संभाला और संरक्षित रखा। उसके माता-पिता ने उसे स्कूल जाने के लिए भेजा, जहां उसने अपने पहले दोस्त बनाए। सुमित अपनी दोस्तों के साथ खेलता था, उनसे पढ़ाई करता था और खुश रहता था।बचपन में सुमित को अपनी माँ के साथ सबसे ज्यादा समय बिताने का मौका मिलता था। वह उसके साथ बहुत सारे खिलौने लेकर खेलती थी, उसके लिए खाना बनाती और सुमित की माँ उसे हमेशा समझाती थी कि सफलता का रहस्य उसके अंदर है। उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रेरित करती थी। सुमित अपने दोस्तों से अलग था। वह दूसरों से अधिक सोचता था और एक दिन उसने एक नया खिलौना बनाया, जो कि बहुत ही अलग था। यह उसके दोस्तों के लिए नया और अनोखा था। सुमित ने अपने दोस्तों को उस खिलौने का उपयोग कैसे करना है बताया और उन्हें यह भी सिखाया कि कोई भी चीज करने के लिए अपने दिमाग का सही इस्तेमाल कर सकता है।बचपन का वह समय था जब दुनिया की कोई भी चीज असंभव नहीं लगती थी। सुमित ने इस समय को पूरी तरह से उपयोग किया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हो गया। वह आज एक बड़ा आदमी है और उसने अपने बचपन के सपनों को पूरा कर लिया है।इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बचपन का समय हमारी जिंदगी में सबसे खूबसूरत अवधि होती है।यह हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अवधि होती है जब हम नई चीजें सीखते हैं और अपनी परिभाषाओं को निर्मित करते हैं। यह एक ऐसी अवधि होती है जिसमें हमें सीखने की आवश्यकता होती है जो हमारी आने वाली जिंदगी में हमें सफलता और खुशी के मार्ग पर ले जाती है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा नयी चीजों का सामना करना होता है और हमें सकारात्मक होना चाहिए।यह कहानी बचपन की उन यादों को ताजा करती है जो हमारे जीवन में सबसे खुशी और प्रफुल्लित करने वाली होती हैं। हमें याद रखना चाहिए कि हमेशा सकारात्मक रहने का प्रयास करें और हमेशा अपने सपनों का पीछा करें। हमें अपनी जिंदगी को संवेदनशील बनाना चाहिए, नई चीजों का सामना करना चाहिए और सकारात्मक विचारों का सही इस्तेमाल करना चाहिए।बचपन एक ऐसा समय होता है जब हम अपनी नई परिभाषाएं बनाते हैं, संवेदनशील होते हैं और सबकुछ संभव होता है। यह हमारीबचपन की उन यादों को याद करना एक आनंद का अनुभव होता है। जब हम बचपन में होते हैं, तो हमें अपनी जिंदगी की सीमाएं पता नहीं होती हैं और हम समय का आनंद लेते हैं। बचपन में हम समय के लिए नहीं बल्कि समय से खेलते हैं। हम सोचते नहीं हैं कि क्या होगा अगले पल, हम सिर्फ अपनी मौज में जीते हैं।बचपन की यादें अगर हमें जीने की प्रेरणा देती हैं, तो वे हमें सही राह पर चलने के लिए भी प्रेरित करती हैं। बचपन की यादें एक जादू की तरह होती हैं जो हमें अपनी जिंदगी के साथ हमेशा रहने के लिए प्रेरित करती हैं। बचपन में हमें अपने आसपास की सबसे छोटी चीजों में खुशी मिलती है। हमें वह जानवर, पेड़, पौधे आदि कुछ नए दुनिया से अधिक नहीं लगते थे लेकिन वे हमें खुशी देते थे। Download Our App