रुम नं १३ एक रहस्यमय कमरा था । जिसके साथ कई धारणा ए जुड़ी हुई थी। एक प्रेमियुग्ल की कहानी । एक लड़की की आत्महत्या की कहानी! । एक रहस्यमय रास्ते की कहानी । और एक प्रेमी की सदियों से इंतजार की कहानी इसी कमरे से शुरू होती है ।
बॉम्बे एक एसा शहर जहां कभी रात नहीं होती यहां हर कोई सपनों की दुनिया में जागता है। और उसे पूरा करने के लिए जान लगा देते हैं। जितनी चमकदमक है इस शहर में उतना ही अंधेरा है । अपने खवाबो को पूरा करने के लिए अनामी भी लखनऊ से बॉम्बे आयी थी। कांताविलास चोल जहा काफी फैशन डिजाइनर फेमस हो चुके हैं। उनमें से एक है अथर्व शर्मा...।अनामी के लिए सब कुछ उसकी रात दिन सुबह शाम वह सांस लेना भूल जाए पर अथर्व शर्मा को नहीं भूल सकती । इसीलिए अनामी अपने ख्वाब की शुरुआत यही से करना चाहती थी। तो अब देखते है आगे क्या होगा ।
अनामी आज सुबह ही बॉम्बे पहुंची। इस शहर की लाईफस्टाईल उसके लिए बिलकुल नयी बात थी। वह शहर को टैक्सी मे बैठकर देख रही थी। शहर की ठंडी हवा उसके सपनों को और भी उड़ान दे रही थी । इस नयी ज़िन्दगी को आंखे बंद करके महसूस ही कर रही थी की तभी ड्राईवर उसे कहता है। कि मैडम आपका बताया हुआ पता आ गया। अनामी मुस्कुराते हुए ड्राईवर को किराया देती हैं। और सामान को डिकी में से निकालते हुए चौल की ओर देखती है। और कहती है फाइनली आ ही गई में अपने हीरो की चौल में....! । वह सामान को लेते हुए आगे बढ़ती है। तभी सभी लोग उसे देख रहे होते है और कुछ बाते कर रहे होते हैं । वह सोच रही होती है शायद वह नई है इसलिए ऐसे बीहेव कर रहे हैं। वह सीडीया चड़ती है.... और तभी ऊपर जाते हुए वह एक बच्चे से पूछती है; की रूम नंबर १३ किस तरफ है। यह सुनकर लड़के की मा लड़का जवाब दे उससे पहले ही रूम में ले जाकर दरवाजा बंद कर देती है। यह देखकर अनामी थोड़ा अजीब महसूस करती है फिर वह आगे थोड़ा और चलती हैं। तो थोड़े ही दूर चार कमरों को छोड़कर रूम नंबर १३ लिखा हुआ दिखता है। वह कीयस निकालने के लिए जैसे ही पर्स खोलती है। तो उसका ध्यान चौल के ग्राउंड की और जाता है। सारे चाल वाले उसीकी और देख रहे थे। वह ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए कीयस निकालकर ताला खोलती है। जिससे सारे चौल में बाते होने लगती है। अनामी सब को इग्नोर करते हुए सामान अंदर लेकर कमरे का दरवाजा बंद कर देती हैं। वह जैसे ही रूम की और देखती है तो काफी अच्छा था। सिम्पल सा रूम था जो की उसे काफी सस्ते दाम पर किराए पर मिला था। जिस वजह से उसके काफी पैसे भी बच गए थे। वह अपने बैग को साइड में रख के किचन की ओर जाती है। और वहां चाय के लिए बर्तन ढूंढती है काफी ढूंढने पर उसे छोटी सी पतीली मिलती है। वह पानी के लिए नल स्टार्ट करती है। लेकिन नल में से पानी नहीं आता... इसीलिए वाह अपनी पानी की बोतल मैं से थोड़ा पानी पतीली में डालती है। और और एक टीबैग उसमें डाल के उबालने के लिए गैस स्टोव पर रखती है। जैसे ही चाय थोड़ी उबलने लगती है। तभी वह गैस स्टोव धीमी आंच पर रखकर फ्रेश होने के लिए वॉशरूम में जाती है। करीब 10 मिनट के बाद जब अनामी फ्रेश होकर आती है। तो देखती है गैस अपने आप बुझ गया है। और वह जैसे ही चाय को कप में रखने जाती है। तो देखती है कि चाय का रंग खून की तरह दिख रहा है। जिससे वह थोड़ी आश्चर्य में पड़ जाती है। फिर भी वह चाय को पिये बिना फेंकने के लिए जा रही होती है। कि तभी अचानक नल में से कुछ आवाज आती है। जिससे उसके हाथ में से कप गिर जाता है। वह पीछे मुड़ के देखती है तो नल में से अजीब तरह की आवाज आ रही होती है। धीरे धीरे नल के करीब जाती है। जैसे ही वह नल के करीब पहुंचती है तो अचानक नल में से लाल रंग का पानी निकलता है। जिससे वह चीख पड़ती है और नल को बंद कर देती है। अनामी जैसे तैसे खुद को संभालती है। और चेंज करके अपने ऑफिस के लिए निकलने की तैयारी करती है। तभी अचानक बेडरूम के तरफ की खिड़की मैं से आवाज आती है। जिससे अनामी और भी डर जाती है। बेडरूम में जाकर खिड़की को बंद कर देती है । जैसे ही वह जाने की कोशिश करती है कि रूम में से लाइट चली जाती है। और पायल की आवाज आती है अनामी यह सुनकर चिख निकल जाती है। और जल्दी से अपने मोबाइल की लाइट को ऑन करते हुए कमरे से निकल जाती है। वह दौड़ते हुए चोल से बाहर जाते हुए ऑटो में बैठ जाती है। और खुद को संभालने की कोशिश करती है।