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શરૂઆત આપણી (કાવ્ય) - दिल कि बात

समय की बात तो सुनिए 
कभी दिल कि बात तो कहिए 
कभी मेरी प्यार की कहानी सुनिए 
कभी अपनी दर्द कि कहानी कहिए 
दीदार से बढी धड़कन को तो सुनिए 
कभी उस मेहबुब को भी तो देखीए

      इंतज़ार 

दिल तुझे किसका इंतज़ार है अब 
खतम हो गया हमारे दरमियान सब 
कैसे जीना है मुजे अब
सिख लिया बेवफ़ा से सब
इतना भी दिल लगाना उससे अब
कि यादे दर्द-ए-दिल बन जाये सब
कुछ तो बता दे ए मेरे रब 
कैसा हैं मेरा दिलबर अब 
दिल तुझे क्यों इंतज़ार हैं अब
छोड़ के चला गया है वह सब


         पानी 
    
जीवन एक बहता पानी हैं 
यही बनी अपनी कहानी हैं
सदीयो से सुखा पडा बंजर दिल
डूब गया प्यार के पानी मैं 
कभी गम की बाढ़ मे डूबोना 
कभी खुशी के बहाव मैं बहाना
कभी इस पानी का थम जाना 
यही तो सच्चे प्यार कि निशानी हैं
अनजानी या जानी पहचानी बस 
एसी हमारे प्यार कि कहानी हैं
जीवन एक बहता पानी हैं



    कमी सी 

एक कमी सी रहती हैं
ये जिंदगी इतनी सी ही तो है
ना जाने क्यों इतना सहती हैं 
खामोशिया भी कुछ कहती हैं
आंखे दिदार को तडपती रहती हैं
तुम्हारे ख़्वाब की नदीयो मै बहती हैं 
एक तुम और तुम्हारी यादें 
इसी मे मेरी दुनिया बसती हैं 
तभी तो यही कहती हैं 
एक कमी सी रहती हैं 
जिंदगी बेरुखी सी लगती हैं


     सुबह 

सुबह का मंजर तो देखो 
लहु भी ना निकला और तोड़
के रख दे वो खंजर को तो देखो
जिसे दवा बनाये वही दर्द निक्ले 
इस जिंदगी के बवंडर को तो देखो 
दर्द का समंदर हैं पास मेरे कभी 
टूटे हुये दिल के अंदर तो देखो
तेरी यादो के समंदर को तो देखो 
कभी थे उसके दिल के अंदर 
पराये बने इस दिलबर को देखो
सुबह का मंजर तो देखो 
बेरुखी से भरा ये मंजर तो देखो



       
  
ये मोह्ब्ब्त के हादसे अकसर
दिलो को तोड़ देते हैं
तुम मंजिल कि बात करते हो
लोग तो राहो मे छोड़ देते हैं


      तन्हाई 

 आज बहुत तनहाई हैं  
रोशनी मे भी अंधेरे 
कि परछाई हैं 
उसी गलीयो मैं साथ हैं
तुम्हारे किसी और कि परछाई 
कभी ढूँढते थे लाखों दफ़ा हमे 
आज यादें दे रही हैं वफ़ा वही हमे 
कहा करते थे तुम हि मुजे 
अंधेरो से रोशनी तक साथ हु 
आज फ़िर से उसके साथ तनहाई हैं


          गीला 

धरती सुनहरी अम्बर नीला 
तेरी आँखों में यही मिला 
बारिश के पानी की तरह 
बरसते हुये दिल मे मिला 
फूल कि तरह तुम मेरे 
दिल ओ दिमाग मे खिला 
सुरज कि तरह एसे तुम 
आँखें मे मुस्कराते हुये मिला
फ़िर चान्द कि तरह आंखों मे
चमकते हुये आसू बनकर मिला 
लिखी थी जुदाई प्यार मैं 
फ़िर क्या करू तुमसे गिला


       शुरूआत 
       
दिन कि शुरूआत करे 
कभी बिन कहे मुझे याद करे
क्यों बदल गये हम वह 
तोड़ कर दिल मेरा वो फ़रियाद करे 
जहर देकर जिने की बात करे
ये सबकुछ भुलाकर हम 
फ़िर से एक नयी शुरुआत करे



      खालीपन
     
खालीपन क्या होता हे वो 
चान्द बिना चमक रहे सितारो से पूछो 
पतो के बिना पेड़ से पूछो 
बिना बारिश गरजते हुये बादल से पुछो 
टूटे हुये दिल से पुछो 
दर्द होते हुये मुस्कराते इंसान से पुछो 
प्यार में हारे हुये इंसान से पुछो 
खो कर जिने वाले इंसान से पूछो 
बिखरे हुये ख्वाब से पूछो 
खो कर जी रही इस जिंदगी ने कहा 
किसी का खवाब मे आना और
किसी ओर का हो जाना 
इसे कहते हैं खालीपन





       

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